Published 21:12 IST, November 17th 2024

Manipur: सरकार से NPP ने समर्थन लिया वापस, क्या खतरे में है BJP सरकार? समझें विधानसभा का गणित

NPP के एन बीरेन सिंह सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद सवाल उठता है कि क्या मणिपुर में बीजेपी सरकार गिर जाएगी? तो इसका सीधा जवाब है नहीं। समझें विधानसभा का गणित

Reported by: Digital Desk
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Manipur: सरकार से NPP ने समर्थन लिया वापस, क्या खतरे में है BJP सरकार? | Image: Republic
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Manipur Violence: मणिपुर में लगातार हिंसा के बाद हालात बिगड़ते जा रहे हैं। प्रदेश में नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस ( NDA ) की सहयोगी नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने भी एन बीरेन सिंह की सरकार से समर्थन वापस लेने का ऐलान कर दिया है। कॉनराड संगमा की NPP ने रविवार को सरकार से समर्थन वापस लेते हुए कहा कि बीरेन सिंह शासन इस पूर्वोत्तर राज्य में संकट का समाधान करने और सामान्य स्थिति बहाल करने में पूरी तरह से नाकाम रहा है।

NPP ने रविवार (17 नवंबर) को बीजेपी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को भेजे पत्र में दावा किया कि पिछले कुछ दिनों में मणिपुर में स्थिति और बिगड़ गई है, कई निर्दोष लोगों की जान गई है और राज्य के लोग भारी पीड़ा से गुजर रहे हैं। NPP ने पत्र में कहा, 'हम दृढ़ता से महसूस करते हैं कि बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली मणिपुर सरकार संकट का समाधान करने और सामान्य स्थिति बहाल करने में पूरी तरह से विफल रही है। वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए नेशनल पीपुल्स पार्टी ने मणिपुर में बीरेन सिंह सरकार से अपना समर्थन तत्काल प्रभाव से वापस लेने का निर्णय लिया है।'

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क्या खतरे में है BJP सरकार?

NPP के सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद सवाल उठता है कि क्या मणिपुर में बीजेपी सरकार गिर जाएगी? तो इसका सीधा जवाब है नहीं। दरअसल, मणिपुर विधानसभा में कुल 60 सीट हैं। प्रदेश में पूर्ण बहुमत का आंकड़ा 31 है। मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा में एनपीपी के 7 विधायक हैं और बीजेपी के पास कुल 32 विधायक है। बीजेपी के पास मणिपुर में अकेले दम पर सरकार बना रखना का आंकड़ा है। मणिपुर में 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों के अनुसार

  • बीजेपी - 32
  • कांग्रेस - 5
  • जदयू - 6
  • नागा पीपुल्स फ्रंट - 5 
  • कुकी पीपुल्स एलायंस - 2 
  • नेशनल पीपुल्स पार्टी - 7 
  • 3 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी जीते थे

अमित शाह ने की समीक्षा

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की रविवार को समीक्षा की और शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों को राज्य में शांति सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाने का निर्देश दिया। शाह ने महाराष्ट्र में अपनी चुनावी रैलियां रद्द करके लौटने के तुरंत बाद यह बैठक की। अमित शाह आगे के कदमों पर सोमवार को शीर्ष अधिकारियों के साथ एक और विस्तृत बैठक करेंगे।

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महिलाओं, बच्चों के शव मिलने के बाद हिंसक प्रदर्शन

यह कदम ऐसे समय उठाया गया है, जब मणिपुर में महिलाओं और बच्चों के शव बरामद होने के बाद विरोध-प्रदर्शन और हिंसा के कारण स्थिति गंभीर बनी हुई है। मणिपुर पिछले साल मई से ही जातीय संघर्ष से जूझ रहा है। इंफाल घाटी में बसे मेइती और समीपवर्ती पहाड़ियों में बसे कुकी-जो समुदाय के बीच जातीय हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हुए हैं।

विधायक के आवास में लगाई आग

अधिकारियों ने बताया कि मणिपुर में इंफाल घाटी के अलग-अलग जिलों में गुस्साई भीड़ ने बीजेपी तीन और कांग्रेस के एक विधायक के आवास को आग लगा दी। प्रदर्शनकारियों ने राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के पैतृक आवास पर भी धावा बोलने की कोशिश की, हालांकि पुलिस ने उन्हें रोक दिया।

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जिरीबाम जिले में 3 महिलाओं और 3 बच्चों के शव मिलने के बाद प्रदर्शनकारियों ने इंफाल घाटी के अलग-अलग हिस्सों में शनिवार को हिंसक प्रदर्शन किया, जिसके बाद से यहां अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया। गुस्साई भीड़ ने शनिवार को राज्य के तीन मंत्रियों और छह विधायकों के आवासों पर भी हमला किया था। प्रदर्शनकारियों ने निंगथौखोंग में लोक निर्माण मंत्री गोविंददास कोंथौजम, लैंगमीडोंग बाजार में हियांगलाम से बीजेपी विधायक वाई राधेश्याम, थौबल जिले में वांगजिंग टेंथा के बीजेपी विधायक पाओनम ब्रोजेन और इंफाल पूर्वी जिले में खुंद्राक्पम के कांग्रेस विधायक लोकेश्वर के घरों में आग लगा दी।

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20:52 IST, November 17th 2024