Published 17:34 IST, September 27th 2024

लालू यादव ही साजिशकर्ता, लैंड फॉर जॉब घोटाले में ED ने किया दावा; राबड़ी देवी-तेजस्वी पर भी लगे आरोप

लैंड फॉर जॉब घोटाले में ईडी ने आरोप लगाया कि लालू प्रसाद यादव ने अपने परिवार और सहयोगियों के जरिए पीओसी के अधिग्रहण को छिपाने के लिए एक आपराधिक साजिश रची।

Reported by: Digital Desk
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लैंड फॉर जॉब घोटाले में लालू और राबड़ी देवी पर आरोप लगे। | Image: Facebook
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Land for Jobs scam Case: पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव लैंड फॉर जॉब घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपनी चार्जशीट में ये दावा किया है। चार्जशीट में ED ने आरोप लगाए हैं कि लालू यादव और उनके परिवार ने रेलवे में नौकरी देने के नाम पर लोगों से रिश्वत के तौर पर जमीन के टुकड़े लिए। चार्जशीट में दावा किया गया है कि अपराध से अर्जित जमीन पर लालू प्रसाद यादव के परिवार का कब्जा है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में अपनी सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की है। ईडी ने आरोप लगाया कि लालू प्रसाद यादव ने अपने परिवार और सहयोगियों के जरिए पीओसी के अधिग्रहण को छिपाने के लिए एक आपराधिक साजिश रची। ये साजिश ऐसी थी कि अपराध से अर्जित जमीन पर कंट्रोल तो लालू परिवार का हो, लेकिन जमीन सीधे इनसे और परिवार से लिंक ना हो पाए। चार्जशीट में दावा है कि प्रोसीड ऑफ क्राइम यानी अपराध से अर्जित आय को खपाने के लिए कई इकाइयां (शैल कंपनी) खोली गई और उनके नाम पर जमीने करवाई गई।

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6 जमीनें लालू की पत्नी राबड़ी देवी से जुड़ीं

ईडी ने कहा कि जांच से पता चला है कि मुख्य रूप से पटना के महुआ बाग में भूमि मालिकों को रेलवे में नौकरी का वादा करके कम कीमत पर अपनी जमीन बेचने के लिए राजी किया गया था। इनमें से कई पार्सल यादव परिवार के पास पहले से मौजूद जमीनों के नजदीक स्थित थे। शामिल 7 में से 6 जमीनें लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी से जुड़ी थीं और इन्हें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हासिल किया गया था। साजिश को जारी रखते हुए एक करीबी सहयोगी अमित कत्याल ने ए के इन्फोसिस्टम्स का स्वामित्व, जिसके पास बहुमूल्य जमीनें थीं, मामूली कीमत पर राबड़ी देवी और लालू के बेटे तेजस्वी प्रसाद यादव को हस्तांतरित कर दिया।

'भोला यादव लेन-देन में मुख्य सूत्रधार'

लालू प्रसाद यादव के करीबी सहयोगी भोला यादव की पहचान इन लेन-देन में मुख्य सूत्रधार के रूप में हुई। उसने यादव परिवार की जमीन के पास के जमीन मालिकों को रेलवे में नौकरी के बदले में अपनी संपत्तियां बेचने के लिए राजी करने की बात स्वीकार की। ईडी ने कहा कि ये सौदे लालू प्रसाद यादव के परिवार को लाभ पहुंचाने के लिए किए गए थे, जिसमें राबड़ी देवी के निजी कर्मचारियों हृदयानंद चौधरी और ललन चौधरी जैसे बिचौलियों के माध्यम से संपत्ति हस्तांतरित की गई थी। विचाराधीन संपत्तियों को अक्सर दूर के रिश्तेदारों से उपहार के रूप में दर्शाया गया था, लेकिन लालू प्रसाद की बेटी मीसा भारती ने इन व्यक्तियों को जानने से इनकार किया।

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प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, तेजस्वी यादव ने पीएमएलए के तहत अपने बयान के दौरान स्वीकार किया कि जब वो एके इन्फोसिस्टम्स में शेयरधारक थे, तब कंपनी ने कोई व्यावसायिक गतिविधि नहीं की थी और वो इसके संचालन से संबंधित कई विवरणों से अनभिज्ञ थे। उन्होंने नई दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में संपत्ति में किए गए निवेश को भी स्वीकार किया, जो घोटाले से जुड़ा था। ये भी कहा गया है कि लालू प्रसाद यादव ने अवैध तरीकों से भूमि अधिग्रहण में किसी भी तरह की संलिप्तता से लगातार इनकार किया और लेन-देन में शामिल कंपनियों और व्यक्तियों के बारे में अनभिज्ञता का दावा किया। हालांकि, जांच ने इन दावों का खंडन किया, जिसमें नियुक्तियों और भूमि सौदों में उनकी प्रत्यक्ष भूमिका दिखाई गई। ईडी ने निष्कर्ष निकाला है कि लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार ने अपने प्रभाव और आधिकारिक पदों का इस्तेमाल निजी लाभ के लिए किया, जटिल वित्तीय चालों और संस्थाओं की एक श्रृंखला के माध्यम से अवैध लेनदेन को छुपाया।

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राउज एवेन्यू कोर्ट में 7 अक्टूबर को होनी है सुनवाई

सरकारी नौकरियों के बदले जमीन के अवैध हस्तांतरण से जुड़ा ये घोटाला जनता के विश्वास का एक बड़ा उल्लंघन और सत्ता का दुरुपयोग है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने हाल ही में लालू प्रसाद यादव, उनके बेटों तेजस्वी यादव और जमीन के बदले नौकरी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चार्जशीट किए गए अन्य आरोपियों को समन जारी किया। कोर्ट ने तेज प्रताप यादव को भी समन जारी किया। कोर्ट ने अखिलेश्वर सिंह के साथ-साथ उनकी पत्नी किरण देवी को भी समन किया है। विशेष सीबीआई जज विशाल गोगने ने लालू प्रसाद यादव और उनके दो बेटों और अन्य छह आरोपियों को समन जारी किया। उन्हें 7 अक्टूबर को पेश होने का निर्देश दिया गया है।

प्रवर्तन निदेशालय ने 6 अगस्त को 11 आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था। इनमें से चार की मौत हो चुकी है। तेज प्रताप यादव के खिलाफ ईडी ने आरोप पत्र दाखिल नहीं किया था, लेकिन अदालत ने समन जारी करने के लिए उनके खिलाफ पर्याप्त सामग्री पाई। तेज प्रताप यादव को जमीन के बदले नौकरी मामले में पहली बार तलब किया गया है।

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17:34 IST, September 27th 2024