Published 23:45 IST, August 23rd 2024
Jharkhand News: लापता विमान का कोई सुराग नहीं, इंडियन नेवी का खोज अभियान जारी
झारखंड के जमशेदपुर से 20 अगस्त को उड़ान भरने के बाद लापता हुए प्रशिक्षण विमान का अब तक पता नहीं चल सका है तथा चौथे दिन भी बांध में इसकी तलाश जारी रही।
- भारत
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झारखंड के जमशेदपुर से 20 अगस्त को उड़ान भरने के बाद लापता हुए प्रशिक्षण विमान का अब तक पता नहीं चल सका है तथा शुक्रवार को चौथे दिन भी बांध में इसकी तलाश जारी रही। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। दो सीट वाले विमान में सवार प्रशिक्षु पायलट और उसके प्रशिक्षक के शव बृहस्पतिवार को चांडिल बांध में मिले।
चांडिल की अनुमंडल पदाधिकारी शुभ्रा रानी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “लापता सेसना-152 विमान का अब तक पता नहीं चल पाया है।” भारतीय नौसेना की एक टीम ने बृहस्पतिवार को खोज अभियान शुरू किया था तथा शुक्रवार को भी अभियान जारी रखा, लेकिन सफलता नहीं मिली। पहले दिन स्थानीय अधिकारियों और वन विभाग ने विमान की खोज की, जबकि 21 अगस्त को एनडीआरएफ की टीम को यह कार्य सौंपा गया।
सरायकेला-खरसावां जिला प्रशासन के अनुरोध पर विशाखापत्तनम से आई नौसेना टीम ने लापता विमान का पता लगाने के लिए चांडिल बांध जलाशय में फिर से तलाश अभियान शुरू किया है। ‘सेसना-152’ प्रशिक्षण विमान अलकेमिस्ट एविएशन प्राइवेट लिमिटेड का था। कंपनी के महाप्रबंधक रबि भूषण पाठक ने कहा कि नौसेना कर्मियों ने तलाशी अभियान के लिए बांध में एक विशिष्ट क्षेत्र चिह्नित किया है, लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिली है।
परिजनों को सौंपा गया पायलट-इन-कमांड कैप्टन का शव
अधिकारियों ने बताया कि प्रशिक्षु पायलट शुभ्रोदीप दत्ता और ‘पायलट-इन-कमांड कैप्टन’ जीत सतरू आनंद के शवों को पोस्टमार्टम के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया गया। दत्ता जमशेदपुर के पास आदित्यपुर के निवासी थे। पाठक ने बताया कि कैप्टन सतरू का पार्थिव शरीर उनके परिवार के सदस्यों द्वारा अंतिम संस्कार के लिए पटना ले जाया गया।
विमान मंगलवार को सोनारी हवाई अड्डे से उड़ान भरने के बाद लापता हो गया था, जिसके बाद बांध के जलाशय सहित आस-पास के इलाकों में तलाशी अभियान शुरू किया गया था। ग्रामीणों का दावा था कि विमान जलाशय में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। अलकेमिस्ट एविएशन ने एक बयान में कहा कि दुर्घटना के कारणों के बारे में टिप्पणी करना अभी जल्दबाजी होगी। इसने कहा, ‘‘विमान में 80 लीटर ईंधन था और यह साढ़े चार घंटे तक उड़ान भरने में सक्षम था तथा उड़ान का समय एक घंटा निर्धारित था।’’
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Updated 23:45 IST, August 23rd 2024