Published 08:41 IST, July 1st 2024
तीन नए क्रिमिनल लॉ आज से देशभर में लागू, जानें नए आपराधिक कानून के तहत क्या-क्या बदलेगा
3 New Criminal Laws Implemented: देशभर में 1 जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं। जानें नए कानूनों से क्या-क्या बदलेगा।
- भारत
- 4 min read
BNS, BNSS, BSA New Criminal Laws Implemented: देश में आज यानि 1 जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए। इसके साथ ही तीन पुराने कानून खत्म हो गए। पहले भारत में भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू थे। अब इसे बदलकर भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) लागू हो गए हैं।
चूंकि पुराने कानून देशकों से चलते आ रहे हैं। ऐसे में नए आपराधिक कानून को लागू करने में कई चुनौतियां सामने आएगी। अब देखना ये होगा कि नए आपराधिक कानून में आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए भारत सरकार कितनी तैयार है।
सुनवाई खत्म होने के 45 दिनों के अंदर सुनाएं फैसला
नए आपराधिक कानून के लागू होने के बाद से किसी भी आपराधिक मामले में सुनवाई खत्म होने के 45 दिनों के अंदर ही फैसला सुनाया जाएगा। सभी राज्य सरकार को गवाहों की सुरक्षा और सहयोग के लिए गवाह सुरक्षा योजना लागू करना होगा।
रेप पीड़िता का बयान महिला पुलिस अधिकारी करेगी दर्ज
रेप पीड़िता के बयान उनके अभिभावक, या रिश्तेदार की मौजूदगी में महिला पुलिस अधिकारी दर्ज करेगी। वहीं मेडिकल रिपोर्ट 7 दिनों के भीतर पूरी की जाएगी।
नाबालिग से गैंगरेप मामले में मौत की सजा या आजीवान कारावास
महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हो रहे अपराध के खिलाफ कड़े नियम बनाए गए हैं। चाइल्ड ट्रैफिकिंग जघन्य अपराध है और इसके लिए कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही नाबालिग के साथ गैंग रेप के लिए मौत की सजा या फिर आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है।
लड़कियों को शादी के झूठे वादे करके छोड़ने वालों के खिलाफ होगा एक्शन
शादी के झूठे वादे कर शारीरिक संबंध बनाने वालों की अब खैर नहीं होगी। जो लोग शादी के झूठे वादे करके महिलाओं के साथ शारीरिक संबंध बना लेते है और फिर बाद में उन्हें छोड़ देते हैं, उनके लिए भी नए आपराधिक कानून में सजा का प्रावधान किया गया है।
महिलाओं के साथ अपराध होने पर मुफ्त प्राथमिक और चिकित्सीय उपचार
महिलाओं के साथ हुए अपराध के मामले में पीड़िता को मुफ्त प्राथमिक और चिकित्सीय उपचार दिया जाएगा। इसके साथ ही 90 दिनों के अंदर नियमित अपडेट हासिल करने का अधिकार होगा।
14 दिनों के भीतर FIR और रिपोर्ट की कॉपी लेने का अधिकार
आरोपी और पीड़ित दोनों को 14 दिनों के भीतर FIR, पुलिस रिपोर्ट, चार्जशीट, बयान, कबूलनामे और अन्य दस्तावेजों की कॉपी प्राप्त करने का अधिकार होगा।
जीरो FIR के तहत ऑनलाइन शिकायत करें दर्ज
अब किसी भी घटना से जुड़े FIR दर्ज कराने के लिए आपको पुलिस स्टेशन आने की जरुरत नहीं है। घटना की रिपोर्ट ऑनलाइन माध्यम से भी दर्ज कराई जा सकेगी। जीरो FIR के तहत व्यक्ति किसी भी पुलिस स्टेशन में, चाहे उसका अधिकार क्षेत्र कुछ भी हो, प्राथमिकी दर्ज करा सकता है।
बच्चे खरीदने पर कड़ी सजा का प्रावधान
वेश्यावृत्ति के उद्देश्य से बच्चे को खरीदने पर कम से कम सात साल की कैद होगी और इसे 14 साल तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माना लगाया जा सकता है।
गिरफ्तार शख्स अपने पसंद के व्यक्ति को कर सकता सूचित
किसी भी गिरफ्तार व्यक्ति को अपनी स्थिति के बारे में अपने पसंद के व्यक्ति को सूचित करने का अधिकार है, ताकि उसे तत्काल सहायता मिल सके। अरेस्ट डिटेल्स पुलिस थानों और जिला मुख्यालयों में प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा, ताकि परिवार और दोस्त आसानी से इसे देख सकें।
फॉरेंसिक टीम का घटनास्थल पर जाना अनिवार्य
गंभीर अपराध के मामलों में फोरेंसिक एक्सपर्ट्स की टीम का घटनास्थल पर जाना और सबूत इकट्ठा करना अनिवार्य है।
जेंडर में ट्रांसजेंडर समुदाय शामिल
समानता को बढ़ावा देने के लिए लिंग में अब ट्रांसजेंडर समुदाय भी शामिल। महिलाओं के खिलाफ कुछ अपराधों के लिए, पीड़िता के बयान को यथासंभव महिला मजिस्ट्रेट दर्ज करेगी।
महिला मजिस्ट्रेट महिलाओं के साथ अपराध के कुछ मामलों में बयान करेगी दर्ज
अगर महिला मजिस्ट्रेट ना हो तो पुरुष मजिस्ट्रेट को महिला की उपस्थिति में बयान दर्ज कराना होगा। बलात्कार से संबंधित बयान ऑडियो-वीडियो माध्यम से दर्ज किए जाएंगे, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित हो और पीड़िता को सुरक्षा मिले।
इसे भी पढ़ें: LIVE UPDATES/ India News: NEET-UG में धांधली मामले में SC में सुनवाई, नीट-PG की नई तारीख का हो सकता ऐलान
Updated 08:41 IST, July 1st 2024