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पब्लिश्ड 14:16 IST, September 27th 2024

यूट्यूब चैनल बंद करने का उच्च न्यायालय का निर्देश ‘अनुचित’ और ‘असंगत’: न्यायालय

उच्चतम न्यायालय ने उस निर्देश को ‘अनुचित’ और ‘असंगत’ बताया जिसमें यूट्यूबर को जमानत देने की शर्तों के तहत अपना चैनल ‘रेडपिक्स 24x7’ बंद करने का निर्देश दिया गया

YouTube | Image: Unsplash

उच्चतम न्यायालय ने मद्रास उच्च न्यायालय के उस निर्देश को शुक्रवार को ‘‘अनुचित’’ और ‘‘असंगत’’ बताया जिसमें यूट्यूबर फेलिक्स जेराल्ड को जमानत देने की शर्तों के तहत अपना चैनल ‘रेडपिक्स 24x7’ बंद करने का निर्देश दिया गया था।

शीर्ष अदालत ने छह सितंबर के अपने उस आदेश को भी बरकरार रखा, जिसके तहत जेराल्ड को चैनल को बंद करने की शर्त के बिना जमानत दी गई थी। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने यूट्यूबर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन की दलीलों पर गौर करने के बाद कहा, ‘‘छह सितंबर के जमानत आदेश की पुष्टि की जाती है।’’

'जेराल्ड को पहले ही जमानत पर रिहा किया जा चुका है'

पीठ ने इस बात पर गौर किया कि उसके पहले जारी आदेश के तहत जेराल्ड को पहले ही जमानत पर रिहा किया जा चुका है। पीठ ने कहा, ‘‘उच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई जमानत की शर्तों में से वह शर्त अनुचित और असंगत है जिसमें उनसे अपना यूट्यूब चैनल बंद करने को कहा गया है। तदनुसार, हम उस शर्त को खारिज करते हैं।’’

पीठ ने साथ ही कहा कि जमानत की अन्य शर्तें लागू रहेंगी। जेराल्ड को अपने यूट्यूब चैनल पर एक अन्य यूट्यूबर सवुक्कू शंकर का ‘‘आपत्तिजनक’’ साक्षात्कार प्रसारित करने के लिए गिरफ्तार किया गया था।

शंकर ने साक्षात्कार के दौरान मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों और राज्य की महिला पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कुछ टिप्पणियां की थीं। उच्च न्यायालय ने दोनों यूट्यूबर को जमानत देते हुए जेराल्ड को एक शर्त के रूप में अपना चैनल बंद करने को कहा था। इससे पहले शीर्ष अदालत की पीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था और चैनल को बंद करने के विशेष निर्देश पर रोक लगा दी थी ।

'कोर्ट ने अन्य शर्तों का पालन करने को कहा था'

हालांकि, न्यायालय ने उनसे जमानत की अन्य शर्तों का पालन करने को कहा था। प्रधान न्यायाधीश ने कहा था, ‘‘आप न्यायपालिका और सभी महिला आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ अपमानजनक आरोप लगा रहे हैं। आप इस तरह के साक्षात्कार क्यों करते हैं?’’

यूट्यूबर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने कहा था कि इस तरह का साक्षात्कार नहीं दिखाया जाना चाहिए था। वरिष्ठ वकील ने साथ ही कहा था कि चैनल के 24 लाख ‘सब्सक्राइबर’ हैं और इसे बंद करने का निर्देश कठोर है।

पीठ ने कहा कि वह जेराल्ड की याचिका को सवुक्कु शंकर द्वारा दायर लंबित याचिकाओं के साथ नहीं जोड़ेगी। शंकर (48) को कोयंबटूर पुलिस ने चार मई को दक्षिणी थेनी से गिरफ्तार किया था। यूट्यूबर के खिलाफ थेनी पुलिस ने कथित तौर पर 'गांजा' रखने का मामला भी दर्ज किया है।

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अपडेटेड 14:17 IST, September 27th 2024

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