Published 11:17 IST, November 4th 2024

Periods के दौरान कम ब्लीडिंग हो सकती है इस बीमारी का संकेत! ये उपाय देंगे राहत

Hypomenorrhea: पीरियड्स के दौरान होने वाली कम ब्लीडिंग एक गंभीर समस्या का कारण बनी सकती है।

पीरियड्स | Image: Freepik
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Hypomerrhea: मासिक धर्म (Menstruation) यानी पीरियड्स (Periods), जिसका सामना महिलाओं और लड़कियों को हर महीने करना पड़ता है। इस दौरान उन्हें असहनीय दर्द, मूड स्विंग्स (Mood Swings), क्रैम्प जैसी कई तरह की समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है।

कुछ लोग पीडियड्स में होने वाली हैवी ब्लीडिंग (Heavy Bleeding) से परेशान होते हैं तो कुछ लोगों को कम ब्लीडिंग (Less Bleeding) होने की शिकायत होती है। जिस तरह से पीरियड्स में होने वाली हैवी ब्लीडिंग चिंता का विषय है उसी तरह से कम ब्लीडिंग होना भी एक समस्या का कारण हो सकता है।

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जी हां, पीरियड्स में होने वाली कम ब्लीडिंग को हाइपोमेनोरिया (Hypomerrhea) कहा जाता है। ऐसे में आपको इसके कारण और उपचार के बारे में जान लेना चाहिए।

हाइपोमेनोरिया के कारण (Causes of Hypomerrhea)

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स्ट्रेस (Stress)

अनबैलेंस हार्मोन (Hormonal Imbalance)

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थायराइड डिसऑर्डर (Thyroid Disorder)

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (Polycystic Ovary Syndrome)

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हाइपोमेनोरिया के लिए उपचार (Treatment for Hypomerrhea)

न लें स्ट्रेस (Stress)

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क्रोनिक स्ट्रेस हार्मोन संतुलन और पीरियड साइकल को बाधित करता है। इसलिए स्ट्रेस बिल्कुल न लें। साथ ही आपको मेडिटेशन, ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ और माइंडफुलनेस जैसी स्ट्रेस मैनेजमेंट तकनीकों को अपनाकर तनाव को कम करने की कोशिश करनी चाहिए।

वजन कंट्रोल (Weight)

वजन का बढ़ना या घटना काफी हद तक हमारी पीरियड साइकिल को प्रभावित करता है। इसलिए अपने वजन को कंट्रोल में रखें। इससे पीरियड प्रॉब्लम को नियमित होने में तो मदद मिलेगी ही साथ ही हाइपोमेनोरिया की प्रॉब्लम भी दूर हो जाएगी।

बैलेंस डाइट लें (Diet)

पीरियड्स समेत कई तरह की हेल्थ प्रॉबल्म को कम करने के लिए आपको बैलेंस डाइट लेना शुरू कर देना चाहिए। विटामिन, मिनरल्स से भरपूर डाइट हार्मोनल संतुलन बेहतर बनाने का काम करती है। जिससे हाइपोमेनोरिया की प्रॉब्लम तो दूर होती ही है, साथ ही हेल्थ भी अच्छी रहती है।

रेगुलर एक्सरसाइज (Excercise)

शरीर के दुरुस्त रहने के लिए जरूरी है कि आप रोजाना कुछ फिजिकल एक्टिविटी जरूर करें। दरअसल, फिजिकल एक्टिविटी यानी एक्सरसाइज करने से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है। इससे आपके हार्मोंस भी बैलेंस होंगे और हाइपोमेनोरिया की प्रॉब्लम में भी सुधार आएगा। 

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Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधियां, तरीके और दावे अलग-अलग जानकारियों पर आधारित हैं।  REPUBLIC BHARAT आर्टिकल में दी गई जानकारी के सही होने का दावा नहीं करता है। किसी भी उपचार और सुझाव को अप्लाई करने से पहले डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।

11:17 IST, November 4th 2024