Published 22:38 IST, November 19th 2024

मध्यप्रदेश के गुना में खाद की कालाबाजारी से परेशान किसान की मौत: कांग्रेस का दावा

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश के गुना जिले में खाद की कथित कालाबाजारी से परेशान एक किसान की मौत हो गई, हालांकि अधिकारियों ने इस दावे को खारिज कर दिया।

Follow: Google News Icon
  • share
प्रतीकात्मक तस्वीर | Image: PTI
Advertisement

कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश के गुना जिले में खाद की कथित कालाबाजारी से परेशान एक किसान की मौत हो गई, हालांकि अधिकारियों ने इस दावे को खारिज कर दिया।

कांग्रेस ने मृतक किसान भागवत किरार का एक वीडियो साझा किया, जिसमें कथित तौर पर आरोप लगाया गया है कि कुछ अधिकारी खाद की कालाबाजारी में शामिल हैं।

Advertisement

मृतक किसान गुना जिले के धरनावदा थाने के झागर गांव का निवासी था।

हालांकि, प्रशासन ने दावा किया कि किसान शराब पीने का आदी था और बीमारी का इलाज करा रहा था। अधिकारियों ने मध्यप्रदेश में डीएपी खाद की कमी के दावों को खारिज कर दिया।

Advertisement

किरार ने वीडियो में कथित तौर पर दावा किया कि वह एक गरीब किसान है, जिसे खाद का एक दाना भी नहीं मिला है। यह भी आरोप लगाया कि आधार कार्ड के जरिए खाद का वितरण किया जाता है और कुछ लोगों ने खाद की बोरियों को 1,350 रुपये में खरीदा और उन्हें तीन हजार रुपये में बेच दिया।

किसान ने वीडियो में आरोप लगाया कि तहसीलदार और पटवारी खाद की बोरियों की कालाबाजारी में शामिल हैं।

Advertisement

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने किरार का वीडियो सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया।

उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार गेहूं और चने की बुआई के लिए डीएपी खाद की व्यवस्था करने में विफल रही है। नर्मदापुरम, मैहर और जबलपुर सहित कई क्षेत्रों के किसान खाद के इंतजार में पूरी रात जागने को मजबूर हैं।’’

Advertisement

उन्होंने कहा कि गुना जिले के बमोरी के किसान (किरार) की मौत खाद नहीं मिल पाने के कारण हुई।

उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी किसानों की समस्याओं को नहीं समझते हैं। उन्होंने यह भी आरोप है कि खाद की कालाबाजारी की जाती है और प्रशासन इसे रोकने में विफल रहा है।

सिंघार ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से हस्तक्षेप करने की मांग की।

गुना जिला प्रशासन ने कहा कि वीडियो 17 नवंबर को किरार की मौत से पहले का है।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि किरार के परिवार के सदस्यों ने पुलिस को बताया कि वह लंबे समय से ठीक नहीं थे और उनका इलाज किया जा रहा था।

प्रशासन के अनुसार, 13 नवंबर को इंदौर के गोकुलदास अस्पताल में किरार की मेडिकल जांच में उसके मस्तिष्क में खून का थक्का जमा पाया गया और चिकित्सकों ने उसे सर्जरी की सलाह दी।

हालांकि, किरार के परिवार के सदस्यों ने कहा कि वे बाद में उनका ऑपरेशन करवाएंगे। विज्ञप्ति में दावा किया गया कि किरार शराब पीने का आदी था।

विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘17 नवंबर की रात को किसान ने सीने में दर्द की शिकायत की और उसे गुना के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मध्यप्रदेश में डीएपी खाद की कोई कमी नहीं है। आपूर्ति मांग के अनुसार है।’’

22:38 IST, November 19th 2024