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Published 13:06 IST, December 2nd 2024

'हर मस्जिद के नीचे मूर्ति...', कांग्रेस सांसद इमरान मसूद क्यों कर रहे मोहन भागवत का समर्थन, समझिए

मोहन भागवत के 3 से ज्यादा बच्चों वाले बयान पर प्रतिक्रिया में इमरान मसूद ने कहा कि भागवत साहब के बयान को उनकी विचारधारा के लोग सीरियस नहीं लेते हैं।

Reported by: Digital Desk
Edited by: Dalchand Kumar
इमरान मसूद ने मोहन भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया दी। | Image: ANI

Imran Masood-Mohan Bhagwat: मोहन भागवत ने घटती जनसंख्या पर चिंता जताते हुए 3 से ज्यादा बच्चे पैदा करने की सलाह दी है तो इस पर राजनीतिक बयानबाजी तेज है। इमरान मसूद ने भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी है। इसी दौरान कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने मोहन भागवत के उस बयान का भी समर्थन किया है, जो संघ प्रमुख ने जून 2022 में दिया था।

इमरान मसूद ने सोमवार को संसद सत्र शुरू होने से पहले मोहन भागवत का समर्थन करते हुए अपना बयान दिया। इमरान मसूद उस बयान का समर्थन कर रहे थे, जिसमें राम मंदिर के बाद जून 2022 में मोहन भागवत ने कहा था कि 'हर मस्जिद के नीचे शिवलिंग नहीं ढूंढना चाहिए।' फिलहाल इमरान मसूद ने भागवत की पुरानी टिप्पणी का जिक्र हालिया घटनाओं से जोड़कर किया है, जब उत्तर प्रदेश में संभल जैसा विवाद चल रहा है।

3 बच्चों वाली सलाह पर मसूद का जवाब

मोहन भागवत के 3 से ज्यादा बच्चों वाले बयान पर प्रतिक्रिया में इमरान मसूद ने कहा कि भागवत साहब के बयान को उनकी विचारधारा के लोग सीरियस नहीं लेते हैं। क्योंकि भागवत साहब ने पहले भी कहा था कि राम मंदिर के बाद अब ये नहीं होना चाहिए कि आप हर मंदिर के नीचे मूर्ति ढूंढें। भागवत साहब के बयान को कोई सीरियस लेता ही नहीं है तो मैं क्या कह सकता हूं।

इमरान मसूद ने उठाया बांग्लादेश का मसला

हालांकि इमरान मसूद ने इस दौरान बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के मुद्दे पर अपनी बात रखी। बांग्लादेश में लगातार हिंदुओं के ऊपर जो हमले हो रहे हैं, उन हमलों के विरोध में इमरान मसूद ने लोकसभा में ध्यान आकर्षण प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि सरकार इसके ऊपर सुनेगी, क्योंकि बांग्लादेश के अंदर इस्कॉन मंदिर के प्रमुख समेत कुछ लोगों को गिरफ्तार किया हुआ है।

अपने बयान में इमरान मसूद ने कहा- 'हम सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं और चाहते हैं कि बांग्लादेश सरकार के ऊपर दबाव बनाया जाए। कूटनीतिक दबाव बनाया जाए और अगर नहीं तो बांग्लादेश के साथ सारे व्यापारिक रिश्ते बंद होने चाहिए। मेरा दूसरा मसला गिरनार मंदिर का है, जो जैन समुदाय का है। मेरी तरफ से मांग है कि जैन समुदाय के मंदिर पर जो कब्जा हुआ है, सरकार उसको लेकर तुरंत दखल दे।'

यह भी पढ़ें: 'पहले आप बताइए कि शादी कब करेंगे?', मोहन भागवत के बयान पर ओवैसी का तंज

Updated 13:06 IST, December 2nd 2024

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