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Published 21:12 IST, November 29th 2024

115 साल पुराना वाराणसी का उदय प्रताप कॉलेज भी वक्फ बोर्ड की संपत्ति? दावे पर मचा बवाल...

कॉलेज की जमीन वक्फ की संपत्ति होने का दावा वैसे तो 6 साल पहले ही किया गया था। दावे को लेकर 2018 में नोटिस भी दिया गया था।

Reported by: Ruchi Mehra
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उदय प्रताप कॉलेज पर वक्फ बोर्ड का दावा | Image: Facebook
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Varanasi News: उत्तर प्रदेश में ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर विवाद थमा नहीं है। इस बीच एक कॉलेज को लेकर नया हंगामा खड़ा होता नजर आ रहा है। वक्फ बोर्ड ने वाराणसी के 115 साल पुराने उदय प्रताप कॉलेज पर दावा किया है। यही नहीं यहां अवैध तरीके से मजार भी बना ली थी।

कॉलेज की जमीन वक्फ की संपत्ति होने का दावा वैसे तो 6 साल पहले ही किया गया था। दावे को लेकर 2018 में नोटिस भी दिया गया था। हालांकि अब फिर ये मामला तूल पकड़ रहा है।

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वक्फ के दावे पर फिर विवाद

वक्फ के नोटिस से जुड़ा से जुड़ा 6 साल पुराना लेटर सोशल मीडिया पर पोस्ट हो रहा है। इस बीच शुक्रवार (29 नवंबर) को जुमे की नमाज के मौके पर 500 से ज्यादा नमाजी कॉलेज परिसर में इकट्ठा भी हुए।

बता दें कि यह सबकुछ तब हुआ जब चार दिन पहले ही कॉलेज के 115वें स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहां आए थे और उन्होंने कॉलेज को यूनिवर्सिटी बनाने का ऐलान किया। वक्फ बोर्ड के दावे और कॉलेज परिसर में नमाजियों के जुटने के बाद हालात को कंट्रोल में रखने के लिए यहां फोर्स बढ़ाई गई है।

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6 साल पहले वक्फ बोर्ड ने भेजा था नोटिस

जानकारी के अनुसार यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड लखनऊ के सहायक सचिव आले अतीक ने साल 2018 में कालेज प्रबंधक को एक नोटिस भेजा था। यह नोटिस वक्फ एक्ट 1995 के तहत दिया गया। नोटिस में कॉलेज की संपत्ति को सुन्नी बोर्ड से अटैच होने की बात कही गई।

नोटिस में कहा गया कि भोजूबीर के रहने वाले वसीम अहमद ने कहा है कि ग्राम छोटी मसजिद नवाब टोक मजारात हुजरा उदय प्रताप कालेज भोजूबीर की संपत्ति कॉलेज के नियंत्रण में है। इसे सुन्नी बोर्ड कार्यालय में पंजीकृत कराने की बात कही गई।

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कॉलेज की ओर से दिया गया था जवाब

कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर डी.के सिंह ने बताया था कि साल 2018 में सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से एक नोटिस आया था, जिसमें इस कॉलेज की जमीन पर उनका दावा किया गया था। इसमें कहा गया कि उदय प्रताप कॉलेज की स्थापना 1909 में हुई है। कॉलेज की जमीन इंडाउमेंट ट्रस्ट की है। ट्रस्ट की जमीन को न तो खरीदी जा सकता है और न ही बेचा जा सकता है।

इसके अलावा कॉलेज परिसर में स्थित मजार में निर्माण को लेकर भी मामला गरमाया था। हालांकि पुलिस के हस्तक्षेप के बाद यह शांत हो गया था।

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बता दें कि यह उदय प्रताप कॉलेज पूर्वांचल का मशहूर कॉलेज है। इसकी स्थापना 1909 में की गई थी। इस कॉलेज में लगभग 7000 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते हैं। कॉलेज लगभग 100 एकड़ में फैला हुआ है।

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Updated 21:12 IST, November 29th 2024