Published 17:21 IST, October 10th 2024
Hathras: भोले बाबा उर्फ सूरजपाल की न्यायिक आयोग में पेशी, 2.15 घंटे तक भगदड़ को लेकर की गई पूछताछ
Hathras Stemped: हाथरस भगदड़ मामले में भोले बाबा उर्फ सूरजपाल आज न्यायिक आयोग के सामने पेश हुए, जहां 2.15 घंटे तक उनसे पूछताछ की गई।
- भारत
- 3 min read
उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोल बाबा उर्फ सूरजपाल के प्रवचन के दौरान हुई भगदड़ मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। करीब तीन महीने बाद आज भोलेबाबा न्यायिक आयोग के सामने पेश हुए। इस दौरान उनसे एक बंद कमरे में करीब 2.15 घंटे तक पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान बाबा की ओर से सत्संग में शामिल 1100 लोगों का एफिडेविट आयोग को सौंपा गया।
बाबा पेशी पर पीलीभीत से भाजपा विधायक बाबूराम पासवान के साथ आए थे। बाबा की पेशी को लेकर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही। पुलिस ने 1 किमी का इलाका सील कर दिया था। जनपथ मार्केट की सभी दुकानें बंद कराई गई। इसके साथ ही जगह-जगह पुलिस और RAF के जवान तैनात रहे। बाबा के लखनऊ आने की जानकारी पर उनके अनुयायी बड़ी संख्या में पहुंच गए। हालांकि, पुलिस ने जगह-जगह बैरिकेडिंग करके उनको रोक दिया।
हाथरस कांड की चार्जशीट में भोले बाबा का नाम नहीं
पुलिस ने इस मामले में 3200 पेज की चार्जशीट दायर की, लेकिन चार्जशीट से भोले बाबा का नाम गायब रहा। इस बात को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने सरकार पर हमला बोला था। इस भगदड़ में हुई 121 मौत के लिए यूपी पुलिस ने 11 लोगों के नाम चार्जशीट में डाला, जबकि भोले बाबा का नाम चार्जशीट में नहीं है।
वहीं मुकेश कुमार, मेघ सिंह, देव प्रकाश मधुकर, राम लड़ैते, मंजू देवी, राम प्रकाश शाक्य, संजू कुमार, मंजू यादव, उपेंद्र सिंह, दलवीर सिंह और दुर्वेश कुमार शामिल हैं जिसमें से मंजू देवी और मंजू यादव को हाई कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। इस मामले में बचाव पक्ष के वकील एपी सिंह ने बताया कि पुलिस ने 3200 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में पेश की। वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने आरोप लगाया है कि हाथरस में मारे गए 121 बेगुनाहों के मामले में राज्य सरकार में आरोपी सुरजपाल उर्फ नारायण सरकार उर्फ भोले बाबा को संरक्षण दे रही है और उसे बचा रही है।
क्या था मामला?
2 जुलाई 2024 के दिन हाथरस के सिकंदराराऊ क्षेत्र के फुलराई गांव में बाबा सूरजपाल उर्फ भोले बाबा उर्फ नारायण साकार के सत्संग का आयोजन किया गया था। इस दौरान भगवान का सत्संग चल रहा था कि तभी किसी बात को लेकर वहां पर भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में सत्संग सुनने के लिए आए 121 लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में सबसे ज्यादा संख्या महिलाओं की थी। इस मामले में पुलिस और सरकारी एजेंसियों कार्यक्रम के आयोजकों को दोषी ठहराते हुए उन पर चार्जशीट दायर की और भोले बाबा का नाम चार्जशीट में नहीं डाला गया। इस बात को लेकर अब सरकार और प्रशासन की खिंचाई हो रही है। इसी बात को लेकर बसपा सुप्रीमों ने हमला बोला है। इस आयोजन में कुल 80 हजार लोगों के इंतजाम किए गए थे जबकि वहां पर 2.5 लाख से भी ज्यादा लोग पहुंच गए थे।
Updated 17:21 IST, October 10th 2024