Published 09:59 IST, July 26th 2024
'वरना दलितों को गुमराह करना बंद करें...' मायावती क्यों BJP सांसद पर भड़कीं?
UP News: अरुण सागर ने पिछले दिनों कांशीराम को भारत रत्न देने की मांग की थी। इस पर अभी बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रतिक्रिया दी है।
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BSP Chief Mayawati: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की चीफ मायावती शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी के सांसद अरुण सागर पर भड़क पड़ी हैं। अरुण सागर ने पिछले दिनों कांशीराम को भारत रत्न देने की मांग की थी। इस पर अभी मायावती ने प्रतिक्रिया दी है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने 'X' पर शुक्रवार को एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने लिखा- 'यूपी बीजेपी के एक दलित सांसद की तरफ से बीएसपी के जन्मदाता और संस्थापक मान्यवर कांशीराम को भारतरत्न की उपाधि देने की मांग करने की बजाय केंद्र की सत्ता में अपनी सरकार से इसे तुरंत दिलवाएं, जिसका बीएसपी भी दिल से स्वागत करेगी, वरना इसकी आड़ में दलितों को गुमराह करना बंद करें।'
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अरुण सागर ने कांशीराम को भारत रत्न देने की मांग उठाई
पिछले दिन शाहजहांपुर सीट से बीजेपी सांसद अरुण सागर ने संसद में कांशीराम को भारत रत्न दिए जाने की मांग उठाई थी। संसद में शून्य काल के दौरान उन्होंने कांशीराम को भारत रत्न देने की मांग की थी। बीजेपी के दलित सांसद ने कहा कि कांशीराम जी ने दलित राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया। वो राजनीति से ज्यादा देश के दबे-कुचले और पिछड़े समाज के उत्थान के लिए सदैव प्रतिबद्ध रहे। मेरा सदन के माध्यम से सरकार से अनुरोध है कि कांशीराम जी के समाज और देश के प्रति योगदान को देखते हुए उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाना जाए।
बजट को लेकर सरकार पर भड़कीं मायावती
मायावती ने बजट में राज्यों से सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया। मायावती ने लिखा- 'एनडीए सरकार की ओर से संसद में पेश बजट में भी देश और आमजनहित से अधिक राजनीतिक स्वार्थ के तहत अलग-अलग राज्यों के बीच भेदभाव, पक्षपात और असंतुलन बढ़ाने के खिलाफ आक्रोश और विरोध स्वाभाविक, हालांकि केंद्र की ओर से ऐसा सौतेला व्यवहार आज कोई नई बात नहीं। बीएसपी ने भी यूपी में इसे झेला है।' मायावती ने आगे लिखा- 'केंद्रीय बजट से दुखी-पीड़ित गैर-बीजेपी शासित राज्यों ने इसको लेकर नीति आयोग की बैठक में भाग नहीं लेने का निर्णय लिया है, जबकि यूपी जैसी विशाल आबादी वाले गरीब और पिछड़े राज्य पर बजट में समुचित ध्यान नहीं देना भी कितना उचित? केंद्र की ओर से देश और जनहित को सर्वोपरि रखना बहुत जरूरी।'
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09:59 IST, July 26th 2024