Published 12:26 IST, November 7th 2024
राजस्थान: नाबालिग से छेड़छाड़ के मामले में टीचर पर मुकदमे का रास्ता साफ; SC ने पलटा फैसला
दलित नाबालिग से छेडछाड के आरोप में समझौते के आधार पर एफआईआर रद्द के राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
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अखिलेश राय
दलित नाबालिग से छेडछाड के आरोप में समझौते के आधार पर एफआईआर रद्द के राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इसी के साथ आरोपी टीचर विमल कुमार गुप्ता के खिलाफ मुकदमा चलाने का रास्ता भी साफ हो गया। आपको बता दें कि मामला 2022 का राजस्थान के गंगापुर सिटी का है।
जहां एक सरकारी स्कूल के टीचर ने एक नाबालिग दलित छात्रा से छेडछाड की थी। जिसपर नाबालिग की शिकायत पर पॉक्सो और एससी/एसटी अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। पीडिता का 164 के तहत बयान भी दर्ज कराया गया था। लेकिन बाद में आरोपी शिक्षक ने 500 रूपये के स्टाम्प पेपर पर पीडि़त पक्ष से ये लिखवा लिया कि शिक्षक के खिलाफ पीडि़ता ने गलतफहमी मे मुकदमा दर्ज करा दिया था।
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और अब आरोपी टीचर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं चाहती। पुलिस ने भी इस समझौते के आधार पर फाइनल रिपोर्ट लगा दी। लेकिन निचली अदालत ने पुलिस की फाइनल रिपोर्ट को खारिज कर दी। निचली अदालत के फैसले को आरोपी ने राजस्थान हाईकोर्ट मे चुनौती दी। हाईकोर्ट ने आरोपी की याचिका स्वीकार करते हुए FIR रद्द करने का आदेश दिया था। राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को एक समाजसेवी रामजी लाल बैरवा ने सुप्रीम कोर्ट मे चुनौती दी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग ने भी हस्तक्षेप याचिका दाखिल कर पक्षकार बना।
12:26 IST, November 7th 2024