Published 11:23 IST, May 14th 2024
रामदेव और बालकृष्ण को पेशी से छूट; अवमानना का केस चलेगा या नहीं, SC ने सुरक्षित रखा आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव और बालकृष्ण को राहत देते हुए उन्हें अगले आदेश तक पेशी से छूट दी। इसके बाद बाबा रामदेव ने जज असानुद्दीन अमानुल्लाह को प्रणाम किया।
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Baba Ramdev: सुप्रीम कोर्ट ने योगगुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के एमडी आचार्य बालकृष्ण को अगले आदेश तक पेशी से छूट दे दी है। हालांकि रामदेव और बालकृष्ण पर कोर्ट की अवमानना का मुकदमा चलेगा या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखा है। अदालत ने पतंजलि से दवाइयों के लाइसेंस को लेकर भी तीन हफ्ते में जवाब मांगा है।
पतंजलि आयुर्वेद की तरफ से दवाओं के लिए 'भ्रामक दावों' को लेकर योगगुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के एमडी आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ अवमानना मामले पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने मामले में सुनवाई की।
कोर्ट ने पतंजलि से जवाब मांगा
पतंजलि के वकील बलबीर सिंह ने कोर्ट को बताया कि हमने विज्ञापनों के बारे में सभी चैनलों को लिखा है। हमने बैन उत्पादों की बिक्री बंद कर दी है। इसके बाद जस्टिस कोहली ने कहा कि आपको स्टॉक के बारे में भी हलफनामा देना होगा। पतंजलि को कहा कि जिन दवाओं के लाइसेंस सस्पेंड किया गया है, उसको दुकान पर बेचने से रोकने और उसको वापस लाने लेकर उनकी तरफ से क्या कदम उठाए गए हैं, इसका लेकर एक हलफनामा दायर करें। सुप्रीम कोर्ट ने तीन हफ्ते में जवाब मांगा है।
रामदेव ने जज अमानुल्लाह को प्रणाम कि
सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव और बालकृष्ण को राहत देते हुए उन्हें अगले आदेश तक पेशी से छूट दी। इसके बाद बाबा रामदेव ने जज असानुद्दीन अमानुल्लाह को प्रणाम किया। बाद में जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा कि हमारा भी प्रणाम है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारा मकसद बस इतना है कि लोग सतर्क रहें। बाबा रामदेव में लोगों की आस्था है। उसे उन्हें सकारात्मक रूप से इस्तेमाल करना चाहिए। दुनियाभर में योगा को लेकर जो बढ़ावा मिला है, उसमें एक योगदान बाबा रामदेव का भी है। जस्टिस अमानुल्लाह ने हल्के-फुल्के अंदाज में बाबा रामदेव कै वकील मुकुल रोहतगी से कहा कि आपके मुवक्किल को कुछ साल पहले दिल का दौरा पड़ने के कारण एम्स जाना पड़ा था।
IMA के अध्यक्ष अशोकन को फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के अध्यक्ष अशोकन को फटकार लगाते हुए कहा कि आपने इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल क्यों किया? ये बेहद दुर्भागपूर्ण है कि आपने भी वही किया जो दूसरे पक्ष ने किया। अदालत में मौजूद IMA अध्यक्ष ने बिना शर्त माफी मांगी। सुप्रीम कोर्ट ने IMA अध्यक्ष से कहा कि आप जानते थे कि आप क्या कर रहे हैं। आप बैठकर कोर्ट के बारे में कुछ भी नहीं कह सकते। आप इस मामले में पक्षकार हैं उसके बाद भी। हम आपके हलफनामे से संतुष्ट नहीं। ये बेहद दुर्भागपूर्ण है।
Updated 11:23 IST, May 14th 2024