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पब्लिश्ड 16:16 IST, March 25th 2024

रंगों का कोई मजहब नहीं होता... यहां मुस्लिमों ने जमकर खेली होली; खूब उड़ा अबीर-गुलाल

Happy Holi 2024 : वैसे तो होली हिंदुओं का त्योहार है, लेकिन सूफी संत हाजी वारिस अली शाह की दरगाह पर हर धर्म के लोग साथ मिलकर गुलाल और फूलों से होली खेलते हैं।

Reported by: Digital Desk
Edited by: Sagar Singh

Happy Holi 2024 : देश भर में रंगों का त्योहार होली खूब धूम-धाम से मनाया जा रहा है। मथूरा के बाद उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में सूफी संत हाजी वारिस अली शाह की दरगाह पर मनाए जाने वाले होली पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। इस मजार पर रंगों का कोई मजहब नहीं है। हिंदू-मुस्लिम और सिख-ईसाई हर धर्म के लोग यहां साथ मिलकर होली को मनाते हैं। आपसी सौहार्द की खूबसूरती हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करती है।

वैसे तो होली हिंदुओं का त्योहार है, लेकिन सूफी संत हाजी वारिस अली शाह की दरगाह पर हर धर्म के लोग साथ मिलकर गुलाल और फूलों से होली खेलते हैं। हर साल की तरह इस बार भी लोगों ने एक दूसरे को गुलाल लगाकर और फूलों से होली खेली और आपसी भाईचारे की अनोखी मिसाल पेश की। हिन्दू-मुस्लिम ने एक दूसरे को गले लगाकर होली की बधाई दी।

जो रब है, वही राम है

मान्यता है कि बाराबंकी के देवा में स्थित सूफी संत हाजी वारिस अली शाह की मजार का निर्माण उनके दोस्त राजा पंचम सिंह ने कराया था, जो एक हिंदू थे। सूफी संत हाजी वारिस अली शाह ने संदेश दिया था कि जो रब है, वही राम है। ये ही कारण है कि इस मजार पर मुस्लिम धर्म के कम और हिंदू धर्म के लोग अधिक आते हैं। मजार के निर्माण से ही यहां एकता का संदेश दिया जा रहा है।

दरगाह पर होली खेलने की परंपरा हाजी वारिस अली शाह के समय से चली आ रही है। जो लोग हाजी वारिस अली शाह बाबा में भरोसे रखते थे वो रंग, गुलाल और फूल लेकर आते थे। होली के दिन लोग नाचते हैं, गाते हैं और जमकर जश्न मनाते हैं। होली के दिन एक जुलूस भी निकाला जाता है। जिसमें हर धर्म के लोग शामिल होते हैं।

सैकड़ों सालों से चली आ रही परंपरा

देवा शरीफ में होली मनाने आए लोगों ने बताया कि यहां होली खेलने की परंपरा सैकड़ों साल से चली आ रही है। गुलाल और फूलों से यहां होली खेली जाती है। होली के दिन सभी धर्मों के लिए देश के कोने-कोने से आते हैं। एक दूसरे को रंग और गुलाल लगाकर भाईचारे का पैगाम देते हैं। वारसी होली कमेटी के अध्यक्ष शहजादे आलम वारसी ने बताया कि मजार पर होली सरकार के जमाने से होती आई है, इसमें सभी धर्मों के लोग शामिल हैं। होली पर कई क्विंटल गुलाल और फूलों का इस्तेमाल होता है।

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अपडेटेड 16:16 IST, March 25th 2024

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