Published 13:51 IST, February 26th 2024
भरूच सीट पर कांग्रेस बदलेगी अपना फैसला या अहमद पटेल के बेटे बागी उम्मीदवार के रूप में लड़ेंग चुनाव?
Bharuch सीट शेयरिंग पर कांग्रेस के हाथ न लगने से फैसल अहमद पटेल बेहद खफा हैं। उन्होंने इसे उम्मीद के उलट लिया गया फैसला करार दिया है।
Bharuch Seat Row: गुजरात कांग्रेस के भीतर घमासान मचा है। इंडी अलायंस के तहत भरूच और भावनगर सीट आप को दे दी गई। किसी जमाने में भरूच को कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। अहमद पटेल ने 1970 और 1980 के दशकों में तीन बार भरूच सीट से जीत दर्ज की थी। लेकिन पिछले 35 साल से कांग्रेस खुद को खड़ी नहीं कर पाई है। फिर भी दावा पक्का था फैसल का। अहमद पटेल के बेटे फैसल और बेटी मुमताज ऐतराज जताते रहे। बेटी ने घोषणा के बाद निराशा जताई और एक्स पर दुख जाहिर किया।
इस बीच आप उम्मीदवार चैतर वसावा ने दावा किया कि सीट से उनकी जीत अहमद पटेल को श्रद्धांजलि होगी। लेकिन दिवंगत नेता के बेटे फैसल पटेल ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता ‘इंडी' गठबंधन के तहत सीट छोड़ने के फैसले से खुश नहीं है। हालांकि, फैसल पटेल ने कहा कि वो कांग्रेस आलाकमान के फैसले का पालन करेंगे। उन्होंने कहा कि वह पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से मिलेंगे।
क्या बोले फैसल?
अहमद पटेल के बेटे ने कहा- उन्हें पूरे भारत में हर किसी के फोन आ रहे हैं, न केवल पार्टी कार्यकर्ता बल्कि नेता भी एकजुटता दिखा रहे हैं। वे कह रहे हैं कि अगर भरूच जैसा कुछ किसी अन्य पार्टी को दिया जा सकता है, तो उनका, पार्टी कार्यकर्ताओं और उनके निर्वाचन क्षेत्रों का क्या होगा। मैं अपने पिता के लोगों को निराश नहीं कर सकता। मैं यह चुनाव लड़ूंगा, चाहे कुछ भी हो।
सीट शेयरिंग में फिसली उम्मीदवारी
24 फरवरी को लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच कई राज्यों में सीट बंटवारे को लेकर बात बन गई। जिसमें गुजरात की दो सीट भरूच और भावनगर ‘आप’ को देने का फैसला किया गया। इसे लेकर गुजरात कांग्रेस में घमासान मच गया। यही नहीं, कांग्रेस के इस फैसले पर अहमद पटेल के बेटे फैसल पटेल ने भी आपत्ति जताई थी।
बेटी बोलीं - मैं निराश
अहमद पटेल की बेटी मुमताज पटेल ने भी कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व के इस फैसले पर नाराजगी जताई। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर कहा, “भरूच लोकसभा सीट को गठबंधन में सुरक्षित नहीं कर पाने के लिए हमारे जिला कैडर से गहरी माफी मांगती हूं। मैं आपसे निराश हुई हूं। हम साथ मिलकर कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए फिर से एकजुट होंगे। हम अहमद पटेल की 45 साल की विरासत को व्यर्थ नहीं जाने देंगे।”
तो क्या बगावत कर अलग होंगे फैसल?
सवाल यही उठने लगा है कि क्या ताजा घटनाक्रम के चलते फैसल पार्टी छोड़ देंगे या फिर पिता की विरासत संभालने की खातिर त्याग करेंगे? सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि हाल ही में कांग्रेस दिग्गजों की दूसरी पीढ़ी पार्टी को अलविदा कह अलग हुई है। खासकर महाराष्ट्र में आए दिन ऐसा देखने को मिल रहा है। जाने वाले अपनी बेकदरी और आलाकमान की ओर से नजरअंदाज किए जाने को बड़ा कारण बता रहे हैं।
क्यों आप के हाथ लगी सीट?
दरअसल, इस सीट पर कांग्रेस 35 साल से जीत दर्ज नहीं कर पाई है। इसलिए मौका आप ने लपक लिया। दावा प्रबल था पुराने आंकड़ों ने आम आदमी पार्टी के इकबाल को बुलंद कर दिया। भरूच लोकसभा सीट से कांग्रेस आखिरी बार 1984 में जीत हासिल की थी। पार्टी के नेता अहमद पटेल तब यहां से तीसरी बार सांसद चुने गए थे, लेकिन इसके बाद से पार्टी यहां पर 10 लोकसभा चुनाव गवां चुकी है। अब 18 वीं लोकसभा चुनावों में आप मौका चूकने देना नहीं चाहती थी और जोड़ तोड़ का समीकरण बता दावे पर मुहर लगा दी।
Updated 15:10 IST, February 26th 2024