Download the all-new Republic app:

Published 13:35 IST, October 15th 2024

MBBS पर उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी, दिव्यांग छात्र को दाखिला तब मिलेगा जब...

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि केवल 40 प्रतिशत दिव्यांगता का तय मानक किसी को मेडिकल शिक्षा प्राप्त करने से नहीं रोकता, जब तक...

Follow: Google News Icon
×

Share


MBBS पर उच्चतम न्यायालय | Image: Freepik

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि केवल 40 प्रतिशत दिव्यांगता का तय मानक किसी को मेडिकल शिक्षा प्राप्त करने से नहीं रोकता, जब तक कि विशेषज्ञ की रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख न हो कि अभ्यर्थी एमबीबीएस करने में असमर्थ है।

न्यायामूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने अपने 18 सितंबर के आदेश के लिए विस्तृत कारण बताए। इस आदेश में न्यायालय ने एक उम्मीदवार को एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने की अनुमति दी थी क्योंकि मेडिकल बोर्ड ने कहा था कि वह बिना किसी बाधा के मेडिकल शिक्षा प्राप्त करने में समर्थ है।

पीठ ने कहा कि…

पीठ ने कहा कि दिव्यांग उम्मीदवार की एमबीबीएस पाठ्यक्रम में पढ़ाई करने की क्षमता की जांच विकलांगता मूल्यांकन बोर्ड द्वारा की जानी चाहिए। इसने कहा, ‘‘केवल निर्धारित मानक की दिव्यांगता होने के आधार पर अभ्यर्थी को एमबीबीएस पाठ्यक्रम के लिए पात्रता के अयोग्य नहीं ठहराया जाएगा। अभ्यर्थी की दिव्यांगता का आकलन करने वाले विकलांगता बोर्ड को सकारात्मक रूप से यह दर्ज करना होगा कि अभ्यर्थी की दिव्यांगता पाठ्यक्रम की पढ़ाई में अभ्यर्थी के लिए बाधा बनेगी या नहीं।’’

शीर्ष अदालत ने कहा कि विकलांगता बोर्ड को यह भी बताना चाहिए कि क्या वह इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि उम्मीदवार पाठ्यक्रम में पढ़ाई के लिए असमर्थ है। अगर ऐसा है तो उसे कारण बताना चाहिए। न्यायालय ने ओंकार नामक छात्र की याचिका पर यह फैसला सुनाया, जिसने 1997 के स्नातक चिकित्सा शिक्षा विनियमन को चुनौती दी है जो 40 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांगता वाले अभ्यर्थी को एमबीबीएस करने से रोकता है।

ये भी पढ़ें- Election: MVA और महायुति में कौन मारेगा बाजी? किसके पास कितनी सीटें

(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Updated 13:35 IST, October 15th 2024

Recommended

Live TV

Republic Bharat is Bharat's leading news channel.