Published 07:13 IST, October 15th 2024
Lord Hanuman Mantra: मंगलवार की शाम करें हनुमान जी के इन मंत्रों का जाप, जानें...
Hanuman Mantra in Sanskrit: मंगलवार के दिन हनुमान जी (Lord Hanuman) के इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं, जानते हैं इनके बारे में...
Hanuman Mantra in Sanskrit: मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है। ऐसे में इस दिन यदि कुछ मंत्रों का जाप करते हैं तो इससे न केवल हनुमान जी को प्रसन्न किया जा सकता है बल्कि उनकी कृपा भी प्राप्त की जा सकती है। ऐसे में इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि आप मंगलवार की शाम कौन-से मंत्रों का जाप कर सकते हैं।
आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि आप मंगलवार के दिन हनुमान जी (Lord Hanuman) के कौन-से मंत्रों का जाप कर सकते हैं। पढ़ते हैं आगे...
हनुमान मंत्र
- ॐ हं हनुमते नम:
- ॐ नोम भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा
- ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्
- ओम नमो भगवते हनुमते नम:
- ॐ हं पवननंदनाय स्वाहा
- ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमितविक्रमाय
प्रकट-पराक्रमाय महाबलाय सूर्यकोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा। - ओम नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय
सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा। - ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहरणाय
सर्वरोगहराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा। - मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं कपीश्वर |
यत्पूजितं मया देव! परिपूर्ण तदस्तु मे || - मर्कटेश महोत्साह सर्वशोक विनाशन
- वायुपुत्र ! नमस्तुभ्यं पुष्पं सौवर्णकं प्रियम् |
पूजयिष्यामि ते मूर्ध्नि नवरत्न – समुज्जलम् || - ॐ नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा
हनुमान जी की आरती
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
जाके बल से गिरवर काँपे ।
रोग-दोष जाके निकट न झाँके ॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई ।
संतन के प्रभु सदा सहाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
दे वीरा रघुनाथ पठाए ।
लंका जारि सिया सुधि लाये ॥
लंका सो कोट समुद्र सी खाई ।
जात पवनसुत बार न लाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
लंका जारि असुर संहारे ।
सियाराम जी के काज सँवारे ॥
लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे ।
लाये संजिवन प्राण उबारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
पैठि पताल तोरि जमकारे ।
अहिरावण की भुजा उखारे ॥
बाईं भुजा असुर दल मारे ।
दाहिने भुजा संतजन तारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें ।
जय जय जय हनुमान उचारें ॥
कंचन थार कपूर लौ छाई ।
आरती करत अंजना माई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
जो हनुमानजी की आरती गावे ।
बसहिं बैकुंठ परम पद पावे ॥
लंक विध्वंस किये रघुराई ।
तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Updated 07:13 IST, October 15th 2024