Published 18:23 IST, November 9th 2024
UP: CM बोले- 'लाल टोपी काले कारनामे पनपने ना दें'... अखिलेश का जवाब- सिर्फ कपड़ों से कोई योगी नहीं
सीएम योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी की लाल टोपी पर चुटली ली तो अखिलेश यादव बौखला गए। उन्होंने पलटवार के रूप में योगी के कपड़ों पर कटाक्ष किया।
Advertisement
CM Yogi-Akhilesh Yadav: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव के बीच उत्तर प्रदेश में फिर जुबानी जंग छिड़ गई है। मुख्यमंत्री योगी ने शनिवार को समाजवादी पार्टी की लाल टोपी पर कटाक्ष किया तो अखिलेश यादव बौखला गए। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश ने पलटवार के रूप में योगी आदित्यनाथ के कपड़ों को लेकर प्रहार कर दिया।
उत्तर प्रदेश में 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हैं, जिसके लिए 20 नवंबर को वोट डाले जाने हैं। उसके पहले राजनीतिक पार्टियां उपचुनाव वाले विधानसभा क्षेत्रों में लगातार रैलियां कर रही हैं और एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चल रहा है। इसी बीच में सीएम योगी और अखिलेश यादव के बीच सियासी लड़ाई शुरू हुई है।
Advertisement
योगी बोले- लाल टोपी काले कारनामे को पनपने मत दीजिए
अलीगढ़ की रैली में सीएम योगी ने कहा- 'अगर हम लोग उन लोगों को मौका देंगे तो अपनी करतूतों से ही जाने जाते हैं, कारनामों से ही जाने जाते हैं। इसकी पहचान क्या है, इसका असली चेहरा देखना है तो अयोध्या में निषाद और कश्यप जाति की बेटी के साथ उनके नेता मोईद खान ने जो कृत्य किया था, वो किसी से छिपा नहीं है। इनके एक नेता कन्नौज में भी हैं, जो कृत्य किया था एक बेटी के साथ। सभ्य समाज के लिए कलंक हैं। लाल टोपी काले कारनामे को पनपने मत दीजिए। उत्तर प्रदेश को ये फिर से विकास की मुख्य धारा के साथ जो जुड़ा है, यहां फिर से अराजकता की ओर धकेल देगा।'
सिर्फ कपड़ों से कोई योगी नहीं बनता- अखिलेश
मुख्यमंत्री के बयान पर अखिलेश यादव ने भी पलटवार करने में देर नहीं की। उन्होंने बगैर नाम लिए मुख्यमंत्री की वेशभूषा पर प्रहार किया। अखिलेश यादव ने कहा- 'जो लोग मुठभेड़ करते हैं, उनका काउंटडाउन शुरू हो गया है। अब वो उतने दिन सरकार में नहीं रहेंगे, जितने दिन वो (सरकार में) रहे हैं। इसलिए आप देखेंगे कि उनकी भाषा बदल गई है, उनके सोचने और समझने का तरीका भी बदल गया है। सच तो ये है कि मन की कुटिलता ही वचन की कटुता बन रही है।'
Advertisement
समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि जो व्यक्ति किसी को अपने से बड़ा नहीं समझता, वो कैसा योगी है? अगर कोई है जो संतों को आपस में लड़ा रहा है तो वो सरकार में बैठे लोग हैं। कहते हैं कि संत जितना बड़ा होता है, उतना ही कम बोलता है और जब बोलता है तो जनकल्याण के लिए बोलता है। यहां तो सब उल्टा है। जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल हो रहा है, कोई व्यक्ति अपने पहनावे से योगी नहीं होता, बल्कि अपने बोलने से योगी होता है।'
Advertisement
18:23 IST, November 9th 2024