Published 17:10 IST, November 10th 2024

ऑस्टियोपोरोसिस घटा सकता है आपकी उम्र, हड्डियों को ऐसे रखें स्वस्थ

ऑस्टियोपोरोसिस रोग में आमतौर पर पहला फ्रैक्चर होने तक कोई लक्षण नहीं दिखते। इसलिए इसे एक खामोश बीमारी माना जाता है। कुछ लोग इसे खामोश हत्यारा भी कहते हैं।

ऑस्टियोपोरोसिस | Image: Pixabay
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ऑस्टियोपोरोसिस रोग में आमतौर पर पहला फ्रैक्चर होने तक कोई लक्षण नहीं दिखते। इसलिए इसे एक खामोश बीमारी माना जाता है। कुछ लोग इसे खामोश हत्यारा भी कहते हैं। ऑस्टियोपोरोसिस एक हड्डी रोग है, जिसमें हड्डियों का घनत्व और ताकत कम हो जाती है। इसके कारण हड्डियां कमजोर और भंगुर हो जाती हैं, जिससे फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है, विशेष रूप से रीढ़, कूल्हे और कलाई की हड्डियों की।

नेशनल ऑस्टियोपोरोसिस फाउंडेशन के अनुमान के मुताबिक

  • नेशनल ऑस्टियोपोरोसिस फाउंडेशन के अनुमान के मुताबिक, एक करोड़ से ज्यादा अमेरिकी लोग ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित हैं। अन्य 4.3 करोड़ लोगों का अस्थि घनत्व कम है, जो ऑस्टियोपोरोसिस के शुरुआती संकेत हैं। 2030 तक, ऑस्टियोपोरोसिस या कम अस्थि घनत्व वाले वयस्कों की संख्या 30 प्रतिशत से ज्यादा बढ़कर 7.1 करोड़ होने का अनुमान है।
  • इस संख्या में वृद्धि के कारणों में जीवनशैली से जुड़ी समस्याएं, खास तौर पर धूम्रपान, शारीरिक गतिविधि की कमी और शराब का सेवन शामिल हैं। हमारी बढ़ती उम्र के साथ-साथ इस बीमारी पर अपर्याप्त ध्यान दिए जाने के कारण भी ऑस्टियोपोरोसिस के मामले बढ़ रहे हैं।
  • यदि आप वृद्ध हैं, तो ये आंकड़े पढ़ना निराशाजनक हो सकता है। लेकिन इस बीमारी का अध्ययन करने वाले हड्डी रोग विशेषज्ञों के रूप में, हम जानते हैं कि ऑस्टियोपोरोसिस अपरिहार्य नहीं है। जीवन भर स्वस्थ हड्डियों को बनाए रखने की कुंजी कुछ सरल निवारक उपाय करना है और इन्हें जितनी जल्दी अपना लें, उतना ही बेहतर है।
  • शुरुआत में लक्षण स्पष्ट नहीं होते, लेकिन कुछ संकेत बताते हैं कि आपकी हड्डियां कमजोर हो रही हैं। ऑस्टियोपोरोसिस की सबसे गंभीर जटिलताएं फ्रैक्चर हैं, जिसके कारण दीर्घकालिक दर्द, अस्पताल में भर्ती होना, दिव्यांगता, अवसाद, जीवन की गुणवत्ता में कमी और मृत्यु दर में वृद्धि हो सकती है। दुनिया भर में ऑस्टियोपोरोसिस के कारण हर साल लगभग 90 लाख लोगों को हड्डियों में फ्रैक्चर का सामना करना पड़ता है। यानी हर तीन सेकंड में ऑस्टियोपोरोसिस से एक फ्रैक्चर होता है।

लंबाई में कमी, पीठ दर्द

  • मामूली झटके या गिरने से फ्रैक्चर हो सकता है, खास तौर पर कूल्हे, कलाई या रीढ़ की हड्डी में। इस तरह के फ्रैक्चर अकसर बीमारी का पहला संकेत होते हैं।
  • यदि आप महसूस करते हैं कि आपकी लंबाई कम होती जा रही है, तो इसका कारण रीढ़ की हड्डी में संपीड़न फ्रैक्चर हो सकता है; यह भी ऑस्टियोपोरोसिस का एक सामान्य लक्षण है।
  • यद्यपि अधिकतर लोगों के लिए उम्र बढ़ने के साथ ऊंचाई कम होना सामान्य बात है। यानी पूरे जीवन भर में लगभग एक½ इंच (2.5 से 3.8 सेंटीमीटर)। लेकिन ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित जिन लोगों की रीढ़ की हड्डी में कई फ्रैक्चर होते हैं, वे अपेक्षाकृत कम समय में 2 से 3 इंच या उससे अधिक की ऊंचाई खो सकते हैं।
  • कमर झुकने या मुद्रा में स्पष्ट बदलाव कुबड़ युक्त चाल का कारण बन सकता है, जो इस बात का संकेत हो सकता है कि आपकी रीढ़ कमजोर हो रही है और घनत्व खो रही है।
  • लगातार पीठ दर्द एक और संकेत है - यह भी रीढ़ की हड्डी में छोटे-मोटे फ्रैक्चर या दबाव का नतीजा है।

कैल्शियम और विटामिन डी

  • ऑस्टियोपोरोसिस को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता, लेकिन कुछ जीवनशैली और आहार पद्धति आपके जोखिम को कम कर सकती हैं।
  • कैल्शियम और विटामिन डी हड्डियों के लिए आवश्यक है। कैल्शियम मजबूत हड्डियों के लिए आवश्यक है जबकि विटामिन डी कैल्शियम को सोखने में मददगार होता है। पचास वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं और 70 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों को प्रतिदिन भोजन से कम से कम 1,200 मिलीग्राम कैल्शियम लेना चाहिए तथा यदि आवश्यक हो तो पूरक आहार भी लेना चाहिए।
  • कैल्शियम प्राप्त करने का सबसे आसान तरीका डेरी उत्पाद हैं। दूध, दही और पनीर इसके सबसे समृद्ध स्रोतों में से हैं। एक कप दूध में लगभग 300 मिलीग्राम कैल्शियम होता है, जो दैनिक आवश्यकता का एक-चौथाई है। यदि आप शाकाहारी हैं, तो कैल्शियम कई पौधे-आधारित खाद्य पदार्थों में पाया जाता है, जिसमें सोया, बीन्स, मटर, दाल, संतरे, बादाम और गहरे हरे पत्तेदार साग शामिल हैं।
  • वयस्कों को प्रतिदिन कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों की दो से तीन खुराक लेने का लक्ष्य रखना चाहिए। भोजन के साथ दिन भर में इनका सेवन करने से अवशोषण में सुधार होता है।
  • विटामिन डी ज्यादातर पूरक और सूरज की रोशनी से प्राप्त होती है, जो अनुशंसित खुराक पाने का सबसे आसान तरीका है। अगर आप अपने हाथों, पैरों और चेहरे को सप्ताह में दो से तीन बार सुबह 10 बजे से अपराह्न तीन बजे के बीच 10 से 30 मिनट के लिए सीधे धूप में रखते हैं, तो आपका शरीर पर्याप्त विटामिन डी का उत्पादन करेगा।
  • हालांकि, इस संक्षिप्त अवधि के दौरान छोटी आस्तीन वाली शर्ट और शॉर्ट्स पहनना सबसे अच्छा है, लेकिन धूप का चश्मा पहनना चाहिए और चेहरे पर सनस्क्रीन लगाया जाना चाहिए। खिड़की से आने वाली धूप का वही प्रभाव नहीं होगा - कांच विटामिन डी उत्पादन के लिए आवश्यक यूवी किरणों के अवशोषण को कम करता है। गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों या कम धूप वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को समान प्रभाव पाने के लिए अधिक धूप की आवश्यकता हो सकती है।
  • यदि चिकित्सक ने आपको ऑस्टियोपोरोसिस होने की पुष्टि की है तो यह संभव है कि भोजन और सूर्य के प्रकाश से आपको मिलने वाला कैल्शियम और विटामिन डी पर्याप्त न हो; यदि आपको दवा की आवश्यकता है, तो आपको अपने चिकित्सक से पूछना चाहिए।

नृत्य और जॉगिंग भारोत्तोलन करें लेकिन शराब से बचें

  • नियमित व्यायाम ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में काफी मददगार हो सकता है। वजन कम करने वाले व्यायाम, जैसे तेज चलना, जॉगिंग और नृत्य, हड्डियों के घनत्व को बढ़ाने के लिए बहुत अच्छे हैं। शारीरिक क्षमता बढ़ाने वाले व्यायाम जैसे भारोत्तोलन स्थिरता और लचीलेपन में मदद करती है और गिरने का जोखिम कम होता है।
  • सप्ताह में कम से कम चार दिन 30 मिनट तक वजन उठाने वाले व्यायाम करने का लक्ष्य रखें, तथा सप्ताह में कम से कम दो बार मांसपेशियों को मजबूत करने वाले व्यायाम भी करें।
  • विशेष रूप से महिलाओं के लिए नियमित व्यायाम महत्वपूर्ण है, जो रजोनिवृत्ति के दौरान और बाद में हड्डियों का घनत्व खो देती हैं। यहां या उसके पार कर गई है क्योंकि उनकी हड्डियों का घनत्व कम होने लगता है। रजोनिवृत्ति से पहले व्यायाम करने से आपके बाद के वर्षों में ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम कम हो जाएगा।
  • हानिकारक आदतों से बचें क्योंकि धूम्रपान और अत्यधिक शराब पीने से हड्डियों का घनत्व कम हो सकता है और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ सकता है। गिरने से बचाव की रणनीतियां और संतुलन प्रशिक्षण महत्वपूर्ण हैं तथा फ्रैक्चर के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं।

जांच और इलाज

  • अमेरिकी प्रिवेंटिव सर्विसेज टास्क फोर्स के मुताबिक, महिलाओं को 65 वर्ष की आयु में ऑस्टियोपोरोसिस की जांच कराना शुरू कर देना चाहिए। पुरुषों को ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम वाले कारकों को लेकर जांच कराने का विचार करना चाहिए, जिसमें धूम्रपान, शराब का सेवन विकार, मधुमेह जैसी कुछ पुरानी बीमारियां और उम्र शामिल हैं। पुरुषों को 70 साल से अधिक उम्र के होने पर जोखिम अधिक होता है।
  • अस्थि घनत्व स्कैन और रीढ़ की हड्डी का एक्स-रे जैसी चिकित्सकीय जांच ऑस्टियोपोरोसिस की पुष्टि करने तथा संपीड़न फ्रैक्चर का पता लगाने में मदद कर सकती है। उम्र और चिकित्सा इतिहास के साथ ये बुनियादी परीक्षण स्पष्ट निदान करने के लिए पर्याप्त हैं।
  • ऑस्टियोपोरोसिस का प्रबंधन एक दीर्घकालिक प्रक्रिया है जिसके लिए जीवनशैली में निरंतर बदलाव की आवश्यकता होती है। शुरुआती चेतावनी संकेतों को पहचानना और जीवनशैली में ये सक्रिय बदलाव करना बीमारी को रोकने तथा अपनी हड्डियों को स्वस्थ रखने का पहला कदम है।

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Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधियां, तरीके और दावे अलग-अलग जानकारियों पर आधारित हैं।  REPUBLIC BHARAT आर्टिकल में दी गई जानकारी के सही होने का दावा नहीं करता है। किसी भी उपचार और सुझाव को अप्लाई करने से पहले डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।

17:10 IST, November 10th 2024