Search icon
Download the all-new Republic app:

Published 15:24 IST, September 15th 2024

IRS अफसर, फिर अन्ना हजारे के शिष्य... पार्टी बनाने से लेकर CM बनने तक; जानें केजरीवाल का सियासी सफर

2 अक्टूबर 2012 में अरविंद केजरीवाल ने अपने राजनीतिक दल का गठन किया। फिर 24 नवंबर 2012 को इसे आम आदमी पार्टी का रूप दिया गया।

Reported by: Priyanka Yadav
Delhi CM Arvind Kejriwal | Image: Facebook

Arvind Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज, 15 सितंबर को सीएम पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ संवाद में कहा कि वो दो दिन के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी से इस्तीफा दे देंगे।

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ये ऐलान तथाकथित आबकारी नीति मामले में उन्हें जमानत दिए जाने के दो दिन बाद किया है। केजरीवाल ने कहा कि वो मुख्यमंत्री पद तभी स्वीकार करेंगे जब आगामी विधानसभा चुनाव में दिल्ली की जनता उनकी ईमानदारी पर मुहर लगाएगी। दिल्ली की राजनीति में छा जाने वाले अरविंद केजरीवाल का एक सरकारी अधिकारी से नेता बनने तक का सफर काफी दिलचस्प रहा है। आइए जानते हैं अरविंद केजरीवाल के बारे में, आखिर कैसे उन्होंने एक सामान्य परिवार से निकलकर एक पार्टी का गठन किया और दिल्ली-पंजाब जैसे महत्वपूर्ण सूबों में अपनी सरकार बनाई?

हरियाणा के भिवानी के रहने वाले हैं केजरीवाल

दिल्ली की सत्ता पर करीब एक दशक से काबिज अरविंद केजरीवाल का जन्म 16 अगस्त 1968 को हरियाणा के भिवानी जिले के खेड़ा गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम गोबिंद राम केजरीवाल और मां का नाम गीता देवी है। केजरीवाल के पिता एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हिसार के कैंपस स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद 1985 में IIT-JEE परीक्षा पास की और ऑल इंडिया 563 रैंक हासिल की। ​मैकेनिकल इंजीनियरिंग में IIT खड़गपुर से ग्रेजुएशन की। फिर 1989 में केजरीवाल जमशेदपुर में टाटा स्टील में शामिल हो गए। इसके बाद 1992 में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी का हवाला देते हुए उन्होंने टाटा स्टील की नौकरी से इस्तीफा दे दिया।

1995 में UPSC पास कर बने IRS अधिकारी

अरविंद केजरीवाल ने फिर 1995 में सिविल सेवा परीक्षा पास की, जिसके बाद उनका चयन भारतीय राजस्व सेवा (IRS) में हो गया। परीक्षा पास कर वो आयकर विभाग के सहायक आयुक्त के रूप में कार्यभार संभालने लगे। फिर साल 2000 में अरविंद केजरीवाल ने आगे की पढ़ाई के लिए दो साल की सवैतनिक छुट्टी (Paid Holiday) की मांग की। इस दौरान उन्होंने छुट्टी तो मिली लेकिन एक शर्त के साथ कि फिर से ज्वाइन करने के बाद वो कम से कम तीन साल तक नौकरी से इस्तीफा नहीं देंगे। अगर वो ऐसा करते हैं तो उन्हें इन दो सालों में मिली सैलरी का भुगतान करना होगा।

यह भी पढे़ं: दिल्ली का चुनाव भी, कोर्ट से मिली आधी अधूरी आजादी का तोड़ भी; केजरीवाल ने ऐलान से साध लिए दो निशानेऐलान

2006 में संयुक्त आयकर आयुक्त पद से इस्तीफा

साल 2002 में अरविंद केजरीवाल ने वापसी की, लेकिन एक साल तक उनकी नियुक्ति नहीं की गई। हालांकि इस दौरान भी उन्हें सैलरी मिलती रही। इसके बाद उन्होंने फिर 18 महीने की बिना वेतन छुट्टी के लिए आवेदन किया, जो उन्हें मिल गई। इसके बाद साल 2006 में उन्होंने नई दिल्ली में संयुक्त आयकर आयुक्त (Joint Commissioner of Income Tax) के पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के बाद केंद्र सरकार ने दावा किया था कि उन्होंने शर्त के मुताबिक तीन साल काम नहीं किया जो कि समझौते का उल्लंघन है। इस वजह से उन्हें भुगतान करना पड़ा। उन्होंने अपने दोस्तों की मदद से भुगतान भी किया।

अन्ना हजारे के आंदोलन में हुए शामिल

इसके बाद साल 2011 में केजरीवाल ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के साथ मिलकर जन लोकपाल विधेयक को लागू करने की मांग करते हुए इंडिया अगेंस्ट करप्शन ग्रुप (IAC) का गठन किया। अन्ना हजारे जन लोकपाल विधेयक की मांग को लेकर 16 अगस्त को दिल्ली के रामलीला मैदान में भूख-हड़ताल पर बैठ गए। 16 अगस्त को शुरू हुआ यह आंदोलन 28 अगस्त तक चला। अन्ना हजारे के साथ इस आंदोलन में अरविंद केजरीवाल, कुमार विश्वास, किरण बेदी, संजय सिंह और मनीष सिसोदिया ने अहम भूमिका निभाई थी। इसी दौरान अन्ना हजारे के बाद केजरीवाल इस आंदोलन का मुख्य चेहरा बनकर उभरे।

जब पहली बार बने दिल्ली के मुख्यमंत्री

2 अक्टूबर 2012 में अरविंद केजरीवाल ने अपने राजनीतिक दल का गठन किया। फिर 24 नवंबर 2012 को आम आदमी पार्टी बनाई गई। इसी के साथ वो अपने सियासी सफर में आगे बढ़े और 2013 में उनकी आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ा जिसमें उन्होंने जीत दर्ज की। अरविंद केजरीवाल ने तीन बार मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित को जबरदस्त वोटों से हरा दिया। इसी के साथ केजरीवाल ने शीला को दिल्ली की सत्ता से बेदखल भी कर दिया। इसी के साथ 2013 के विधानसभा चुनाव में केजरीवाल की आंधी में कांग्रेस पूरी तरफ साफ हो गई। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था, लेकिन कांग्रेस के समर्थन से अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। फिर साल 2015 में चुनाव हुआ और केजरीवाल की पार्टी रिकॉर्ड सीटें जीतकर विधानसभा तक में पहुंची।

अरविंद केजरीवाल के परिवार के बारे में

इसके बाद साल 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी ने 70 में से 62 सीटें जीतीं। इसी के साथ अरविंद केजरीवाल ने 16 फरवरी 2020 को रामलीला मैदान में तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। बता दें कि अरविंद केजरीवाल का घर दिल्ली के वर्तमान मुख्यमंत्री का निवास स्थान है। केजरीवाल की निजी जिंदगी की बात की जाए तो उनकी शादी सुनीता केजरीवाल से हुई है। उनके दो बच्चे हैं, बेटी का नाम हर्षिता और बेटे का नाम पुलकित है।

यह भी पढे़ं: अरविंद केजरीवाल 2 दिन बाद देंगे सीएम पद से इस्तीफा, मनीष सिसोदिया को लेकर भी अब कर दिया बड़ा 

Updated 15:28 IST, September 15th 2024

Recommended

Live TV

Republic Bharat is Bharat's leading news channel.