Published 07:33 IST, September 13th 2024
Jharkhand: राज्य में रह रहे हैं अवैध बांग्लादेशी प्रवासी, उच्च न्यायालय को बताया
केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को झारखंड उच्च न्यायालय को अवगत कराया कि राज्य में अवैध बांग्लादेशी प्रवासी रह रहे हैं।
केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को झारखंड उच्च न्यायालय को अवगत कराया कि राज्य में अवैध बांग्लादेशी प्रवासी रह रहे हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद और न्यायमूर्ति अरुण कुमार राय की खंडपीठ के समक्ष दायर हलफनामे में केंद्र ने कहा कि बांग्लादेशी अवैध रूप से साहिबगंज और पाकुड़ जिलों के रास्ते झारखंड में दाखिल हुए हैं।
इसमें कहा गया है कि…
हलफनामे में ‘दानपत्र’ (उपहार) के आधार पर आदिवासियों की भूमि मुसलमानों को हस्तांतरित करने का भी उल्लेख किया गया है। इसमें कहा गया है कि आदिवासियों के ‘‘बड़े स्तर पर धर्मांतरण और उनके बीच कम जन्म दर’’ के कारण आदिवासी आबादी में ‘‘काफी कमी’’ आई है।
गृह मंत्रालय में अवर सचिव के पद पर तैनात प्रताप सिंह रावत द्वारा दायर हलफनामे के अनुसार, संथाल परगना से आदिवासियों का पलायन भी मूल निवासियों की घटती आबादी का एक कारण है। अदालत संथाल परगना में आदिवासियों के धर्मांतरण पर सोमा उरांव द्वारा दायर जनहित याचिका और बांग्लादेशियों के अवैध प्रवास पर दानियाल दानिश द्वारा दायर एक अन्य जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी। अपनी याचिका में उरांव ने दावा किया है कि संथाल परगना में आदिवासियों का धर्म परिवर्तन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि योजनाबद्ध तरीके से आदिवासियों को दूसरा धर्म अपनाने के लिए बहकाया जा रहा है। दानिश ने दावा किया कि अवैध अप्रवासियों ने जमीन खरीदना शुरू कर दिया है और खुद को राज्य का निवासी साबित करने के लिए उन्होंने झूठे दस्तावेज बनाए हैं।
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Updated 07:33 IST, September 13th 2024