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Published 08:31 IST, May 16th 2024

Guruwar Vrat: कर लिया इतने गुरुवार का व्रत तो बन जाएगा हर बिगड़ा काम, मिलेगा विष्णु जी का आशीर्वाद

Guruwar Vrat: अगर आप गुरुवार का व्रत करने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको ये जान लेना चाहिए कि कितने गुरुवार का व्रत करना शुभ माना जाता है।

भगवान विष्णु | Image: shutterstock
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Guruwar Vrat Niyam: हिंदू धर्म के अनुसार गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति देव को समर्पित है। गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना समेत व्रत करना भी काफी शुभ माना जाता है। इतना ही नहीं अगर कोई व्यक्ति गुरुवार का व्रत कर पूरे विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा करता है तो उसे विष्णु जी समेत मां लक्ष्मी का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।

गुरुवार का व्रत करने से सभी तरह के कष्टों से छुटकारा मिलता है और घर में शांति, धन और सुख-समृद्धि बनी रहती है। हालांकि कई लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती है कि उन्हें कितने गुरुवार का व्रत करना चाहिए। ऐसे में चलिए हम बताते हैं कि कितने गुरुवार का व्रत करना शुभ माना जाएगा।

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इतने गुरुवार का व्रत करना होता है शुभ (Kitne Din Rakhna Chahiye Guruwar Vrat)

अगर आप चाहते हैं कि भगवान विष्णु की कृपा आप पर हमेशा बनी रहे तो आप गुरुवार का व्रत 1, 3, 5, 7, एक साल, आजीवन या संकल्प के अनुसार कर सकते हैं। लेकिन 16 गुरुवार का व्रत करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि अगर आप 16 गुरुवार का व्रत करते हैं तो भगवान विष्णु खुश होकर व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी करते हैं। आप 16 गुरुवार का व्रत करने के बाद इसका उद्यापन कर सकते हैं।

गुरुवार के दिन ऐसे करें विष्णु जी की पूजा (Guruwar Vrat Puja Vidhi)

  • गुरुवार के दिन सूर्योदय से पहले उठकर घर की साफ सफाई करें।
  • फिर स्नान करके स्वच्छ व पीले रंग के कपड़े पहनें।
  • इसके बाद भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए गुरुवार के व्रत का संकल्प लें।
  • भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की विधि-विधान से पूजा करें।
  • भगवान विष्णु के व्रत में पीला फूल, पीला चंदन अर्पित करें।
  • कोशिश करें कि विष्णु भगवान को आप पीले रंग का भोग लगाएं।
  • गुरुवार के व्रत में आप भगवान को चने की दाल और गुड़ का भोग लगा सकते हैं।
  • इसके बाद आप धूप, दीप आदि जलाकर बृहस्पति देव के व्रत कथा का पाठ करें।
  • पूजा के दौरान आप अपनी गलतियों एवं भूल-चूक की माफी मांगें।
  • इसके अलावा आप केले की जड़ में जल अर्पित करें और गुड़-चने की दाल का भोग लगाएं।
  • फिर दिनभर फलाहार व्रत रखें और शाम को पीले रंग का भोजन ग्रहण करें।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

07:03 IST, May 16th 2024