Published 23:56 IST, November 21st 2024
'उन्होंने अपने आश्रम में कई मुसलमानों को...', मौलाना रिजवी ने धीरेंद्र शास्त्री पर लगाया बड़ा आरोप
बागेश्वरधाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री की पद यात्रा आज से शुरू हो गई है। इस बीच मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने पंडित शास्त्री पर बड़ा आरोप लगाया है।
Advertisement
बागेश्वरधाम सरकार के पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने 21 नवंबर यानि कि आज से हिंदू पद यात्रा शुरू हो गई है। हिंदू पद यात्रा 160 किलोमीटर लंबी, बागेश्वर धाम से ओरछा तक जाएगी। हालांकि, पद यात्रा की शुरुआत के पहले दिन ही बवाल मच गया। दरअसल, मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर बड़ा आरोप लगाया है। वहीं हिंदू पद यात्रा बंद करवाने की मांग भी की।
मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर आरोप लगाते हुए कहा, "हमें अंदेशा है कि कहीं ये यात्रा सांप्रदायिक ना हो जाए। उसकी वजह ये है कि वो हमेशा मुसलमानों के खिलाफ बोलते हैं, उन्हें धमकी देने की बात करते हैं और पिछले दिनों कई मुसलमानों को अपने आश्रम में मजहब तब्दील कराया। इस वजह से वो हमेशा चर्चा में रहते हैं और अपने आप को हिंदुत्व लीडर साबित करने की कोशिश करते हैं।"
Advertisement
मुसलमानों को चुभती है धीरेंद्र शास्त्री की भाषा: मौलाना रिजवी
धीरेंद्र शास्त्री को लेकर उन्होंने कहा कि उन्होंने भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का झंडा बुलंद किया। मैं उनको कहना चाहता हूं कि ये हिन्दुस्तान ना कभी हिंदू राष्ट्र हुआ है ना होगा और ना ही कभी ये मुस्लिम राष्ट्र हो सकता है। वो जिस तरह की भाषा इस्तेमाल करते हैं, उससे मुसलमानों को तकलीफ होती है। मुसलमानों के दिलों को उनकी बात चुभती है। इसलिए मैं हुकूमतों से कहूंगा कि उनकी यात्रा पर पाबंदी लगाए। ऐसा इसलिए क्योंकि वो इस तरह की जुबान इस्तेमाल करेंगे। कहीं ऐसा ना हो कि ये उनकी यात्रा शांति के बजाए सांप्रदायिक रुप इख्तियार कर ले और हिंदू-मुसलमानों के बीच एक बड़ा तनाव पैदा करे।
मंदिर और मस्जिद में गाए जाएं राष्ट्रगीत: धीरेंद्र शास्त्री
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपनी यात्रा को लेकर कहा "सनातनी एकता पदयात्रा का मुख्य लक्ष्य भेदभाव और जातिवाद को दूर करना है। लेकिन अगर यह (आरती के बाद राष्ट्रगीत का गायन) मंदिरों में करने की कोशिश की जाए तो यह बहुत अच्छा और अभिनव होगा। इससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि कौन देशद्रोही है और कौन देशभक्त। मस्जिदों में भी ऐसा किया जाना चाहिए।"
Advertisement
उन्होंने आगे कहा कि धर्मांतरण एक बड़ा मुद्दा है। इसके पीछे एक बड़ा कारण है। कारण यह है कि हम उन तक नहीं पहुंच पाते और वे शहरों में नहीं आ पाते है। यह दूरी तय करना ही धर्मांतरण को रोकना है। इस अंतर को कैसे भरा जा सकता है? हमें उनके बीच जाकर उत्सव मनाना होगा, कथा करनी होगी, उन्हें मंच पर बुलाना होगा। राजनेता वोट बैंक की राजनीति के लिए उनके पास जाते हैं और गले मिलते हैं, लेकिन बाद में उन्हें भूल जाते हैं। धार्मिक नेताओं, संतों, आचार्यों को उन अनादिवासियों के पास जाना होगा, जो गैर-हिंदू बनने वाले हैं। धर्मांतरण रोकने का यही एकमात्र तरीका है।
इसे भी पढ़ें: Delhi: चलती बस से अचानक कूद गई लड़की, यौन उत्पीड़न समझकर भीड़ ने दो युवकों की कर दी कुटाई, लेकिन...
Advertisement
23:14 IST, November 21st 2024