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Published 17:20 IST, September 13th 2024

फोन पर चिकचिक के बीच मायावती ने अखिलेश यादव की विश्वसनीयता पर उठा दिए सवाल, कहा-इतने साल बाद सफाई...

मायावती ने पिछले दिन जब आरोप लगाए तो अखिलेश यादव ने भी जवाब देने में देर नहीं की। खैर, अखिलेश यादव की सफाई पर मायावती ने फिर उन्हें लगते हाथों ले लिया है।

Reported by: Digital Desk
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मायावती ने अखिलेश यादव की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए। | Image: Facebook/Shutterstock

Uttar Pradesh News: अखिलेश यादव और मायावती के बीच आरोप प्रत्यारोप की राजनीति एक कदम और आगे बढ़ गई है। इस राजनीतिक जंग की शुरुआत मायावती ने अपनी बुकलेट में अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाने के साथ की थी और इसी घटनाक्रम में उन्होंने समाजवादी पार्टी से गठबंधन तोड़ने की वजह का खुलासा किया। मायावती ने आरोप लगाए तो अखिलेश यादव ने भी जवाब देने में देर नहीं की थी। खैर, अखिलेश यादव की सफाई पर मायावती ने एक बार फिर उन्हें लगते हाथों ले लिया है।

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने शुक्रवार को धड़ाधड़ 3 पोस्ट 'X' पर किए। मायावती ने कहा कि 'उनके (अखिलेश यादव) की तरफ से अब इतने साल बाद सफाई देना कितना उचित और विश्वसनीय? सोचने वाली बात।' मायावती ने ये भी स्पष्ट कर दिया कि बीएसपी सैद्धान्तिक कारणों से गठबंधन नहीं करती है और अगर बड़े उद्देश्यों को लेकर कभी गठबंधन करती है तो फिर उसके प्रति ईमानदार भी जरूर रहती है।

मायावती ने अखिलेश पर फिर हमला बोला

मायावती ने 'X' पर लिखा- ‘लोकसभा चुनाव-2019 में यूपी में BSP के 10 और SP के 5 सीटों पर जीत के बाद गठबंधन टूटने के बारे में मैंने सार्वजनिक तौर पर भी यही कहा कि सपा प्रमुख (अखिलेश यादव) ने मेरे फोन का भी जवाब देना बंद कर दिया था, जिसको लेकर उनकी तरफ से अब इतने साल बाद सफाई देना कितना उचित और विश्वसनीय? सोचने वाली बात।’

मायावती ने लिखा- 'सपा के साथ सन 1993 और 2019 में हुए गठबंधन को निभाने का भरपूर प्रयास किया गया, लेकिन बहुजन समाज का हित और आत्म-सम्मान सर्वोपरि। बीएसपी जातिवादी संकीर्ण राजनीति के विरुद्ध है। अतः चुनावी स्वार्थ के लिए आपाधापी में गठबंधन करने से अलग हटकर बहुजन समाज में आपसी भाईचारा बनाकर राजनीतिक शक्ति बनाने का मूवमेंट है, ताकि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का मिशन सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त कर आत्मनिर्भर हो सके।'

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मायावती-अखिलेश में जब शुरू हुई तकरार

मायावती ने गुरुवार को सपा संग गठबंधन के टूटने के कारण बताते हुए अखिलेश यादव को दोषी ठहराया। मायावती ने दावा किया कि अखिलेश यादव ने बसपा नेताओं के फोन कॉल का जवाब देना बंद कर दिया। उन्होंने कहा, '2019 चुनाव के नतीजों में सपा को कम सीटें मिलने के चलते गठबंधन बनाए रखना तो दूर की बात, अखिलेश यादव ने बसपा प्रमुख और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के फोन उठाने बंद कर दिए थे। इसके चलते पार्टी के सम्मान को बचाने के लिए सपा से गठबंधन तोड़ना पड़ा।'

कुछ ही घंटों बाद अखिलेश यादव ने अपना जवाब दिया और कहा कि किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि गठबंधन टूट रहा है। अखिलेश ने लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, 'जब गठबंधन टूटा, तब मैं आजमगढ़ में एक रैली को संबोधित कर रहा था और वहां सपा और बसपा दोनों के कार्यकर्ता मौजूद थे। किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि गठबंधन टूट रहा है। मैंने खुद (बसपा प्रमुख) से फोन करके पूछा था कि गठबंधन क्यों टूट रहा है। रैली के बाद मीडिया के सवालों के लिए खुद को तैयार करने के लिए मुझे जवाब चाहिए था।'

बसपा नेता सतीश मिश्रा ने भी ली एंट्री

दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों के बीच सियासी तकरार में बसपा के नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने भी एंट्री ली। मायावती के बाद सतीश चंद्र मिश्रा भी दावा कर रहे हैं कि अखिलेश यादव ने उनके फोन का भी जवाब नहीं दिया था। सतीश चंद्र मिश्रा कह रहे हैं कि 'मायावती ने बड़े होने के नाते सपा प्रमुख को फोन करके हौसला देने की कोशिश की थी, लेकिन वो फोन पर नहीं आए। और इस सबका परिणाम ये रहा कि बीएसपी को गठबंधन तोड़ना पड़ा।'

पूर्व राज्यसभा सांसद और बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा कहते हैं, '2019 के लोकसभा आम चुनाव में बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के गठबंधन टूटने की वजह सपा मुखिया खुद हैं, जो मायावती ने अपनी पार्टी की ओर से जारी की गई पुस्तक में लिखा है।' वो दावा करते हैं कि, 'बहन जी (मायावती) के फोन करने के पहले मेरे फोन करने पर सपा प्रमुख फोन पर नहीं आए, फिर पार्टी कार्यालय से फोन गया और तब फिर भी फोन पर सपा प्रमुख से बात नहीं कराई गई।'

उन्होंने कहा कि सपा प्रमुख का ये व्यवहार समाज के दलितों, वंचितों और शोषितों के स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने वाला था। बीएसपी सिर्फ वोट ट्रांसफर करवाने के लिए नहीं है, बल्कि देश की एक मात्र ऐसी पार्टी है जो सर्व समाज के हितों में विचार और काम करती है। जो लोग इस संबंध में बहन जी (मायावती) पर टिप्पणी कर रहे वो पहले अपना व्यवहार याद कर ले।'

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Updated 17:20 IST, September 13th 2024

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