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Published 12:28 IST, September 25th 2024

Mahalaxmi Vrat 2024: आज रखा है महालक्ष्मी का व्रत? शाम को जरूर करें इन मंत्रों का जाप

Mahalaxmi Vrat 2024 Mantra in Sanskrit: महालक्ष्मी व्रत के दौरान यदि कुछ मंत्रों का जाप किया जाए तो मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है। जानते हैं उनके बारे में...

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Mahalaxmi Vrat 2024 Mantra in Sanskrit: महालक्ष्मी व्रत 8 सितंबर को ही शुरू हो गया था। वहीं इसका समापन 25 सितंबर को यानि आज है। यदि आप भी इस दिन माता के लिए व्रत रख रही हैं तो ऐसे में माता को खुश करने के लिए उनके मंत्रों का जाप भी कर सकती हैं। मान्यता है कि यदि महालक्ष्मी आपसे प्रसन्न हो जाएं तो भंडारों के भंडार भर देती हैं। ऐसे में दूसरों से जुड़े कुछ मंत्र (laxmi Mnatra) आपके काम आ सकते हैं। 

आज का हमारा लेख आपके लिए है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि आप महालक्षमी व्रत के दौरान किन मंत्रों (Mantra in sanskrit) का जाप कर सकते हैं। पढ़ते हैं आगे… 

महालक्ष्मी मंत्र

  • ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नमः:।।
  • ऊँ श्रीं क्लीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।
  • ऊँ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:। ।
  • या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी।
    या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥
    या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी।
    सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥
  • श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा।
  • ॐ ह्रीं ह्रीं श्री लक्ष्मी वासुदेवाय नम:

लक्ष्मी स्तुति

  • आदि लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु परब्रह्म स्वरूपिणि।
    यशो देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
    सन्तान लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पुत्र-पौत्र प्रदायिनि।
    पुत्रां देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
    विद्या लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु ब्रह्म विद्या स्वरूपिणि।
    विद्यां देहि कलां देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
    धन लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व दारिद्र्य नाशिनि।
    धनं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
    धान्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वाभरण भूषिते।
    धान्यं देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
    मेधा लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु कलि कल्मष नाशिनि।
    प्रज्ञां देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
    गज लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वदेव स्वरूपिणि।
    अश्वांश गोकुलं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
    धीर लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पराशक्ति स्वरूपिणि।
    वीर्यं देहि बलं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
    जय लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व कार्य जयप्रदे।
    जयं देहि शुभं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
    भाग्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सौमाङ्गल्य विवर्धिनि।
    भाग्यं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
    कीर्ति लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु विष्णुवक्ष स्थल स्थिते।
    कीर्तिं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
    आरोग्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व रोग निवारणि।
    आयुर्देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
    सिद्ध लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व सिद्धि प्रदायिनि।
    सिद्धिं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
    सौन्दर्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वालङ्कार शोभिते।
    रूपं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
    साम्राज्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु भुक्ति मुक्ति प्रदायिनि।
    मोक्षं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
    मङ्गले मङ्गलाधारे माङ्गल्ये मङ्गल प्रदे।
    मङ्गलार्थं मङ्गलेशि माङ्गल्यं देहि मे सदा।।
    सर्व मङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
    शरण्ये त्रयम्बके देवि नारायणि नमोऽस्तुते।।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Updated 12:28 IST, September 25th 2024

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