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Published 12:26 IST, September 7th 2024

BIG BREAKING: शिमला में विवादित मस्‍जिद का फैसला टला, अब 5 अक्टूबर को होगी सुनवाई

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली में मस्जिद में हुए अवैध निर्माण के मामले पर सुनवाई 5 अक्तूबर तक टल गई है।

Reported by: Ankur Shrivastava
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shimla sanjauli masjid | Image: PTI

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली में मस्जिद में हुए अवैध निर्माण के मामले पर सुनवाई 5 अक्तूबर तक टल गई है।  शनिवार सुबह 10:30 बजे नगर निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्री के कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई। इसमें मस्जिद की ओर से वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता ने अपनी दलीलें पेश कीं। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फिलहाल सुनवाई 5 अक्तूबर तक के लिए टल दी गई है। ऐसे में अभी अंतिम फैसले के लिए इंतजार करना होगा। 

जानकारी के अनुसार,  शिमला नगर निगम के कमिश्नर भूपेंद्र अत्री की कोर्ट में यह मामला लगा हुआ था। लिस्ट में 13वें नंबर संजौली मस्जिद अवैध निर्माण पर सुबह करीब दस बजे सुनवाई शुरू हुई। इस दौरान अवैध निर्माण पर वक्फ बोर्ड के स्टेट ऑफिसर ने प्रशासन को अपना रिप्लाई फाइल किया। वक्फ बोर्ड का रिप्लाई नगर निगम आयुक्त ने सुनवाई के दौरान पढ़ा। इसमें वक्फ बोर्ड ने बताया कि वक्फ रूल्स के हिसाब से बोर्ड ही संपति पर उसका अधिकार है और वक्फ की तरफ से लतीफ को एनओसी दी गई थी।

कोर्ट ने पूछे कई सवाल

इस पर कमिश्नर ने पूछा कि क्या इसके लिए किसी कमेटी का गठन किया जाना जरूरी है? कोर्ट ने पूछा कि वक्फ बोर्ड ने कब निर्माण का एनओसी दी? वक्फ बोर्ड की तरफ से कहा गया कि लोकल अथॉरिटी से निर्माण की अनुमति लेना निर्माण कमेटी की जिम्मेदारी थी। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि निर्माण कमेटी में केवल ही शख्स था और कोई सदस्य नहीं थे।

कोर्ट की तरफ से कहा गया कि वक्फ बोर्ड की तरफ से यह पता करना ज़रूरी था। यह जानकारी होने के बावजूद कि भवन निर्माण कि अनुमति कमेटी की तरफ से नहीं दी गई है तो वक्फ बोर्ड ने निर्माण में हस्तक्षेप क्यों नहीं किया। फिलहाल, वक्फ बोर्ड ने लेटेस्ट स्टेटस रिपोर्ट की मांग रखी। कोर्ट की तरफ से पूछे गए सवालों के जवाब अब वक्फ बोर्ड से मांगे गए हैं।
 

Updated 15:00 IST, September 7th 2024

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