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Published 14:39 IST, July 12th 2024

केजरीवाल को राहत या झटका? SC ने फैसले में क्या कहा, जो BJP मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की कर डाली मांग

BJP सांसद बांसुरी स्वराज कहती हैं कि अरविंद केजरीवाल की याचिका में अनुरोध था कि गिरफ्तारी को अवैध घोषित किया जाए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कोई राहत नहीं दी।

Reported by: Digital Desk
सुप्रीम कोर्ट से केजरीवाल को अंतरिम जमानत पर बांसुरी स्वराज ने जवाब दिया। | Image: ANI/PTI

Arvind Kejriwal Interim Bail: अरविंद केजरीवाल को लेकर आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला काफी अहम है। केजरीवाल को भले अंतरिम जमानत मिली है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की तरफ से की गईं टिप्पणियों और फैसले की मुख्य बातों को समझेंगे तो AAP प्रमुख के लिए राहत ज्यादा नहीं है। वो इसलिए कि मामला अब बड़ी बेंच को ट्रांसफर हुआ है। दूसरा और सबसे अहम बिंदु ये कि केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद पर बने रहने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की है। इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी हमलावर होने लगी है।

दिल्ली के तथाकथित शराब घोटाला केस में 21 मार्च 2024 को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी हुई थी। ये गिरफ्तारी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने की थी। कुछ समय पहले भी केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत मिली थी, लेकिन उन्हें फिर से जेल लौटना पड़ा था। अभी भी सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को सिर्फ अंतरिम जमानत दी है। इस पर बीजेपी की सांसद बांसुरी स्वराज कहती हैं कि केजरीवाल की याचिका में अनुरोध किया गया था कि उनकी गिरफ्तारी को अवैध घोषित किया जाए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कोई राहत नहीं दी और इसके बजाय मामले को बड़ी बेंच को भेज दिया। उन्हें जो अंतरिम जमानत मिली है, वो इसलिए है क्योंकि कानून के एक बिंदु को बड़ी बेंच को भेज दिया गया है और बड़ी बेंच की सुनवाई में समय लगता है।

सुप्रीम कोर्ट की ये टिप्पणी अहम

सुनवाई के बीच सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को लेकर टिप्पणी की कि वो 90 दिनों से ज्यादा समय तक जेल में रहे हैं। वो एक निर्वाचित नेता हैं और ये उन पर निर्भर करता है कि वो इस पद (मुख्यमंत्री पद) पर बने रहना चाहते हैं या नहीं। कोर्ट ने यहां तक कह दिया कि अदालत केजरीवाल को उनकी गिरफ्तारी के कारण पद छोड़ने का निर्देश नहीं दे सकती है, ये उनका निर्णय होगा।

अदालत की इस टिप्पणी पर बीजेपी की सांसद बांसुरी स्वराज कहती हैं कि आज सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया है कि जब भी कोई संवैधानिक पदाधिकारी ऐसे अपराध में शामिल होता है, तो उसे अपने पद से इस्तीफा देना पड़ता है। उन्होंने आरोप लगाए कि अरविंद केजरीवाल सबको गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। वो इस्तीफा देने को तैयार नहीं हैं। उनकी जिद दिल्ली में नीतिगत पक्षाघात और संवैधानिक संकट पैदा कर रही है।

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सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में क्या-क्या कहा?

  • 50 हजार रुपये का जमानत बांड देना होगा।
  • वो मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय का दौरा नहीं करेंगे।
  • आधिकारिक फाइलों पर तब तक हस्ताक्षर नहीं करेंगे, जब तक कि ये आवश्यक ना हों और दिल्ली के उपराज्यपाल की मंजूरी के लिए आवश्यक ना हों।
  • वो वर्तमान मामले में अपनी भूमिका के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे, (केस को लेकर)।
  • किसी भी गवाह के साथ बातचीत नहीं करेंगे और मामले से जुड़ी किसी भी आधिकारिक फाइल तक पहुंच नहीं होगी।
  • अंतरिम जमानत को बड़ी बेंच की तरफ से बढ़ाया या वापस लिया जा सकता है।
  • अरविंद केजरीवाल एक निर्वाचित नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं, एक महत्व और प्रभाव रखने वाला पद है।
  • हमने आरोपों का भी हवाला दिया है। हालांकि हम कोई निर्देश नहीं देते हैं, क्योंकि हमें संदेह है कि क्या अदालत किसी निर्वाचित नेता को पद छोड़ने या मुख्यमंत्री या मंत्री के रूप में काम नहीं करने का निर्देश दे सकती है। हम फैसला लेने का फैसला अरविंद केजरीवाल पर छोड़ते हैं।
  • यदि उचित समझा जाए तो बड़ी पीठ प्रश्न बना सकती है और ऐसे मामलों में अदालत की तरफ से लगाई जा सकने वाली शर्तों पर निर्णय ले सकती है।
  • रजिस्ट्री को निर्देश दिया जाता है कि वो उपरोक्त प्रश्नों पर विचार के लिए एक उचित पीठ और यदि उपयुक्त हो तो एक संविधान पीठ के गठन के लिए मामले को भारत के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष रखे।

SC के फैसले को AAP बता रही जीत

आम आदमी पार्टी केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिलने का जश्न मना रही है। दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष और आम आदमी लीगल सेल के सलाहकार एडवोकेट संजीव नसीर ने 'X' पर पोस्ट में लिखते हैं, 'मैं सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद करता हूं कि आज बड़ी राहत का दिन है।' हरियाणा AAP चीफ सुशील गुप्ता लिखते हैं- 'सत्य की जीत हमेशा निश्चित होती है और आखिरकार सत्य की ही जीत हुई है।' कैलाश गहलोत कहते हैं कि 'सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं।'

AAP के राष्ट्रीय महासचिव संगठन और सांसद संदीप पाठक कहते हैं, 'ये राहत की बात है। जब वो इस पार्टी को नहीं रोक सकते तो वो पार्टी के सभी नेताओं को जेल में डाल देते हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का आदेश बहुत राहत देने वाला है। मेरा मानना ​​है कि पार्टी महत्वपूर्ण नहीं है, देश महत्वपूर्ण है।'

केजरीवाल को रहना पड़ेगा अभी जेल में

इसको समझना होगा कि सुप्रीम कोर्ट ने भले केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी है, लेकिन उनकी जेल से रिहाई नहीं होगी। वो इसलिए कि अंतरिम जमानत ईडी के मामले में मिली है, जबकि सीबीआई के मामले में केजरीवाल अभी भी न्यायिक हिरासत में हैं। AAP प्रमुख केजरीवाल को 26 जून को सीबीआई ने आबकारी नीति मामले में भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया था।

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Updated 14:51 IST, July 12th 2024

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