Published 09:20 IST, October 11th 2024
Kanya Pujan Niyam: करने जा रहे हैं कन्या पूजन? इन बातों का रखें खास ध्यान, वरना नहीं मिलेगा पूरा फल
Kanya Pujan 2024 Vidhi Niyam: नवरात्रि का व्रत कन्या पूजन के बाद ही पूर्ण माना जाता है। ऐसे में कन्या पूजन करते समय आपको कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए।
- धर्म और आध्यात्मिकता
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Shardiya Navratri 2024 Kanya Pujan Niyam: देशभर में नवरात्रि (Navratri) का त्योहार बेहद धूमधाम से मनाया जाता है। नौ दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। माना जाता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा और व्रत करने से माता प्रसन्न होकर भक्त की हर मनोकामना पूरी करती हैं।
नवरात्रि के व्रत को पूरा करने के लिए कन्या पूजन करने का विधान होता है। ये कन्या पूजन (Kanya Pujan) नवरात्रि के अंतिम दिन यानी अष्टमी या नवमी के दिन किया जाता है। कन्या पूजन के लिए कन्याओं को घर बुलाकर उन्हें भोजन करवाया जाता है और फिर उनसे आशीर्वाद लेकर हंसी-खुशी विदा किया जाता है। इस बार अष्टमी और नवमी तिथि आज यानी शुक्रवार, 11 अक्टूबर के दिन एक साथ पड़ रही है। ऐसे में अगर आप भी आज कन्या पूजन करने जा रहे हैं तो आपको कई बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं इस बारे में।
कन्या पूजन करते समय ध्यान रखें ये बातें (Navratri 2024 Kanya Pujan Niyam)
- कन्या पूजन करने के लिए आपको कन्याओं के घर जाकर सम्मान के साथ उन्हें कन्या भोज के लिए सम्मान के साथ आमंत्रित करना चाहिए।
- ध्यान रहे कि आपको नौ कन्याओं समेत एक बालक को कन्या पूजन के लिए आमंत्रित करना है, जिन्हें भैरव भैया माना जाता है।
- जब ये कन्याएं कन्या पूजन के दिन घर पर पधारती हैं, तो आपको सबसे पहले दूध या पानी से उनके हाथ और पैरों को धोना है।
- इसके बाद आप कन्याओं के पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लें।
- इसके बाद कन्याओं के लिए तैयार किए गए आसन पर उन्हें बिठाएं।
- अब कन्याओं को तिलक और अक्षत लगाएं।
- फिर उनके हाथों में कलावा बांधें।
- इसके बाद आप इन कन्याओं की आरती करें।
- आरती करने के बाद आप कन्याओं के समक्ष भोजन परोसें।
- अब माता रानी का नाम लेकर कन्याओं को भोजन का सेवन करने के लिए अनुरोध करें।
- इस बीच यदि किसी कन्या की थाली में भोजन खत्म हो जाता है तो पुनः उनकी थाली में भोजन परोसें।
- कन्याओं के भोजन करने के बाद उन्हें उपहार भेंट करें।
- अब उनकी विदाई करते समय कन्याओं और एक बालक से अपनी भूलचूक की क्षमा मांगे।
- इसके बाद उनके पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लें।
- इन सब नियमों को करने के बाद ही नवरात्रि कन्या पूजन पूर्ण माना जाता है।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Updated 09:20 IST, October 11th 2024