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Published 20:24 IST, October 3rd 2024

PM Internship Scheme: युवाओं को रोजगार के काबिल बनाने को पायलट आधार पर पीएम इंटर्नशिप योजना शुरू

सरकार ने युवाओं को रोजगार के काबिल बनाने के मकसद से बृहस्पतिवार को पायलट आधार पर प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना शुरू की।

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PM internship scheme | Image: Pixabay

सरकार ने युवाओं को रोजगार के काबिल बनाने के मकसद से बृहस्पतिवार को पायलट आधार पर प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना शुरू की।

योजना के तहत इंटर्नशिप के लिए चयनित युवाओं को 5,000 रुपये की मासिक वित्तीय सहायता मिलेगी। इसके अलावा, उन्हें इंटर्नशिप ‘जॉइन’ करने को लेकर एकबारगी 6,000 रुपये की सहायता दी जाएगी। इंटर्नशिप 12 महीने के लिए होगी।

सरकारी सूत्रों ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में 1.25 लाख इंटर्नशिप के अवसर उपलब्ध कराने की योजना है। इस पर 800 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है। योजना के तहत पांच साल में एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के अपने बजट भाषण में कहा था कि सरकार इंटर्नशिप प्रदान करने के लिए एक व्यापक योजना शुरू करेगी। इसके तहत पांच साल में एक करोड़ युवाओं को 500 शीर्ष कंपनियों में प्रशिक्षण का अवसर दिया जाएगा। उन्हें वास्तविक रूप से कारोबारी माहौल, विभिन्न कारोबार क्षेत्रों में 12 महीने कामकाज के गुर सीखने का मौका मिलेगा और साथ ही रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।

सूत्रों ने कहा, ‘‘योजना को ऑनलाइन पोर्टल...डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट पीएमइंटर्नशिप डॉट एमसीए डॉट जीओवी डॉट इन... के जरिये लागू किया जाएगा। पोर्टल का विकास कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने किया है।’’

उन्होंने कहा कि पहले चरण में उम्मीदवार पोर्टल पर 12 से 25 अक्टूबर के बीच अपना पंजीकरण करा सकते हैं। आवेदनकर्ताओं को 26 अक्टूबर को छांटा जाएगा।

सूत्रों ने कहा कि कंपनियां उम्मीदवारों का चयन 27 अक्टूबर से सात नवंबर के दौरान करेंगी। उसके बाद चुने गये उम्मीदवारों के पास कंपनियों की इंटर्नशिप पेशकश स्वीकार करने के लिए आठ से 15 नवंबर तक का समय होगा। इंटर्नशिप दो दिसंबर से शुरू होगी और 12 महीने के लिए होगी।

इंटर्नशिप के लिए चयनित युवाओं को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत बीमा कवर दिया जाएगा। इसके लिए प्रीमियम का भुगतान सरकार करेगी। इसके अलावा, कंपनियां चयनित उम्मीदवार को अतिरिक्त दुर्घटना बीमा उपलब्ध करा सकती हैं।

सूत्रों ने कहा कि पायलट परियोजना का पहला चरण दिसंबर के पहले सप्ताह में पूरा होने की उम्मीद है। उसके बाद इसे पूर्ण रूप से लागू किया जाएगा। केंद्र सरकार की नौकरियों में आरक्षण का नियम इस योजना में भी लागू होगा।

परियोजना के संचालन के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले स्वायत्त निकाय बीआईएसएजी-एन (भास्कराचार्य नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर स्पेस एप्लिकेशंस एंड जियो इंफॉर्मेटिक्स) के साथ भागीदारी की गयी है।

सूत्रों ने कहा कि पोर्टल के माध्यम से भागीदार कंपनियां इंटर्नशिप के अवसर प्रदान कर सकती हैं। पायलट परियोजना के लिए शीर्ष कंपनियों की पहचान पिछले तीन साल में उनके सीएसआर (कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व) व्यय के औसत के आधार पर की गई है।

कोई भी अन्य कंपनी/बैंक/वित्तीय संस्थान मंत्रालय की मंजूरी से इस योजना में भाग ले सकते हैं।

प्रशिक्षुओं को प्रति माह 5,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। कुल राशि में से 4,500 रुपये सरकार सीधे चयनित उम्मीदवार के बैंक खाते में डालेगी जबकि 500 रुपये कंपनी अपने सीएसआर कोष से भुगतान करेगी।

योजना के तहत प्रशिक्षुओं के प्रशिक्षण से जुड़ा खर्च कंपनी अपने सीएसआर कोष से उठाएगी।

सूत्रों ने कहा कि पूर्णकालिक नौकरी और पढ़ाई नहीं कर रहे 21 साल से 24 साल के युवा इसके लिए पोर्टल के जरिये आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन/दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रमों से जुड़े उम्मीदवार आवेदन करने के पात्र हैं।

पात्रता मानदंड के बारे में सूत्रों ने कहा कि जिन उम्मीदवारों ने हाई स्कूल, उच्च माध्यमिक स्कूल से परीक्षा उत्तीर्ण की है, आईटीआई का प्रमाण पत्र है, पॉलिटेक्निक संस्थान से डिप्लोमा है, या बीए, बी.एससी, बी.कॉम, बीसीए, बीबीए, बी.फार्मा जैसी डिग्री के साथ स्नातक हैं, वे इसके लिए पात्र होंगे।

हालांकि, इसमें कुछ ऐसे मानदंड भी हैं, जिन्हें पूरा करने वाले योजना में शामिल नहीं हो पाएंगे। इसमें जिन उम्मीदवारों के परिवार में किसी सदस्य की सालाना आय 2023-24 में आठ लाख रुपये से अधिक थी, उन्हें योजना से बाहर रखने का प्रावधान शामिल है।

सूत्रों ने बताया कि अबतक तीन कंपनियों ने 1,077 लोगों को प्रशिक्षण देने के लिए पेशकश की है। ये कंपनियां हैं...अलेम्बिक फॉर्मास्युटिकल्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा और मैक्स लाइफ इंश्योरेंस।

योजना से जुड़ी भागीदार कंपनियों के पास पोर्टल पर एक अलग से ‘डैशबोर्ड’ होगा। वहां वे इंटर्नशिप के अवसर, स्थान, काम का स्वरूप, आवश्यक योग्यता और प्रदान की जाने वाली किसी भी सुविधा का विवरण डाल सकते हैं।

पात्र उम्मीदवार पोर्टल पर पंजीकरण कर सकते हैं। वहां उनके विवरण का उपयोग ‘बायोडाटा’ तैयार करने के लिए किया जाएगा।

उम्मीदवार अपने पसंदीदा क्षेत्रों, भूमिकाओं और स्थानों के आधार पर इंटर्नशिप के लिए आवेदन कर सकते हैं।

मामले में कोई शिकायत आने पर संबंधित कंपनी का नोडल अधिकारी इसका निपटान करेगा। जबकि कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय योजना पर नजर रखेगा।

Updated 20:26 IST, October 3rd 2024

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