Published 17:52 IST, November 25th 2024
Utpanna Ekadashi: 26 या 27 नवंबर कब रखा जाएगा उत्पन्ना एकादशी व्रत? जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
Utpanna Ekadashi 2024: मार्गशीर्ष के महीने में पड़ने वाली उत्पन्ना एकादशी का महत्व कई गुना अधिक होता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि यह इस बार कब है?
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Kab Hai Utpanna Ekadashi 2024 Date: हिंदू धर्म में हर महीने की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि ( Ekadashi ) बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस तिथि पर भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) और माता तुलसी (Tulsi) की पूजा का विधान है। वैसे तो हर महीने में दो एकादशी पड़ती है, लेकिन कुछ एकादशी साल में एक ही बार आती है, जिसकी वजह से उनका महत्व कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है। उन्हीं में एक उत्पन्ना एकादशी (Utpanna Ekadashi) भी है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान श्री कृष्ण (Shri Krishna) ने अपने परम मित्र सुदामा (Sudama) को इस व्रत के महत्व के बारे में बताया था। हालांकि इस बार इस उत्पन्ना एकादशी (Utpanna Ekadashi 2024) की तिथि को लेकर लोगों में काफी असमंजस है कि आखिर यह व्रत इस बार कब रखा जाएगा (Kab Rakha Jayega Utpanna Ekadashi Vrat)? तो चलिए आपको बताते हैं इस बार उत्पन्ना एकादशी (Utpanna Ekadashi Date) का व्रत कब रखा जाएगा?
हर साल मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन उत्पन्ना एकादशी (Utpanna Ekadashi) का व्रत रखा जाता है, लेकिन इस बार यह तिथि दो दिन पड़ रही है, जिसकी वजह से लोगों के मन में असमंजस है कि आखिर वह व्रत किस दिन रखें? अगर आप भी इस कश्मश में हैं, तो चलिए आपको बताते हैं कि उत्पन्ना एकादशी व्रत कब रखा जाएगा (Kab Rakha Jayega Utpanna Ekadashi Vrat)?
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कब रखा जाएगा उत्पन्ना एकादशी व्रत? (When Utpanna Ekadashi fast be observed?)
इस साल मागर्शीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी (Ekadashi 2024) तिथि की शुरुआत सोमवार 25 नवंबर, 2024 की देर रात 1 बजकर 1 मिनट से होगी, जो अगले दिन यानी मंगलवार 26 नवंबर, 2024 की देर रात 3 बजकर 47 मिनट पर खत्म होगी। ऐसे में उदया तिथि को मानते हुए इस बार उत्पन्ना एकादशी (Utpanna Ekadashi) का व्रत 26 नवंबर, 2024 दिन मंगलवार को रखा जाएगा।
उत्पन्ना एकादशी पूजा विधि (Utpanna Ekadashi Puja vidhi)
- उत्पन्ना एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले घर की सफाई करें और फिर स्नान करें।
- फिर साफ कपड़े पहनें और पूजा के लिए एक स्वच्छ और शांत स्थान तैयार करें।
- एक चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं फिर उसपर भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें।
- इसके बाद भगवान विष्णु को पंचामृत से स्नान कराएं। फिर टीका-चंदन और फल-फूल अर्पित करें और साथ ही घी का दीप प्रज्वल्लित करें।
- इसके बाद विष्णु चालीसा का पाठ करें और आखिरी में आरती और मंत्रों का जाप करें।
- फिर अंत में भोग लगाकर पूजा पूरी करें और सभी में प्रसाद वितरित कर दें।
उत्पन्ना एकादशी पूजा शुभ मुहूर्त और पारण समय?
- उत्पन्ना एकादशी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त (Utpanna Ekadashi Puja Shubh Muhurat) 26 नवंबर की सुबह 11 बजकर 47 मिनट से शुरू होगा, जो दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा।
- वहीं अगर बात करें उत्पन्ना एकादशी पारण के समय (Utpanna Ekadashi Parana Samay) की तो यह अगले दिन यानी 27 नवंबर की दोपहर 1 बजकर 12 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
17:05 IST, November 25th 2024