Published 20:31 IST, December 17th 2024
EXCLUSIVE/ 'भग्गी पड़ गई, दंगा हो गया भागो...', 1978 संभल दंगों को याद कर भावुक हुए रस्तोगी दंपत्ति
रस्तोगी दंपति ने बताया कि वो संभल में कहां रहते थे और किन परिस्थितियों में उन्हें यहां से पलायन करना पड़ा था। उन्होंने बताया कि 1978 में उनकी उम्र 28 वर्ष थी।
- भारत
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संभल में मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान मिले मंदिर के बाद से लगातार1978 में हुए दंगों के नए गवाह मीडिया के सामने आ रहे हैं और अब से 46 साल पहले हुए हिन्दू समाज के पलायन की कहानी बयां कर रहे हैं। रिपब्लिक भारत लगातार संभल के उन इलाकों में नजरें जमाए हुए है जहां से 1978 में संभल दंगों के दौरान हिन्दू समाज के लोगों ने अपना घर बार छोड़कर अपनी और अपने परिवार की जान बचाने के लिए यहां से सुरक्षित जगहों पर पलायन कर दिया था। रिपब्लिक भारत ने आज एक ऐसे ही बुजुर्ग दंपति अनिल कुमार रस्तोगी और उनकी पत्नी साधना रस्तोगी से बातचीत की। संभल में पाए गए मंदिर में पूजा अर्चना के दौरान जब इस दंपति से 1978 के दंगों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने अपना दर्द बयां किया।
रस्तोगी दंपति ने बताया कि वो संभल में कहां रहते थे और किन परिस्थितियों में उन्हें यहां से पलायन करना पड़ा था। अनिल रस्तोगी ने बताया कि साल 1978 में उनकी उम्र 28 वर्ष थी। वो एक आढ़ती की दुकान करते थे। उनका घर खग्गू सराय में जहां पर कार्तिकेय महादेव का मंदिर पाया गया उसके बगल में ही कभी उनका भी घर हुआ करता था। साल 1978 में एक दिन ऐसा आया जब उन्हें अपनी और अपने परिवार की जान बचाने के लिए वहां से पलायन करना पड़ा। उन्होंने बताया कि मैं अपनी दुकान पर बैठा था तभी काफी लोग भागते हुए आए और कहा, 'भग्गी पड़ गई, दंगा हो गया, बलवा हो गया भागो यहां से...' अनिल रस्तोगी ने बताया कि इसके बाद हमने पीछे मुड़कर नहीं देखा और अपना घर बार छोड़कर वहां से चले गए।
30-32 हिन्दू परिवारों ने दंगों के बाद किया पलायन
अनिल कुमार रस्तोगी ने बताया कि वो लोग वहां से भागकर मुरादाबाद में जाकर बस गए हैं वर्ष 1978 के दंगों की याद ताजा करते हुए उन्होंने बताया कि मंदिर के पास ही वह और उनके परिवार रहा करता था लेकिन 1978 में हुए दंगे के बाद उन्होंने 1979 में यहां अपना घर छोड़ दिया था उस समय 30 से 32 परिवार यहां रहा करते थे लेकिन जब 1978 में बलवा हुआ था उसके बाद एक एक करके सब लोग यहां से चले गए उस समय उनकी उम्र 28 साल की रही होगी उन्होंने बताया कि उनकी आढ़त की दुकान थी उसमें आग लगा दी गई थी। उनकी दुकान में दंगाइयों ने जब आग लगाई थी तब उनका लगभग एक लाख रुपयों का नुकसान हुआ था।अब मंदिर के कपाट खुलने के बाद वह अपनी पत्नी के साथ यहां पर पूजा अर्चना करने आए हैं।
इसी कार्तिकेय महादेव मंदिर में की थी रस्तोगी दंपत्ति ने शादी के बाद पूजा
वहीं संभल दंगों को लेकर जब उनकी पत्नी साधना रस्तोगी से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि आज उनकी पुरानी यादें ताजा हों गई हैं। साधना रस्तोगी ने बताया कि वह शादी करके खग्गू सराय आईं थी। इसी कार्तिकेय महादेव मंदिर में उनकी शादी की पूजा हुई थी। उन्होंने बताया कि जब वो यहां आईं थीं तब इस मंदिर के आस-पास कुछ भी नहीं था यहां केवल मैदान हुआ करता था लेकिन 1978 में हुए दंगों के बाद यहां का पूरा माहौल ही बदल गया है। उन्होंने बताया कि जिस दिन दंगे हुए थे उस दिन उनके बच्चे स्कूल गए थे मेरे पति पुलिस के साथ स्कूल जाकर बच्चों को ले आए थे। उन्होंने बताया कि जब हमने सुना कि कार्तिकेय महादेव मंदिर फिर से खुल गया और वहां पर पूजा अर्चना शुरू हो गईं तो वो पति पत्नी मुरादाबाद से मंदिर में पूजा करने के लिए वहां पहुंचे।
Updated 21:47 IST, December 17th 2024