Published 17:35 IST, September 11th 2024

अवैध धर्मांतरण मामले में नप गए मौलाना, उमर गौतम समेत 12 को उम्रकैद, 4 को 10-10 साल कैद

अवैध धर्मांतरण मामले में लखनऊ की NIA-ATS कोर्ट ने मौलाना उमर गौतम और मौलाना कलीम सिद्दीकी समेत 12 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।

Reported by: Digital Desk
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अवैध धर्मांतरण मामले में मौलाना उमर गौतम को उम्रकैद | Image: Republic
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Illegal Conversion Case: फतेहपुर के अवैध धर्मांतरण मामले में लखनऊ की NIA-ATS कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने मौलाना उमर गौतम और मौलाना कलीम सिद्दीकी समेत 12 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा 4 दोषियों राहुल भोला ,मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान, मोहम्मद सलीम, कुणाल अशोक चौधरी उर्फ आतिफ को कोर्ट ने 10-10 साल कैद की सजा सुनाई है। 

कोर्ट ने मंगलवार को मौलाना उमर गौतम और मौलाना कलीम सिद्दीकी सहित अन्य 14 आरोपियों को दोषी करार दिया था। वहीं एक अन्य आरोपी इदरीस कुरैशी को हाई कोर्ट से स्टे मिल गया था। ये गिरोह फतेहपुर में अवैध धर्मांतरण का रैकेट चलाता था। NIA-ATS कोर्ट ने आरोपियों को 417, 120B, 153A, 153B, 295A, 121A, 123 और अवैध धर्मांतरण की धारा 3, 4, और 5 के तहत दोषी पाया है।

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मौलाना को मिली अधिकतम सजा

इस मामले में दोषियों को 10 साल से लेकर अधिकतम आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है। NIA-ATS कोर्ट ने मौलाना उमर गौतम और मौलाना कलीम सिद्दीकी समेत 12 दोषियों को अधिकतम उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा 4 दोषियों को 10-10 साल कैद की सजा का ऐलान किया है। UP ATS ने इन लोगों को अलग-अलग जिलों से गिरफ्तार किया था।

हवाला के जरिये आता था पैसा

ये गिरोह बड़ी संख्या में लोगों को लालच देकर अवैध धर्मांतरण कराता था। उनके मूल धर्म के बारे में भ्रम, नफरत और भय पैदा करके ब्रेनवॉश किया जाता था। कोर्ट में बताया गया कि आरोपियों ने लोगों का धर्म परिवर्तन कराने के लिए मूल धर्म के बारे में भ्रम पैदा किया है। आरोपियों ने अपने मनसूबों को अंजाम देने के लिए पूरे देश में जाल बिछाया था। विदेशों से हवाला के जरिये पैसा आता था। 

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आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को बनाते थे शिकार

ये गिरोह देशव्यापी अवैध धर्मांतरण कराने का काम कराता था। उन लोगों को अपना टारगेट बनाते थे जो आर्थिक रूप से कमजोर और दिव्यांग होते थे। लोगों को बहला-फुसलाकर, डरा धमकाकर और दबाव बनाकर धर्मांतरण कराते थे। धर्मांतरण करने के बाद उस लोगों पर दबाव बनाया जाता था कि वो अपने मूल धर्म के लोगों का भी धर्म परिवर्तन कराए। ये गिरोह इस बात का भी ख्याल रखता था कि कहीं लोग फिर से अपने धर्म में वापसी ना करलें। इसके लिए खास वर्कशॉप और ट्रेनिंग दी जाती थी।

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17:19 IST, September 11th 2024