Published 20:50 IST, November 5th 2024

क्या है ‘Bhishma Cube’? महाकुंभ मेले में आपात स्थितियों से निपटेगा, चलता-फिरता अस्पताल; करेगा इलाज

संगम की रेती पर लगने वाले महाकुंभ मेले में आपात स्थितियों से निपटने के लिए पहली बार ‘भीष्म क्यूब’ का इस्तेमाल किया जाएगा।

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भीष्म क्यूब | Image: PTI
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संगम की रेती पर लगने वाले महाकुंभ मेले में आपात स्थितियों से निपटने के लिए पहली बार ‘भीष्म क्यूब’ का इस्तेमाल किया जाएगा। ‘भीष्म क्यूब’ अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से लैस एक चलता-फिरता अस्पताल है, जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अगस्त में अपनी कीव यात्रा के दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को भेंट किया था।

प्रयागराज के संयुक्त निदेशक (चिकित्सा स्वास्थ्य) डॉ. वीके मिश्रा ने बताया, “प्रत्येक ‘भीष्म क्यूब’ में एक साथ 200 लोगों का इलाज किया जा सकता है। इस चलते-फिरते अस्पताल में रोग निदान, सर्जरी और स्वास्थ्य देखभाल से जुड़ी सभी सुविधाएं मौजूद हैं। महाकुंभ मेले में जरूरत के हिसाब से ‘भीष्म क्यूब’ का इस्तेमाल किया जाएगा।”

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डॉ. मिश्रा के मुताबिक, ‘भीष्म क्यूब’ बेहद मजबूत, ‘वॉटरप्रूफ’ (जलरोधक) और हल्के हैं तथा आपात स्थितियों में तुरंत इलाज मुहैया कराने की सुविधा प्रदान करते हैं। उन्होंने बताया कि ‘भीष्म क्यूब’ कृत्रिम बुद्धिमता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या एआई) और डेटा एनालिटिक्स के इस्तेमाल के जरिये चिकित्सा सेवाओं के प्रभावी समन्वय, वास्तविक समय में निगरानी और कुशल प्रबंधन को अधिक सुगम बनाता है।

डॉ. मिश्रा के अनुसार, ‘भीष्म क्यूब’ के प्रत्येक ‘क्यूब’ को साइकिल या ड्रोन से भी ले जाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस चलते-फिरते अस्पताल की खासियत है कि आपात परिस्थितियों में इसे विमान से गिराया जा सकता है और यह 12 मिनट में चिकित्सा सेवाएं देने के लिए उपलब्ध हो जाता है।

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डॉ. मिश्रा ने कहा कि ‘भीष्म क्यूब’ का विकास और परीक्षण भारतीय वायुसेना, भारतीय स्वास्थ्य सेवा संस्थानों और रक्षा तकनीकी विशेषज्ञों ने मिलकर किया है। इस साल 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान भी ‘भीष्म क्यूब’ की तैनाती की गई थी।

(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

20:50 IST, November 5th 2024