Published 19:27 IST, November 17th 2024
गिलहरी की पीठ पर बनीं 3 लाइनें हैं श्रीराम की भेंट, रामसेतु निर्माण के वक्त जब वानरों ने उछाला तो...
Squirrel got his stripes from Lord rama: गिलहरी की पीठ पर बनीं 3 लाइनें रामसेतु को बनाने के वक्त मिली थीं, जोकि स्वयं श्रीराम ने दी थीं।
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Ramayana Story in Hindi: बता दें कि गिलहरी और राम जी दोनों से जुड़ा एक संवाद है जिसके बारे में शायद ही आपको पता होगा। कहते हैं कि गिलहरी की पीठ पर बनीं 3 लाइनें श्री राम की देन हैं, जो रामसेतु के निर्माण के वक्त दी गई थी। ऐसे में इस संवाद के बारे में पता होना जरूरी है।
आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि गिलहरी की पीठ पर तीन लाइनें कैसे बनी थीं। पढ़ते हैं आगे...
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गिलहरियों की पीठ पर रेखाएं क्यों होती हैं?
बता दें, जिस वक्त रामसेतु का निर्माण वानर सेना द्वारा हो रहा था, उस वक्त सभी गिहलरियां भी अपने मुंह में मिट्टी कंकड़ को भरकर पत्थरों के बीच में डाल रही थीं। हालांकि वानरों को गिलहरियों के बार-बार बीच में आने के कारण दिक्कत हो रही थी। ऐसे में एक वानर ने गिलहरी से चिल्लते हुए पूछ लिया कि तुम इधर-उधर क्यों भाग रही हो। तुम हमें काम नहीं करने दे रहीं।
वानर ने उछाला गिलहरी को हवा में
तब वानर ने गुस्से में गिलहरी को उठाया और हवा में उछाल दिया। तब वह गिलहरी हवा में उड़ती हुई भगवान का नाम लेते हुए सीधा राम जी के हाथों में जा गिरी। जब उसने अपनी आंखें खोलीं तो वह बोली कि मेरा तो जीवन सफल हो गया मुझे आपके दर्शन हो गए। तब श्री राम ने वानर से पूछा कि तुमने गिलहरी को क्यों उछाला यह तो तुम्हारी मदद ही कर रही हैं। तुम्हारे द्वारा फेंके गए पत्थरों के बीच में छोटे-छोटे पत्थरों को डालकर तुम्हारे रामसेतु को और मजबूत कर रही है।
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तीन उंगलियों से बनाएं निशान
यह सुनकर वानर सेना काफी शर्मिंदा हुई। तब उन्होंने प्रभु राम और गिलहरी दोनों से क्षमा मांगी। फिर श्रीराम गिलहरी को अपने पास लेकर आए और उसे क्षमा मांगकर उनके कार्य के लिए सराहना की और उनकी पीठ पर अपनी उंगलियों से स्पर्श किया। जैसे ही श्री राम ने अपनी उंगलियां गिलहरी की पीठ पर लगाई। वैसे ही तीन रेखाएं बन गईं। कहते हैं कि गिलहरी के ऊपर श्री राम के निशान के रूप में राम, लक्ष्मण औैर सीता के प्रतीक के रूप में 3 रेखाएं मौजूद हैं।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
19:20 IST, November 17th 2024