अपडेटेड 4 March 2023 at 11:23 IST
Hyderabad में बढ़ा कुत्तों का आतंक, रोजाना आ रहे 100 मामले, कैसे करें बचाव
कुत्ते के काटने के बाद ये कदम उठाएं, इन उपायों से रेबीज का खतरा कुछ हद तक कम होने का चांस होता है।
Dog Menace in Hyderabad: देश में पिछले कुछ समय से आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। लगातार एक के बाद एक कुत्तों के काटने के मामले सामने आ रहे हैं। इसी कड़ी में हैदराबाद से कुत्तों के काटने के हैरान कर देने वाले आंकड़े सामने आए है। जानकारी के मुताबिक, हैदराबाद में कुत्ते के काटने के रोजाना लगभग 100 मामले सामने आने लगे हैं।
हैदराबाद के गवर्नमेंट फीवर हॉस्पिटल में मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. कोंडल रेड्डी ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि इस मौसम में कुत्ते और भी ज्यादा उग्र हो गए हैं। अस्पताल में रोजाना करीब 90 से 110 कुत्तों के काटने के मामले सामने आ रहे हैं।
'इलाज से बेहतर रोकथाम'
डॉक्टर ने आगे कहा, "हमारे क्षेत्र में कुत्ते के काटने की बढ़ती संख्या के संबंध में पहली बात यह है कि इलाज से बेहतर रोकथाम है। दरअसल, रेबीज का कोई इलाज नहीं है। इसमें 100 प्रतिशत मृत्यु दर है। मामला जो भी हो, कुत्ते के काटने से बचने के लिए हमें उचित कदम उठाने चाहिए। अगर आवारा कुत्ते अधिक हैं, तो उन्हें नसबंदी के लिए अधिकारियों को सूचित किया जाना चाहिए और उनके लिए उचित पानी की सुविधा भी प्रदान की जानी चाहिए।"
कुत्तों के उग्र होने में मौसम का हाथ
डॉ के मुताबिक, 'ज्यादातर गर्मियों के महीनों के दौरान कुत्ते आम सीजन के मुकाबले काफी ज्यादा उग्र रहते हैं जिससे बच्चों और राह चलते लोगों को बिना वजह काट लेते हैं। ऐसे में लोगों और खासकर बच्चों को आवारा कुत्तों के झुंड से दूर रहना चाहिए।' साथ ही डॉ. ने कुत्ते के काटने के बाद उठाए जाने वाले कदम के बारे में भी बताया। इन उपायों से रेबीज का खतरा कुछ हद तक कम होने का चांस होता है।
कुत्ते के काटने पर करें ये काम
उन्होंने कहा, "कुत्ते के काटने की चोट मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है। ग्रेड 1 मामूली खरोंच है, ग्रेड 2 गहरी चोट है और ग्रेड 3 वह जगह है जहां अंतर्निहित मांसपेशियां उजागर होती हैं। चाहे वह घरेलू कुत्ते का काटना हो या सड़क के कुत्ते का काटना, पहले हम 10 दिनों की अवधि के लिए जानवर का निरीक्षण करते थे कि वह जीवित है या मृत है। हालांकि, अब हम ग्रेड 2 से ऊपर के अधिकांश कुत्तों के काटने के मामलों के लिए टीकाकरण दे रहे हैं। कुत्तों के काटने के बाद घाव को तुरंत नल के पानी से 10 से 15 मिनट तक साबुन या डिटर्जेंट से धोएं। इससे रेबीज होने से 80 फीसदी तक बचाव होगा। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है जिसे हम घर पर ही कर सकते हैं। कुत्ते के काटने के घाव पर सिर्फ पट्टी बांध देना सही नहीं है। इसके बाद मरीज को नजदीकी अस्पताल ले जाना चाहिए।"
Published By : Sadhna Mishra
पब्लिश्ड 4 March 2023 at 11:17 IST