Published 11:17 IST, December 24th 2024
संभल, वाराणसी और बुलंदशहर के बाद अब अमेठी में मिला 120 साल पुराना शिव मंदिर, शिकायत पर SDM ने दिए जांच के आदेश
भगवान शंकर का ये पंचशिखर मंदिर 120 साल पुराना है। इस मंदिर की स्थापना एक दलित परिवार ने अब से 120 साल पहले करवाई थी।
- भारत
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उत्तर प्रदेश के संभल में लगातार एक के बाद एक करके कई मंदिरों की खोज हुई अभी भी खोज जारी है। इसके अलावा भी प्रदेश के मुजफ्फर नगर, बुलंद शहर और वाराणसी सहित कई जिलों से मंदिरों के सामने आने की बात सामने आई है। इन मंदिरों पर अल्पसंख्यक समुदाय के कब्जा कर रखा था और यहां पूजा-पाठ भी नहीं हो रहा था। इस बीच अमेठी में एक 120 साल पुराना मंदिर अस्तित्व में आया है जिसके बारे में स्थानीय लोगों ने एसडीएम से शिकायत भी की है और कहा है कि पिछले लगभग 20 सालों से ये मंदिर बंद पड़ा है इस पर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर कब्जा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वो लोग इस मंदिर में पूजा-अर्चना भी नहीं करने दे रहे हैं। एसडीएम ने शिकायत मिलने के बाद तहसीलदार को मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
अमेठी जिले के मुसाफिरखाना कस्बे के पास बसा औरंगाबाद गांव का ये मामला है जहां 120 साल पुराना शिव मंदिर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने कब्जा कर रखा था और पिछले 20 सालों से इस मंदिर में पूजा अर्चना नहीं होने दे रहे थे। यहां के स्थानीय लोगों ने बताया कि भगवान शंकर का ये पंचशिखर मंदिर 120 साल पुराना है। इस मंदिर की स्थापना एक दलित परिवार ने अब से 120 साल पहले करवाई थी। इस गांव में 80 फीसदी आबादी अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले लोगों की है इसकी वजह से उन लोगों ने मंदिर पर पिछले 20 सालों से कब्जा कर रखा है।
अमेठी:- संभल के समान, 120 साल पुराने पंच शिखर शिव मंदिर पर मुस्लिम समुदाय ने 20 वर्षों से कब्जा कर लिया है, जिससे हिंदू पूजा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
मूल रूप से एक दलित परिवार द्वारा निर्मित इस मंदिर के पुजारी उत्पीड़न के कारण भाग गए हैं।
ग्रामीण पूजा अनुष्ठान नहीं कर… pic.twitter.com/EyJZdvBmGE
— 🇮🇳Jitendra pratap singh🇮🇳 (@jpsin1)
120 साल पहले दलित परिवार ने बनवाया था मंदिर
गांव में रहने वाले स्थानीय लोगों ने बताया कि इस मंदिर की स्थापना अब से लगभग 120 साल पहले हुई थी। इस मंदिर की को एक दलित परिवार ने बनवाया था, जो उस समय यहां रहने वाले लोगों की आस्था का केंद्र था। बीते लगभग 20 सालों से इस गांव में अल्पसंख्यकों की आबादी में बढ़ोत्तरी हुई और यहां रहने वाले लगभग 80 फीसदी ग्रामीण अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं जिसकी वजह से इस मंदिर पर उन्होंने कब्जा जमा रखा था। अल्पसंख्यकों के कब्जे की वजह से यहां पर पूजा-पाठ भी नहीं हो रहा था। अब शिकायत के बाद एसडीएम ने जांच के आदेश दिए हैं। एसडीएम प्रीति तिवारी ने कहा कि तहसीलदार को जांच सौंप दी गई है। जैसे ही मामले की जांच की रिपोर्ट आएगी आगे हम इसपर एक्शन लेंगे।
संभल, वाराणसी और मुजफ्फर नगर में भी मिल चुके हैं पुराने मंदिर
इसके पहले संभल प्रशासन ने शहर में होने वाली हिंसा के बाद बिजली चोरी के लिए चलाए गए अभियान के तहत 400 साल पुराने शिव मंदिर को खोज निकाला था जो कि 1978 से बंद पड़ा था। 1978 दंगों में वहां रहने वाले हिन्दू समुदाय के लोगों का कत्ले आम करके उन्हें वहां से पलायन करने के लिए मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मजबूर कर दिया था जिसकी वजह से ये शिव मंदिर उनके कब्जे में आ गया था और वहां पर पूजा-पाठ भी बंद हो गया था।
ऐसे ही मुजफ्फरनगर जिले के लद्धावाला में एक 54 साल पुराना शिवमंदिर मिला था। यहां पर भी वही कहानी थी मुस्लिम समुदाय जैसे-जैसे यहां बढ़ता गया वैसे-वैसे हिन्दू यहां से उनके जुल्मो सितम से तंग आकर पलायन करने लगे। हालांकि वो यहां से भगवान शिव की मूर्ति और शिवलिंग भी अपने साथ ले गए थे।
संभल में मिला 400 साल पुराना मंदिर और 19 कूप
भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण विभाग (ASI) की टीम ने शुक्रवार को हाल ही में खोजे गए 5 तीर्थस्थलों और 19 कूपों को कुल मिलाकर 24 जगहों पर सर्वे किया है। इसमें श्री कार्तिक महादेव मंदिर भी शामिल है। 14 दिसंबर को खुले 46 साल पुराने मंदिर का जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने ASI को चिट्ठी लिख सर्वे कराने की मांग की थी। संभल में हुए इस सर्वे को पूरी तरह से मीडिया की मौजूदगी से दूर रखा गया। इसके लिए पूरे संभल में सुरक्षा के बेहद कड़े इंतजाम किए गए थे। ASI ने सर्वे सुबह करीब 6:30 बजे शुरू किया था। संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि 'ASI की चार सदस्यीय टीम ने सुबह सर्वेक्षण शुरू किया। यह सर्वेक्षण दोपहर 3 बजे तक जारी रहा, जिसमें टीम ने संभल के 5 तीर्थ स्थलों और 19 कूपों का सर्वेक्षण किया और साथ ही नए मंदिर (श्री कार्तिक महादेव मंदिर) का भी सर्वेक्षण किया गया। इन सभी जगह की पैमाइश पहले ही कर ली गई थी, लेकिन ASI ने शुक्रवार को सर्वेक्षण किया।'
बुलंदशहर के खुर्जा में मिला 50 साल पुराना मंदिर
वहीं यूपी के बुलंद शहर जिले में भी एक 50 साल पुराना मंदिर मिलने की बात सामने आई है। बुलंदशहर के खुर्जा में एक ऐसे मंदिर का पता चला है जो बीते 50 सालों से बंद पड़ा था। इस मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए हिंदू संगठनों ने प्रशासन से मांग की है ताकि इस मंदिर में भी फिर से पूजा पाठ का काम शुरू हो सके। इस मंदिर को लेकर दावा किया जा रहा है कि ये मंदिर 50 साल पुराना है और 1990 में हुए दंगों के बाद से बंद पड़ा है जिसकी वजह से यहां अब पूजा अर्चना भी नहीं हो रही है। जब यहां रहने वाले जाटव समुदाय के लोग अल्पसंख्यकों के अत्याचार से यहां से पलायन कर रहे थे तभी इन लोगों ने मंदिर से भगवान की मूर्तियों को हटा लिया था और एक नदी में विसर्जित कर दिया था।
Updated 11:18 IST, December 24th 2024