Published 10:56 IST, September 20th 2024
रामभक्तों से महाछल! तिरुपति से अयोध्या आए थे 1 लाख लड्डू, क्या उनमें भी थी जानवरों की चर्बी?
दुनिया भर में प्रसिद्ध आस्था का केंद्र तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू में पशुओं की चर्बी इस्तेमाल किए जाने को लेकर हाहाकार मचा हुआ है।
Advertisement
Tirupati Laddu Row: दुनिया भर में प्रसिद्ध आस्था का केंद्र तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू में पशुओं की चर्बी इस्तेमाल किए जाने को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। कुछ दिनों पहले ही आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने पिछली वाईएसआरसीपी सरकार पर आरोप लगाए कि पूर्ववर्ती सरकार के दौरान तिरुपति के लड्डू में पशुओं की चर्बी का इस्तेमाल किया गया था।
वहीं, लैब रिपोर्ट ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है कि लड्डू में बीफ और फिश ऑयल पाई गई है। हैरान करने वाली बात ये है कि अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा (ram mandir pran pratishtha) कार्यक्रम के दौरान 22 जनवरी को तिरुपति मंदिर से 1 लाख लड्डू भेजे गए थे। तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने ऐलान किया था कि वह राम मंदिर उद्घाटन समारोह के लिए 1 लाख लड्डू भेजेगा। अब सवाल उठ रहा है कि क्या ये भी मिलावटी लड्डू थे, जो राम मंदिर के भक्तों के लिए भेजे गए थे? क्या इन लड्डुओं में भी जानवरों की चर्बी मिलाई गई थी?
Advertisement
अयोध्या आए भक्तों को प्रसाद के तौर पर बांटी गई थी ये लड्डू
आरएसएस के मुखपत्र पांचजन्य ने तिरूपति मंदिर में लड्डू के मुद्दे को लेकर बड़ी बात कही है। मुखपत्र में छपी एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तिरुपति तिरुमाला मंदिर से 1 लाख लड्डू अयोध्या (Ayodhya) भी भेजे गए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के दिन 1 लाख लड्डू तिरुपति मंदिर से भेजे गए थे।
Advertisement
इन लड्डुओं को अयोध्या में भक्तों के बीच बांट दिया गया था। जांच में ये बात भी सामने आई है कि तिरुपति मंदिर के प्रसाद में बीफ, सुअर की चर्बी और मछली का तेल मिलाया गया था। यह सब आंध्र प्रदेश की तत्कालीन जगनमोहन रेड्डी सरकार के कार्यकाल में हुआ था।
लैब रिपोर्ट में हुआ ये खुलासा
Advertisement
टीडीपी प्रवक्ता अनम वेंकट रमण रेड्डी ने दावा किया कि प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का प्रबंधन करने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) की ओर से उपलब्ध कराए गए घी के नमूनों में गुजरात स्थित पशुधन प्रयोगशाला द्वारा मिलावट की पुष्टि की गई है। उन्होंने कथित लैब रिपोर्ट दिखाई, जिसमें दिए गए घी के नमूने में “पशु की चर्बी”, “लार्ड” (सूअर की चर्बी से संबंधित) और मछली के तेल की मौजूदगी का भी दावा किया गया है। नमूने लेने की तारीख नौ जुलाई, 2024 थी और लैब रिपोर्ट 16 जुलाई की थी।
इसे भी पढ़ें- जानवरों की जान ले रहा इंसान, 200 हाथियों को मौत के घाट उतारेगा ये देश, ऐसा करने पर क्यों मजबूर?
Advertisement
10:56 IST, September 20th 2024