Published 22:19 IST, October 16th 2024
'ये घर आने जैसा है', भारत के पूर्व विदेशी पिस्टल कोच ग्योरिक का बयान
भारत के कई स्टार निशानेबाजों के करियर को आकार देने वाले हंगरी के निशानेबाजी कोच कसाबा ग्योरिक के लिए फिर भारत आना एक मधुर और भावनात्मक ‘घर वापसी’ थी।
Indian Foreigner Shooting Coach: लंदन ओलंपिक 2012 के रजत पदक विजेता विजय कुमार और मेलबर्न राष्ट्रमंडल खेल 2006 के हीरो समरेश जंग जैसे खिलाड़ियों के करियर को आकार देने वाले हंगरी के निशानेबाजी कोच कसाबा ग्योरिक के लिए फिर भारत आना एक मधुर और भावनात्मक ‘घर वापसी’ थी।
आईएसएसएफ विश्व कप फाइनल के इतर बुधवार को ‘पीटीआई’ से बातचीत में ग्योरिक ने कहा-
ये घर आने जैसा है। यह उस समय की यादें ताजा करता है जब मैं कर्णी सिंह रेंज में भारतीय टीम को कोचिंग दे रहा था जिसमें विजय कुमार और समरेश जंग जैसे खिलाड़ी थे।
ग्योरिक ने 2004 से 2008 के बीच लगभग चार वर्षों तक भारतीय पिस्टल टीम के विदेशी कोच के रूप में काम किया और उनके कार्यकाल के दौरान कई पिस्टल निशानेबाजों ने देश के लिए पदक जीते। समरेश ने इस दौरान मेलबर्न राष्ट्रमंडल खेलों में पांच स्वर्ण पदक जीते और उन्हें ‘गोल्डफिंगर’ उपनाम मिला।
ग्योरिक वर्तमान में हंगरी की वेरोनिका मेजर को कोचिंग दे रहे हैं जिन्होंने पेरिस ओलंपिक में 25 मीटर स्पोर्ट्स पिस्टल में भारत की मनु भाकर को कांस्य पदक के मुकाबले में हराया था। ग्योरिक का कहना है कि जब वह टीम के कोच थे तब से भारतीय निशानेबाजों का उत्साह कई गुना बढ़ गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं इस बार भारत पहुंचा तो निशानेबाजों के उत्साह को देखकर हैरान रह गया। वे (प्रतियोगिता के लिए) कितने उत्सुक हैं। वे कितनी मेहनत करना चाहते हैं, यह बहुत अच्छा लगा।’’
ग्योरिक ने कहा, ‘‘मुझे समरेश पर विशेष रूप से गर्व है जो आज राष्ट्रीय पिस्टल कोच है। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है कि वह (मेरी सिखाए) कदमों पर चल रहा है।’’
मनु भाकर की तारीफ की
पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल और सरबजोत सिंह के साथ मिश्रित टीम स्पर्धा में दो कांस्य पदक जीतने वाली भारत की पिस्टल सनसनी मनु भाकर के बारे में ग्योरिक ने कहा कि यह निशानेबाज पिछले कुछ वर्षों से लगातार अच्छे नतीजे दे रही है और उसे अभी लंबा सफर तय करना है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह बताने की स्थिति में नहीं हूं कि उसे किसके साथ और कैसे तैयारी करनी चाहिए। मुझे यकीन है कि जो लोग उसकी मदद कर रहे हैं वे अन्य लोगों से बेहतर जानते हैं। पेरिस में उसने जो पदक जीते हैं जो इस बात का सबूत है कि वह सही रास्ते पर है। वह बहुत युवा है और उसे अभी लंबा सफर तय करना है।’’
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Updated 22:19 IST, October 16th 2024