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Published 18:41 IST, December 14th 2024

देश की एकता हमारी प्राथमिकता है, अनुच्छेद 370 रुकावट था, इसलिए जम्मू-कश्मीर से हटा दिया- PM मोदी

लोकसभा में संविधान पर हुई चर्चा को लेकर विपक्ष को जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने का जवाब दिया है।

अनुच्छेद 370 रुकावट था, इसलिए जम्मू-कश्मीर से हटा दिया- PM मोदी | Image: X - SansadTV

PM Modi on Article 370: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में संविधान पर हुई चर्चा को लेकर विपक्ष को जवाब देते हुए जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने का जवाब दिया है। पीएम मोदी ने कहा कि हम विविधा को सेलिब्रेट करते हैं लेकिन गुलामी की मानसिकता में पले-बढ़े लोग विविधता में भी विरोधाभास की खोज करते रहे। ऐसे लोग विविधता के बावजूद भी देश में लगातार ऐसे जहरीले बीज बोने की कोशिश करते रहे जिससे कि देश की एकता को चोट लगे। अनुच्छेद 370 देश की एकता में बड़ी रुकावट बना हुआ था इसीलिए हमने अनुच्छेद 370 को जमीन में गाड़ दिया।  

इस दौरान पीएम मोदी ने लोकसभा में भारत की एकता और अखंडता पर जोर देते हुए कहा कि भारत की एकता ही संकल्प से सिद्धि तक पहुंचने के लिए सबसे बड़ी जरूरत है। पीएम ने आगे कहा कि देश की आजादी के बाद से देश की एकता पर विकृत मानसिकता और स्वार्थ की सियासतद की वजह से गंभीर हमले किए गए हैं। पीएम मोदी ने कहा, 'हमारी संस्कृति और परंपरा में विविधता को सेलिब्रेट करने की परंपरा है, लेकिन गुलामी की मानसिकता में पले-बढ़े लोगों ने हमेशा विविधता में विरोधाभास खोजने की कोशिश की।'

 

हमने शुरुआत से महिलाओं को भागीदार बनाया- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में  हमारे लिए गर्व की बात है की दुनिया के कई देश आज़ाद भी हुए और संविधान भी बना लेकिन महिलाओं को अधिकार देने में दशकों बीत गए लेकिन हमारे यहां शुरुआत से महिलाओं को वोट का अधिकार दिया गया। जब G20 सम्मिट हुआ हमने संविधान की भावना को बढ़ाते हुए वीमेन लेड डेवेलपमेंट के विचार को आगे रखा। पीएम मोदी ने कहा कि हम सभी सांसदों ने एक स्वर से नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित करके भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाये। हर बड़ी योजना के केंद्र में महिलाएं होती हैं। ये भी संयोग है की 75 वर्ष जब हम मना रहे हैं, तो राष्ट्रपति एक आदिवासी महिला हैं। इस सदन में भी महिला सांसदों की संख्या बढ़ रही हैं मंत्रिपरिषद में भी उनका स्थान बढ़ रहा है।


भारत को मदर ऑफ डेमोक्रेसी के नाम से जाना जाता है

संविधान निर्माता इस बात पर बहुत सजग थे वो भारत के जन्म को 1947  में नहीं मानते थे वो नहीं मानते थे की भारत में लोकतंत्र 1950  से आ रहा है। वो मानते थे भारत की विरासत को और वो सजग थे उनको उस बात का पूरा ध्यान था। भारत का लोकतंत्र और अतीत बहुत ही समृद्ध रहा है। भारत का अतीत विश्व के लिए प्रेरक रहा है इसलिए भारत आज मदर ऑफ डेमोक्रेसी के रूप में जाना जाता है। हम सिर्फ लार्जेस्ट डेमोक्रेसी नहीं हैं बल्कि हम मदर ऑफ डेमोक्रेसी हैं। 

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Updated 18:52 IST, December 14th 2024

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