Published 13:30 IST, May 25th 2023
'सनातनी बनना है, राम नाम जपने से मिलता है सुकून...' बाबा बागेश्वर के दिव्य दरबार में बोली बांग्लादेश से आई मुस्‍लिम युवती
मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के परसवाड़ा में बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र शास्त्री की वनवासी रामकथा का बुधवार को अंतिम दिन था।
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मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के परसवाड़ा में बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र शास्त्री की वनवासी रामकथा का बुधवार को अंतिम दिन था। दिव्य दरबार में बांग्लादेश से आई मुस्लिम युवती ने सनातन धर्म स्वीकार किया। दरअसल हुआ ये कि बंगलादेश से एक मुस्लिम महिला यहां अपनी अर्जी लेकर पहुंची थी जो हिन्दू सनातन धर्म में आना चाहती थी। युवती ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से कहा कि वह यू-ट्यूब पर उनके कार्यक्रम देखती है। उसे रामनाम का जाप करने से उसे सुकून मिलता है। इस दौरान बाबा ने भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए लोगों को प्रेरित भी किया।
वनवासी राम कथा वाचक के अंतिम दिन यानी 24 मई की रात पंडित धीरेंद्र शास्त्री को देखने-सुनने और उनके पास अपनी समस्याओं के समाधान के लिए अर्जी लगाने के लिए भारी संख्या में भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धालुओं को देखकर बाबा धीरेन्द्र शास्त्री ने पहले दिव्य दरबार लगाया फिर प्रेत दरबार लगाकर समस्याओ का समाधान किया। इसके बाद देर रात तक राम कथा का वाचन हुआ। जानकारी अनुसार हिंदुस्तान के पड़ोसी देश बांगलादेश से एक मुस्लिम महिला बागेश्वर पीठाधीश धीरेन्द्र शास्त्री से मिलने उनकी सागर की कथा को सुनने के बाद बालाघाट के परसवाड़ा भादूकोटा तक पहुंच गई और उसने सामान्य तौर पर वहां मौजूद लोगों ने बताया कि वह बाबा से मुलाकात कर हिंदू धर्म अपनाना चाहती है।
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जिसे बागेश्वर पीठाधीश धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने वनवासी रामकथा के मंच पर दिव्य दरबार के दौरान बुलाया और उससे चर्चा करते हुए कहा कि आप अभी जिस धर्म में है वहीं रहे हम धर्मांतरण के पक्ष में नहीं है पर घर वापसी पर विश्वास करते हैं महिला का कहना था कि उसे सनातन धर्म अच्छा लगता है, हिंदू धर्म के भजन कीर्तन,कथा वह यूट्यूब में देखती सुनती है धीरेंद्र शास्त्री महाराज को वह काफी समय से फॉलो कर रही है।
हम मजहब के खिलाफ नहीं: पं. शास्त्री
बांग्लादेशी युवती का स्वागत करते हुए पं. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हम पर आरोप लगते हैं कि हम उपद्रव करवाते हैं, लेकिन हम किसी मजहब के खिलाफ नहीं है। ना ही धर्मांतरण पर भरोसा करते हैं, हमारी कोई भूमिका नहीं है, बस हमारी राम नाम की भूमिका है, लेकिन हमें घर वापसी पर भरोसा है। धीरेंद्र शास्त्री ने वनवासी रामकथा के बाद युवती से मिलने का वादा करते हुए आयुष मंत्री रामकिशोर कावरे को युवती से मिलाने की बात कही। ताकि उन्हें सनातन धर्म में स्वीकार किया जा सके। युवती ने धीरेंद्र शास्त्री से कहा कि मेरे सनातन धर्म स्वीकारने से परिवार को परेशानी उठानी पड़ सकती है, लेकिन मैं आपके भजनों से प्रेरित होकर यह कदम उठा रही हूं। सनातन धर्म से बड़ा कोई धर्म नहीं है।
Updated 13:39 IST, May 25th 2023