Published 20:50 IST, June 16th 2024
एफिल टावर से ऊंचा और भूकंप का भी असर नहीं, दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब ब्रिज पर ट्रेन का सफल ट्रायल
चिनाब नदी पर इस ब्रिज को 359 मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया है। यह ब्रिज दो पहाड़ों को बहुत ज्यादा ऊंचाई पर जोड़ता है, जो इंजानियरिंग का अद्भुत कारनामा है।
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World Highest Railway Bridge: भारत ने रेलवे के सफर में आज एक नया अध्याय जोड़ दिया है। जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में खूबसूरत चिनाब नदी के ऊपर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेल पुल पर पहला ट्रेन ट्रायल सफलतापूर्वक कर लिया गया है। इस ट्रायल को पूरा कर भारतीय रेलवे ने नया इतिहास रच दिया है। उत्तरी रेलवे के मुताबिक चिनाब ब्रिज पेरिस के एफिल टावर से भी ऊंचा है।
चिनाब नदी पर इस ब्रिज को नदी के तल से 359 मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया है। यह ब्रिज दो पहाड़ों को बहुत ज्यादा ऊंचाई पर जोड़ता है, जो इंजानियरिंग का एक अद्भुत कारनामा है। इस आर्च रेलवे पुल की मदद से जम्मू-कश्मीर देश के बाकी हिस्सों से रेल की मदद से जुड़ गया है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने X पर पोस्ट करते हुए लिखा- 'चिनाब ब्रिज को पार करने सहित रियासी तक पहली ट्रायल ट्रेन सफलतापूर्वक चलाई गई। USBRL के लिए सभी निर्माण कार्य लगभग पूरे हो चुके हैं। सिर्फ सुरंग नंबर-1 का काम आंशिक रूप से अधूरा है।
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जल्द शुरू होंगी सेवाएं
रेलवे अधिकारियों ने रेलवे पुल-चिनाब रेल ब्रिज का व्यापक निरीक्षण किया। लाइन पर जल्द ही रेल सेवाएं शुरू होंगी। इस पुल को इस तरह बनाया गया है कि भूकंप भी बेअसर रहेगा। इतना ही नहीं, ब्लास्ट प्रूफ होने की वजह से इस पर धमाकों का भी असर नहीं होगा। इसपर ट्रेनें भी फर्राटे भरती नजर आएंगे। इस पुल की क्षमता 266 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलने वाली हवाओं को झेलने की है।
2 दशक में बनकर तैयार
चिनाब ब्रिज माइनस 10 डिग्री से लेकर 40 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान को झेलने में सक्षम है। इसे बनाने के लिए 2002 स्वीकृति मिली थी, लेकिन काम 2 साल बाद 2004 शुरू हुआ था। इस ब्रिज को तैयार होने में करीब दो दशक का समय लगा है। निर्माण में इतनी देरी सबसे बड़ा कारण इसका डिजाइन था।
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20:30 IST, June 16th 2024