Published 07:49 IST, October 15th 2024
Pradosh Vrat 2024: भौम प्रदोष व्रत आज, पूजा के समय जरूर करें इस स्तोत्र का पाठ
Bhaum Pradosh Vrat 2024: आज भौम प्रदोष व्रत के दिन आपको शिवजी की पूजा करते समय इस मंगलकारी स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
Bhaum Pradosh Vrat 2024 Stotra: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बेहद खास महत्व है। हर महीने के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस दिन विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा की जाती है। माना जाता है कि जो व्यक्ति श्रद्धाभाव से प्रदोष व्रत करता है उस पर भोलेनाथ की कृपा हमेशा बनी रहती है।
वहीं, आज यानी मंगलवार, 15 अक्टूबर के दिन प्रदोष व्रत किया जा रहा है। मंगलवार का दिन होने के कारण इसे भौम प्रदोष व्रत भी कहा जा सकता है। मान्यता है कि प्रदोष व्रत रखने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उसके जीवन में सुख-शांति हमेशा बनी रहती हैं। प्रदोष व्रत के दौरान जब आप शिवजी की पूजा करते हैं तो आपको कुछ मंगलकारी स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए। आइए जानते हैं इस बारे में।
भौम प्रदोष व्रत 2024 स्तोत्र (Bhaum Pradosh Vrat 2024 Stotra)
ऋणमोचन अङ्गारकस्तोत्रम्
रक्तमाल्याम्बरधरः शूलशक्तिगदाधरः।
चतुर्भुजो मेषगतो वरदश्च धरासुतः॥
मङ्गलो भूमिपुत्रश्च ऋणहर्ता धनप्रदः।
स्थिरासनो महाकायो सर्वकामफलप्रदः॥
लोहितो लोहिताक्षश्च सामगानां कृपाकरः।
धरात्मजः कुजो भौमो भूमिदो भूमिनन्दनः॥
अङ्गारको यमश्चैव सर्वरोगापहारकः।
सृष्टेः कर्ता च हर्ता च सर्वदेशैश्च पूजितः॥
एतानि कुजनामानि नित्यं यः प्रयतः पठेत्।
ऋणं न जायते तस्य श्रियं प्राप्नोत्यसंशयः॥
अङ्गारक महीपुत्र भगवन् भक्तवत्सल।
नमोऽस्तु ते ममाशेषं ऋणमाशु विनाशय॥
रक्तगन्धैश्च पुष्पैश्च धूपदीपैर्गुडोदनैः।
मङ्गलं पूजयित्वा तु मङ्गलाहनि सर्वदा॥
एकविंशति नामानि पठित्वा तु तदन्तिके।
ऋणरेखा प्रकर्तव्या अङ्गारेण तदग्रतः॥
ताश्च प्रमार्जयेन्नित्यं वामपादेन संस्मरन्।
एवं कृते न सन्देहः ऋणान्मुक्तः सुखी भवेत्॥
महतीं श्रियमाप्नोति धनदेन समो भवेत्।
भूमिं च लभते विद्वान् पुत्रानायुश्च विन्दति॥
मूल मंत्र
अङ्गारक महीपुत्र भगवन् भक्तवत्सल।
नमस्तेऽस्तु महाभाग ऋणमाशु विनाशय॥
अर्घ्यम्। भूमिपुत्र महातेजः स्वेदोद्भव पिनाकिनः।
ऋणार्थस्त्वां प्रपन्नोऽस्मि गृहाणार्घ्यं नमोऽस्तु ते॥
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Updated 07:49 IST, October 15th 2024