Published 16:27 IST, September 16th 2024

EXPLAINER/ INDI के दो CM...एक ने जेल से लौटते छीनी सत्ता, दूसरे ने रिहाई के बाद किया कुर्सी छोड़ने का किया ऐलान

इंडी गठबंधन के दो ऐसे सीएम जिन्होंने जेल से निकलते ही लाया सियासी भूचाल। एक ने छीन ली सत्ता तो दूसरे ने किया इस्तीफे का ऐलान।

Reported by: Kanak Kumari
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अरविंद केजरीवाल और हेमंत सोरेन | Image: PTI
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मोदी सरकार के खिलाफ इंडी गठबंधन अपनी पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरने की कोशिश कर रही है। लोकसभा चुनाव में भले ही इंडी के घटक दल एक साथ नजर आएं, लेकिन विधानसभा चुनावों में ये एकता देखने को नहीं मिलती है। वहीं इंडीगठबंधन में कई दल ऐसे हैं, जिनके प्रमुखों पर भ्रष्टाचार का आरोप है। इस मामले में जेल भी जा चुके हैं। ताजा उदाहरण झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झारखंड के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का है। दोनों ही नेताओं को भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाना पड़ा।

हालांकि, इनमें फर्क इतना है कि एक ने जेल से लौटते ही सत्ता छीनी तो दूसरे ने कुर्सी छोड़ने का ऐलान कर दिया है। हालिया अपडेट में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 13 सितंबर को तिहाड़ जेल से बाहर निकले। जेल से बाहर आने के बाद दिल्ली सीएम ने बड़ा धमाका कर दिया।

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कुर्सी छोड़ने के लिए दो दिनों का लिया वक्त

15 सितंबर को सीएम केजरीवाल ने दिल्ली की गद्दी छोड़ने का ऐलान कर दिया। हालांकि, उन्होंने इसके लिए दो दिनों का वक्त लिया है। दिल्ली सीएम ने कहा कि वो दो दिनों के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। इसके साथ ही उन्होंने चुनाव आयोग से दिल्ली में नवंबर में ही चुनाव कराने की अपील की।

बता दें, वर्तमान की दिल्ली सरकार फरवरी 2024 में अपना कार्यकाल पूरा कर रही है। ऐसे में राष्ट्रीय राजधानी में फरवरी में चुनाव होना चाहिए, लेकिन केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली में महाराष्ट्र के साथ ही चुनाव करा दिए जाएं। आखिरकार फैसला चुनाव आयोग ही करेगा। हालांकि, इसके लिए EC केंद्र सरकार से परामर्श कर सकता है।

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झारखंड सरकार ने छीनी गद्दी

हेमंत सोरेन और अरविंद केजरीवाल साल 2013 में पहली बार मुख्यमंत्री बने। हेमंत सोरेन ने जुलाई 2013 को तो अरविंद केजरीवाल ने दिसंबर 2013 को झारखंड और दिल्ली की गद्दी संभाली। सीएम सोरेन ने कई बार जांच एजेंसी के समन को नजर अंदाज किया, लेकिन आखिर में उन्हें गिरफ्तार कर ही लिया गया। हालांकि अपनी गिरफ्तारी से पहले ही उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा भी दे दिया।

चंपई सोरेन ने ली थी मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी

हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद चंपई सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री बने। हालांकि, इसे लेकर भी काफी विवाद हुआ। काफी बहस और खींचातानी के बाद चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया गया। हालांकि, चंपई सोरेन का सीएम बनने की ख्वाहिश तो पूरी हुई लेकिन ये ज्यादा दिनों तक नहीं चला।

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5 महीने बाद हेमंत सोरेन की वापसी और चंपई का इस्तीफा

हेमंत सोरेन करीब 5 महीने बाद जेल से बाहर आ गए। और उनके बाहर आते ही चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने पड़ा। 3 जुलाई की शाम करीब 8 बजे चंपई सोरेन ने सीएम पद से इस्तीफा दिया। राज्यपाल को मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा सौंपने के बाद चंपई सोरेन ने कहा था कि, 'पिछले दिनों राजनीतिक परिस्तिथियों की वजह से मुझे मुख्यमंत्री बनाया गया था, लेकिन हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद हमारे गठबंधन ने निर्णय लिया है वह फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे।'

हेमंत से नाराजगी की चर्चा हुई शुरू...

चंपई सोरेन के इस्तीफा देने की वजह हेमंत सोरेन से नाराजगी को बताया जाने लगा। बाद  में खबर आई कि चंपई सोरेन बीजेपी नेता के संपर्क में हैं। इन सबके बीच वो दिल्ली भी पहुंचे। हालांकि, उन्होंने तब भी इस बात से इनकार किया कि वो दिल्ली बीजेपी नेता से मुलाकात करने पहुंचे हैं। सभी राजनीतिक क्रियाकलापों के बीच चंपई सोरेन अपने बेटे के साथ 30 अगस्त को बीजेपी में शामिल हुए। वहीं झारखंड में महज 6 महीने का समय रह गया है, जब वहां चुनाव होगा। इंडी गठबंधन के ये दो मुख्यमंत्री ऐसे हैं, जिसमें एक ने जेल से बाहर निकलते ही सत्ता छीन ली और दूसरे ने कुर्सी छोड़ने का ऐलान किया।

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