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Published 19:58 IST, August 24th 2024

भगवान कृष्ण ने आखिरी बार किसके लिए और किसके कहने पर बजाई थी बांसुरी? जानें तोड़ने के पीछे का कारण

Krishna Flute: भगवान कृष्ण को बचपन से ही बांसुरी बेहद प्रिय थी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उन्हें यह किसके कहने पर और किसके लिए आखिरी बार बजाई थी?

आखिरी बार कृष्णा ने कब बजाई थी बांसुरी? | Image: Freepik

Shri Krishna Ne Kiske Liye Akhiri Bar Basuri Bajai Thi: देशभर में जन्माष्टमी की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो चुकी है। घरों-बाजारों से लेकर मंदिरों तक में इसकी धूम देखने को मिल रही हैं। वहीं ऐसे में हर कोई श्रीकृष्णा से जुड़ी सभी पौराणिक कथाओं के बारे में जानना चाहता है। उन्हीं कहानियों में एक उनकी प्रिय बांसुरी की कहानी भी शामिल है। बहुत सारे लोग हैं, जो यह बात जानना चाहते हैं कि भगवान कृष्ण ने आखिरी बार किसके कहने पर और किसके लिए बांसुरी बनाई थी। तो चलिए आज हम आपको इसके बारे में बताते हैं।

हर साल भाद्रपद यानी भादो माह की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी (Janmashtami 2024) का पर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल इस तिथि का शुभारंभ 25 अगस्त 2024 दिन रविवार की रात 3 बजकर 39 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन 26 अगस्त 2024 दिन सोमवार की रात 2 बजकर 19 मिनट पर होगा। ऐसे में जन्माष्टमी (Janmashtami 2024) का पर्व 26 अगस्त को मनाया जाएगा। ऐसे में इस मौको पर आइए जानते हैं श्रीकृष्ण ने आखिरी बार किसके लिए और किसके कहने पर बांसुरी बजाई थी।

कृष्णा को किसने दी थी बांसुरी?

पौराणिक कथाओं के मुताबिक द्वापरयुग में जब भगवान विष्णु के आठवें अवतार यानी श्रीकृष्ण का जन्म हुआ तब सभी देवी-देवता भेष बदलकर उनके दर्शन के लिए धरती पर आ रहे थे। ऐसे में भोलेनाथ कैसे उनके दर्शन में पीछे रह जाते। वहीं वह भी उनके दर्शन के लिए आए, लेकिन अब प्रभु के दर्शन को आना था तो भला वो खाली हाथ कैसे जा सकते थे? शंकरजी के पास दधीचि ऋषि की अस्थि थी, जिससे उन्होंने एक बांसुरी बनाई और भगवान कृष्ण से मिलते हुए उन्होंने यह बांसुरी उन्हें भेंट स्वरूप दी। इसके बाद से ही कृष्ण ने बांसुरी को जिंदगी का अहम हिस्सा बना लिया और इस तरह वह मुरलीधर बन गए।

आखिरी बार कृष्णा ने किसके लिए बजाई थी बांसुरी?

भगवान कृष्ण की कल्पना उनकी मुरली यानी बांसुरी के बिना मुश्किल है। इसकी तान पर न सिर्फ इंसान बल्कि पुश-पक्षी और रेंगने वाले कीड़े तक झूमने लगते हैं। कृष्णा ने कभी भी बांसुरी को खुद से अलग नहीं किया, लेकिन एक समय ऐसा भी आया जब भगवान श्री कृष्ण को वृंदावन और अपनी राधा को छोड़कर मथुरा जाना पड़ा। तब राधा रानी ने अपने कृष्ण से एक वचन मांगा था कि जब वह अपने अंतिम समय के निकट होंगी, तब एक बार कान्हा उन्हें दर्शन जरूर देंगे। भगवान श्री कृष्ण ने इस वचन को प्रेम सहित स्वीकार किया और उन्होंने वृंदावन में आखिरी बार बांसुरी बजाई थी और राधारानी से विदा लेने के बाद कन्हैया ने बांसुरी बजाना छोड़ दिया था।

कृष्णा ने क्यों तोड़ी थी बांसुरी?

कथाओं के अनुसार भगवान कृष्ण ने बांसुरी बजाना तो छोड़ दिया, लेकिन वह खुद से अलग नहीं कर पाए। वहीं जब कालांतर में राधारानी आखिरी बार द्वारिका में भगवान कृष्ण से मिली तब उन्होंने बताया कि अब उनका धरती से प्रस्थान करने का समय आ गया है। तब राधारानी ने कन्हैया से आखिरी बार बांसुरी बजाने का आग्रह किया और जैसे ही कृष्णा ने बांसुरी बजाई तो राधा जी अपना शरीर त्याग गोलोक धाम प्रस्थान कर गईं। इस घटना से भगवान कृष्ण इतने दुखी हुए कि अपनी प्रिय बांसुरी को तोड़ दिया।

यह भी पढ़ें… Janmashtami: जिस बांसुरी के बिना अधूरे हैं श्रीकृष्ण, वो उन्हें किसने दी थी और क्या है इसकी कहानी?

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Updated 19:58 IST, August 24th 2024

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