Published 16:48 IST, July 21st 2024
बजट प्लान से आर्थिक सर्वे और संसद में पेश करने तक, जान लीजिए Budget के पीछे की पूरी प्रक्रिया
Budget 2024: इस मंगलवार को 2024-25 का पूर्ण बजट और मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट संसद में पेश किया जाएगा। बजट की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं।
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Union Budget 2024: इस मंगलवार को 2024-25 का पूर्ण बजट और मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट संसद में पेश किया जाएगा। सभी की निगाहें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से की जाने वाली प्रमुख घोषणाओं और अर्थव्यवस्था के बारे में सरकार के दूरदर्शी मार्गदर्शन पर होंगी। इस आगामी बजट को पेश करने के साथ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ देंगी, जिन्होंने वित्त मंत्री के रूप में 1959 और 1964 के बीच 5 वार्षिक बजट और एक अंतरिम बजट पेश किया था। सीतारमण का आगामी बजट भाषण उनका 7वां होगा। सीतारमण ने मनमोहन सिंह, अरुण जेटली, पी. चिदंबरम और यशवंत सिन्हा को पहले ही पीछे छोड़ दिया है, जिन्होंने 5-5 बजट पेश किए थे।
खैर, मोदी सरकार 3.0 फिलहाल अपना पहला बजट पेश करने को लेकर पूरी तरह तैयार है। संसद का बजट सत्र 22 जुलाई से शुरू होगा और अगले ही दिन 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। तय कार्यक्रम के अनुसार संसद का बजट सत्र 12 अगस्त को समाप्त होगा। हालांकि आगामी बजट के विवरण को एक तरफ रखते हुए बजट बनाने की प्रक्रिया और आम तौर पर अपनाई जाने वाली घटनाओं के क्रम को जानने की कोशिश करते हैं।
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वित्त मंत्रालय कैसे तैयार करता है बजट?
वित्त मंत्रालय आम तौर पर सभी मंत्रालयों, केंद्र शासित प्रदेशों, राज्यों और स्वायत्त संस्थाओं को सितंबर-अक्टूबर के आसपास केंद्रीय बजट के लिए अपनी मांगें और सिफारिशें भेजने के लिए कहता है। आम तौर पर 1 फरवरी को बजट पेश किया जाता है। इसके बाद मंत्रालय और विभाग अपने बजट अनुमान पेश करते हैं, जिसमें अगले वित्तीय वर्ष के लिए उनकी व्यय जरूरत और राजस्व अनुमानों की रूपरेखा होती है।
वित्त मंत्रालय और वित्त मंत्री बजट के लिए उनके विचार और मांगें जानने के लिए अलग-अलग हितधारकों के साथ बजट से पहले बैठकें करते हैं। ये बैठकें राज्य प्रतिनिधियों, बैंकरों, कृषकों, अर्थशास्त्रियों, ट्रेड यूनियनों, एमएसएमई और अन्य सेक्टर के साथ आयोजित की जाती हैं। बजट तैयार करने के हिस्से के रूप में वित्त मंत्रालय ने इस साल अर्थव्यवस्था के अलग-अलग हितधारकों के साथ कई बार विचार-विमर्श किया।
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बजट से पहले हलवा सेरेमनी
बजट पेश होने से पहले एक और महत्वपूर्ण कार्यक्रम 'हलवा सेरेमनी' का होता है। बजट पेश होने से कुछ दिन पहले सरकार में 'हलवा समारोह' आयोजित करने की परंपरा है, जो बजट दस्तावेज की छपाई की शुरुआत का प्रतीक है। नॉर्थ ब्लॉक में स्थित बेसमेंट के अंदर केंद्रीय बजट की छपाई 1980 से एक स्थायी विशेषता रही है। इस साल 2024-25 के पूर्ण बजट के लिए 'हलवा सेरेमनी' 16 जुलाई को वित्त मंत्री सीतारमण, राज्य मंत्री पंकज चौधरी और सचिवों की उपस्थिति में नॉर्थ ब्लॉक में आयोजित की गई। इस मौके पर बजट प्रक्रिया में शामिल अधिकारी और कर्मचारी भी मौजूद थे।
'हलवा सेरेमनी' का एक दिलचस्प पहलू ये है कि ये वित्त मंत्रालय में तालाबंदी की शुरुआत का भी प्रतीक है। इसका अर्थ है कि बजट प्रक्रिया में शामिल किसी भी अधिकारी को मंत्रालय परिसर छोड़ने की अनुमति नहीं है। बजट टीम के सभी लोगों को संसद में वित्तीय दस्तावेज पेश किए जाने के बाद ही बाहर जाने की अनुमति मिलती है। इस बीच में वो कड़ी निगरानी में रहते हैं।
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बजट से पहले आर्थिक सर्वे जारी करना
बजट पेश किए जाने से एक दिन पहले सरकार आमतौर पर अपना आर्थिक सर्वेक्षण पेश करती है। आर्थिक सर्वेक्षण देश में आर्थिक रुझानों को सामने लाता है। ये संसाधनों के जुटाव, केंद्रीय बजट में उनके आवंटन का बेहतर आकलन करने में मदद करता है। आर्थिक सर्वेक्षण कृषि और औद्योगिक उत्पादन, बुनियादी ढांचे, रोजगार, मुद्रा आपूर्ति, कीमतों, आयात, निर्यात, विदेशी मुद्रा भंडार और अन्य प्रासंगिक आर्थिक कारकों के रुझानों का विश्लेषण करता है जिनका बजट पर असर पड़ता है। इसे मुख्य आर्थिक सलाहकार तैयार करते हैं।
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बताया जाता है कि पहला आर्थिक सर्वेक्षण 1950-51 में अस्तित्व में आया था, जब ये बजट दस्तावेजों का हिस्सा हुआ करता था। 1960 के दशक में इसे बजट दस्तावेजों से अलग कर दिया गया था और केंद्रीय बजट से एक दिन पहले पेश किया गया था। कई लोग आर्थिक सर्वेक्षण के केंद्रीय विषय पर नजर रख रहे होंगे।
बजट पर संसद में होगी है गहन चर्चा
बजट पर संसद के दोनों सदनों में विस्तृत बहस और चर्चा की जाती है, जिससे सदस्यों को इसके प्रावधानों की जांच करने, चिंताएं व्यक्त करने और संशोधन प्रस्तावित करने का अवसर मिलता है। संसद में पारित करने और फिर मंजूरी के बाद बजट के प्रावधानों को लागू करने और बाकी आगे की प्रक्रिया की जाती है।
बजट वाले दिन वित्त मंत्री का शेड्यूल क्या होगा?
बजट वाले दिन सुबह वित्त मंत्री नॉर्थ ब्लॉक जाएंगी, जहां वित्त मंत्रालय स्थित है। वो अपने मंत्रालय के सचिवों से मिलेंगी और बाद में उनके साथ बजट पेश करने से पहले अनुमति लेने के लिए राष्ट्रपति के आवास पर पहुंचेंगी। बजट पेश किए जाने से आधे घंटे पहले आमतौर पर प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक होती है, जहां मंत्रियों को बजट के बारे में जानकारी दी जाती है और कैबिनेट की मंजूरी ली जाती है। यहां से मंजूरी मिलने के बाद वित्त मंत्री संसद भवन पहुंचती हैं, उसके पहले एक फोटो सेशन भी होता है। पिछले कुछ पूर्ण केंद्रीय बजटों की तरह बजट 2024 भी पेपरलैस होगा।
16:48 IST, July 21st 2024