Published 23:28 IST, September 14th 2024
PFI के कथित सदस्य कमाल केपी को वैधानिक जमानत पर रिहा करने का आदेश
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई)’ के कथित सदस्य कमाल के पी की वैधानिक जमानत मंजूर कर ली।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई)’ के कथित सदस्य कमाल के पी की वैधानिक जमानत मंजूर कर ली। इसी के साथ पीठ ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अदालत को नसीहत दी कि वह भविष्य में उन मामलों में इस प्रकार का रुख न अपनाए जहां मौलिक अधिकारों के प्रश्न हों।
कमाल केपी पर क्या है आरोप?
ये आदेश न्यायमूर्ति ए आर मसूदी और न्यायमूर्ति मो. फैज आलम खान की खंडपीठ ने कमाल केपी की अपील को मंजूर करते हुए दिया। आरोपी पर हाथरस में पिछले वर्ष दंगा भड़काने के प्रयास का आरोप है। मामले के एक अन्य आरोपी सिद्दिकी कप्पन की गिरफ्तारी के बाद मिले साक्ष्यों के आधार पर कमाल केपी को केरल के मल्लापुरम जिले से गिरफ्तार किया गया था।
याचिका में आरोपी ने क्या कहा?
कमाल केपी की ओर से दलील थी कि मामले में उसकी गिरफ्तारी तीन मार्च 2023 को हुई थी, इस अनुसार दो जून 2023 को उसकी गिरफ्तारी के 90 दिन पूरे हो गए। उसकी ओर से कहा गया कि 90 दिन पूरे होने के बावजूद आरोप पत्र दाखिल न होने पर उसने वैधानिक जमानत के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया, लेकिन उसके प्रार्थना पत्र को विशेष अदालत ने खारिज कर दिया।
अपील का विरोध करते हुए सरकारी अधिवक्ता ने कहा कि एक जून 2023 को ही विवेचना के लिए और समय मांगे जाने का प्रार्थना पत्र विशेष अदालत के समक्ष दाखिल कर दिया गया था एवं विशेष अदालत से मंजूरी मिलने के पश्चात 180 दिन के पूर्ण होने से काफी पहले 30 जुलाई 2023 को मामले में आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया।
कोर्ट ने की ये टिप्पणी
न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि विवेचना के लिए और समय देने का आदेश पांच जून 2023 को विशेष अदालत ने दिया। पीठ ने कहा कि विवेचना का समय बढ़ाने का उक्त आदेश दो जून या उसके पहले नहीं दिया गया, लिहाजा अभियुक्त वैधानिक जमानत का हकदार था। इन टिप्पणियों के साथ न्यायालय ने उसे वैधानिक जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।
Updated 23:28 IST, September 14th 2024