Published 20:40 IST, November 28th 2024
Margashirsha Amavasya: 30 नवंबर या 1 दिसंबर कब है मार्गशीर्ष अमावस्या? जानें शुभ मुहूर्त-पूजा विधि
जानें मार्गशीर्ष अमावस्या 2024 की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व। जानें इस पवित्र दिन पर स्नान, दान और पितरों को प्रसन्न करने के उपाय और कैसे पाएं विशेष पुण्य?
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Margashirsha Amavasya 2024 Date: हिंदू चंद्र कैलेंडर का एक महत्वपूर्ण दिन अमावस्या (Amavasya) बहुत ही खास माना जाता है। वैसे तो यह हर महीने पड़ता है, लेकिन कुछ अमावस्या (Amavasya 2024) साल में एक बार आती हैं, जिसका महत्व बाकी के मुकाबले कई गुना ज्यादा होता है। इसी में एक मार्गशीर्ष अमावस्या (Margashirsha Amavasya) भी है, जिसका हिंदू धर्म में विशेष स्थान और महत्व है। दरअसल, यह मास भगवान विष्णु को अति प्रिय है और इस महीने की अमावस्या तिथि पर उनकी विशेष पूजा अर्चना और व्रत का विधान है। हालांकि इस बार यह तिथि दो दिन पड़ रही है। ऐसे में लोगों में कंफ्यूजन है कि इस साल मार्गशीर्ष अमावस्या (Kab Hai Margashirsha Amavasya?) किस दिन है? तो चलिए आपको इसकी सही तारीख के बारे में बताते हैं।
हिंदू पंचांग (Hindu Almanac) के मुताबिक कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या (Kya Hoti Hai Amavasya?) के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म (Hindu Dharam) में इस दिन का बेहद खास महत्व माना जाता है। हर महीने की इस तिथि पर कोई न कोई पर्व जरूर मनाया जाता है। वहीं अगर मार्गशीर्ष अमावस्या (Margashirsha Amavasya Date 2024) की बात हो तो यह और भी महत्वपूर्ण पर्व बन जाता है, लेकिन इस बार यह दो दिन पड़ रहा है जिसकी वजह से इसकी डेट को लेकर लोगों में कंफ्यूजन है। तो चलिए इसके बारे में जानते हैं।
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कब है मार्गशीर्ष अमावस्या 2024? (Kab Hai Margashirsha Amavasya 2024?)
हर साल मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को मार्गशीर्ष अमावस्या (Margashirsha Amavasya) का पर्व बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है। इस बार इस तिथि की शुरुआत शनिवार 30 नवंबर, 2024 की सुबह 9 बजकर 30 मिनट से होगी, जो अगले दिन यानी रविवार 1 दिसंबर, 2024 की सुबह 11 बजे तक रहेगी। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार मार्गशीर्ष अमावस्या (Margashirsha Amavasya) 1 दिसंबर को मनाया जाएगा।
मार्गशीर्ष अमावस्या शुभ मुहूर्त (Margashirsha Amavasya Shubh Muhurat)
पंचांग के मुताबिक मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान और दान करना उत्तम होगा। इस दिन स्नान के लिए सुबह 5 बजकर 8 मिनट से लेकर सुबह 6 बजकर 2 मिनट का मुहूर्त है।
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मार्गशीर्ष अमावस्या पूजा विधि (Margashirsha Amavasya Puja Vidhi)
- मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन सूर्योदय से पहले उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें और फिर पूजा का संकल्प लें।
- इसके बाद भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हुए अपने पितरों को याद करें, क्योंकि इस दिन पितरों के नाम पर दान और धर्म का काम किया जाता है।
- इसके बाद पूजा स्थल की सफाई करें और उसे फूलों और दीपकों से सजाएं।
- इस दिन भगवान विष्णु और शंकर जी की पूजा करें।
- पूजा की शुरुआत करने के लिए दीये को जलाएं और भगवान को प्रणाम करें।ॉ
- देवी-देवताओं की पूजा करने के लिए फूल, अक्षत और अन्य प्रसाद का उपयोग करें।
- पूजा की समाप्ति करने के लिए आरती करें और भगवान को प्रणाम करें।
मार्गशीर्ष अमावस्या का महत्व क्या है? (What is significance of Margashirsha Amavasya?)
हिंदू धर्म में अमावस्या बहुत ही महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है। यह दिन पितरों को समर्पित होता है। इस दिन उनको याद किया जाता है और उन्हें सम्मान दिया जाता है। साथ ही इस अमावस्या के दिन लोग पितृ दोष से बचने के लिए तर्पण और पिंडदान करते हैं। साथ ही अमावस्या के दिन शनिदेव की पूजा का विशेष महत्व माना गया है। ऐसा माना जाता है कि इससे शनि के बुरे प्रभाव से मुक्ति मिलती है। कुछ लोग इस पवित्र दिन पर व्रत भी रखते हैं ताकि उनका मन और शरीर शुद्ध रहे। अमावस्या के दिन कई तरह के धार्मिक अनुष्ठान और पूजा-पाठ भी होते हैं।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
20:40 IST, November 28th 2024