Published 16:58 IST, September 20th 2024
उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की जमानत याचिका खारिज
पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति पर एक महिला से दुष्कर्म करने और उसकी बेटी से दुष्कर्म का प्रयास करने का आरोप है। गिरफ्तारी के बाद से ही प्रजापति जेल में है।
Uttar Pradesh News: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने सामूहिक दुष्कर्म के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहे उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को जमानत देने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और न्यायमूर्ति मोहम्मद एफए खान की पीठ ने पूर्व मंत्री को जमानत देने से मना कर दिया।
पीठ ने इस मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद 10 सितंबर को अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। एक विशेष अदालत द्वारा दोषसिद्धि के खिलाफ प्रजापति की अपील लंबित रहने के दौरान उसने जमानत याचिका दायर की थी। पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी की सरकार में खनन मंत्री रहे प्रजापति को मार्च, 2017 में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
प्रजापति पर एक महिला से दुष्कर्म करने और उसकी बेटी से दुष्कर्म का प्रयास करने का आरोप है। गिरफ्तारी के बाद से ही प्रजापति जेल में है। फरवरी, 2017 में उच्चतम न्यायालय के एक आदेश के बाद सामूहिक दुष्कर्म, धमकी देने और यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धाराओं के तहत पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति और छह अन्य लोगों के खिलाफ लखनऊ के एक थाने में मामला दर्ज किया गया था।
नवंबर, 2021 में प्रजापति और दो अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, जबकि अपर्याप्त साक्ष्यों की वजह से बाकी आरोपियों को आरोपों से बरी कर दिया गया था।
Updated 16:58 IST, September 20th 2024