Published 22:42 IST, December 11th 2024
सुप्रीम कोर्ट ने दंपति के तलाक को दी मंजूरी, पत्नी के लिए 5 करोड़ रुपए का गुजारा भत्ता दे पति
SC ने वैवाहिक विवाद के मामले में अपनी ओर से तलाक देते हुए पति को निर्देश दिया कि वो एकमुश्त समझौते के तौर पर पत्नी को 5 करोड़ रुपये का गुजारा भत्ता प्रदान करें।
अखिलेश राय
सुप्रीम कोर्ट ने वैवाहिक विवाद के एक मामले में अपनी ओर से तलाक देते हुए पति को निर्देश दिया है कि वो एकमुश्त समझौते के तौर पर पत्नी को 5 करोड़ रुपये का गुजारा भत्ता प्रदान करें। कोर्ट ने इसके साथ ही पति से कहा है कि वो अपने 23 साल के बेटे के भरण पोषण और वित्तीय सुरक्षा के लिए 1 करोड़ का अलग से प्रावधान करें।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि इस केस में पति पत्नी शादी के बाद सिर्फ पांच- छह साल साथ रहे। करीब 20 साल से वो अलग रह रहे है। जब वो साथ रहे, तब भी उनके रिश्ते मधुर नहीं थे। दोनों ने एक दूसरे पर गम्भीर आरोप लगाए है। अब उनके बीच रिश्तों में सुधार की कोई गुजाइश नहीं है। इसलिए कोर्ट ने आर्टिकल 142 के तहत मिली विशेष शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए दोनों पक्षों की मंजूरी से शादी खत्म करने की इजाजत दे दी।
पत्नी को 5 करोड़ रुपए गुजारा भत्ता दें- सुप्रीम कोर्ट
हालांकि कोर्ट ने कहा कि इस केस में पति दुबई में एक बैंक के CEO के रूप में काम कर रहा है और उसका वेतन लगभग 10 से 12 लाख रुपये प्रति माह है। वहीं पत्नी बेरोजगार है। इसलिए एक मुश्त राशि के रूप में 5 करोड़ की राशि देना सही रहेगा।
बेटे के लिए 1 करोड़ रुपए की अलग से व्यवस्था- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एकमुश्त गुजारे भत्ता राशि इस तरह से तय की जानी चाहिए कि पति को दंडित न किया जाए बल्कि इसके जरिये पत्नी के लिए सभ्य जीवन स्तर सुनिश्चित हो। इस केस में भले ही बेटा वयस्क हो गया हो और इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल कर चुका हो लेकिन तब भी उसकी देखभाल की जिम्मेदारी पिता की बनती है। आज के प्रतिस्पर्धी वक़्त में इंजीनियरिंग की डिग्री रोजगार की गांरटी नहीं है। ऐसे में बेटे के लिए अलग से 1 करोड़ की रकम की व्यवस्था करना बेहतर होगा।
Updated 22:42 IST, December 11th 2024