Download the all-new Republic app:

Published 12:16 IST, July 13th 2024

जम्मू कश्मीर को लेकर केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, उपराज्यपाल को मिली और शक्तियां

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अब दिल्ली की तरह जम्मू कश्मीर में भी उपराज्यपाल के पास शक्तियां होंगी।

Reported by: Digital Desk
Follow: Google News Icon
  • share
अमित शाह और मनोज सिन्हा | Image: Facebook
Advertisement

Jammu Kashmir LG: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अब दिल्ली की तरह जम्मू कश्मीर में भी उपराज्यपाल के पास शक्तियां होंगी। केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर के एलजी की शक्तियों को बढ़ाया है। अहम बात ये है कि केंद्र सरकार ने ये फैसला केंद्रशासित प्रदेश में जल्द संभावित विधानसभा चुनावों से ठीक पहले लिया है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने उपराज्यपाल को अधिक शक्ति देने के लिए जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के नियमों में संशोधन किया है। MHA ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम- 2019 की धारा 55 के तहत संशोधित नियमों को अधिसूचित किया है, जिसमें एलजी को अधिक शक्ति देने वाली नई धाराएं शामिल की गई हैं। इसको लेकर गृह मंत्रालय ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है।

Advertisement

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दी मंजूरी

गृह मंत्रालय की तरफ से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 (2019 का 34) की धारा 55 के तहत मिली शक्तियों का प्रयोग करते हुए नियम में संशोधन को अपनी मंजूरी दे दी है। साथ ही अधिनियम की धारा 73 के तहत 31 अक्टूबर 2019 को जारी उद्घोषणा भी इसमें शामिल है। राष्ट्रपति ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर सरकार के कामकाज के नियम 2019 में और संशोधन करने के लिए नियम बनाए हैं। अधिसूचना में कहा गया है, 'इन नियमों को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर सरकार के कामकाज के नियम- 2024 कहा जा सकता है।'

Image

नए संसोधन के बाद जोड़े गए ये नियम

नियम 42ए: कोई भी प्रस्ताव, जिसके लिए अधिनियम के तहत पुलिस, लोक व्यवस्था, अखिल भारतीय सेवा और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के संबंध में वित्त विभाग की पूर्व सहमति की जरूरत होती है, लेकिन इसे तब तक मंजूर या नामंजूर नहीं किया जाएगा, जब तक उसे मुख्य सचिव के जरिए से उपराज्यपाल के सामने पेश ना किया गया हो।

Advertisement

नियम 42बी: अभियोजन स्वीकृति देने या अस्वीकार करने या अपील दायर करने के संबंध में कोई भी प्रस्ताव विधि, न्याय और संसदीय कार्य विभाग की तरफ से मुख्य सचिव के माध्यम से उपराज्यपाल के सामने पेश प्रस्तुत किया जाएगा।

यह भी पढ़ें: देश आज धन्यवाद दे रहा होगा ताकि फिर कोई संविधान की हत्या न कर सके- मनोज

Advertisement

11:04 IST, July 13th 2024